बंगाल: बीरभूम में कई घरों को लगाई आग, 8 की मौत, केंद्र ने ममता सरकार से जवाब मांगा
आरोप लग रहा है कि एक टीएमसी नेता की हत्या के बाद इस अग्निकांड को अंजाम दिया गया.
Advertisement
पश्चिम बंगाल में बीरभूम के रामपुरहाट में मंगलवार, 22 मार्च को करीब एक दर्जन घर जला दिए गए. इस घटना में कम से कम आठ लोगों की मौत हुई है. आरोप लगाया जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस के एक नेता की हत्या का बदला लेने के लिए ऐसा किया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया है. डीजीपी मनोज मालवीय ने बताया कि अब तक आठ शव बरामद किए गए हैं, जिसमें से सात शव एक ही घर से मिले हैं. इस मामले की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है और रामपुरहाट के एसडीपीओ (सब-डिविजनल पुलिस अधिकारी) को निलंबित कर दिया गया है.
अखबार के मुताबिक घटना को लेकर डीजीपी मालवीय ने कहा,
'आग में सात से आठ घर जलकर खाक हो गए. बीती रात तीन घायलों को बचा लिया गया था. उनमें से एक की आज मौत हो गई. साथ ही, जब आग पर काबू पाया गया, तो पुलिस अधिकारियों की एक टीम को सात जले हुए शव मिले थे. एक ही घर से सातों शव बरामद किए गए. इस घटना में कुल आठ लोगों की मौत हो गई है.'मालवीय ने आगे कहा,
'इस बात को लेकर जांच चल रही है कि स्थानीय उप ग्राम प्रधान की मौत का बदला लेने के लिए आग लगाई गई थी या किसी अन्य कारण से आग लगी थी. इस मामले में अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. हत्या की धारा के तहत एक एफआईआर पहले ही दर्ज की जा चुकी है और आग से संबंधित एक और (एफआईआर) जल्द ही दर्ज की जाएगी.'राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने घटना की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआईडी) ज्ञानवंत सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है.
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने घेरा
इस घटना के तुरंत बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ट्वीट कर मुख्य सचिव से जानकारी मांगी है. उन्होंने ट्वीट कर कहा,'बीरभूम, रामपुरहाट में भयावह घटना हुई है. यह दर्शाता है कि राज्य हिंसा और अराजकता की चपेट में है. पहले ही आठ लोगों की मौत हो चुकी है. मुख्य सचिव से घटना पर तत्काल अपडेट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है. मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं.'
Horrifying violence and arson orgy #Rampurhat #Birbhum indicates state is in grip of violence culture and lawlessness. Already eight lives lost.
Have sought urgent update on the incident from Chief Secretary. My thoughts are with the families of the bereaved. pic.twitter.com/vtI6tRJcBX — Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) March 22, 2022
राजनीति शुरू
हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि राज्यपाल का यह बयान उचित नहीं है. इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक जगदीप धनखड़ को लिखे एक पत्र में ममता बनर्जी ने यह भी आग्रह किया है कि उन्हें इस तरह की टिप्पणी करने से बचना चाहिए. उन्होंने संकेत दिया कि यह किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकता है. वहीं इस मामले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 72 घंटे के भीतर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है. बंगाल भाजपा प्रमुख सुकंता मजूमदार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बैठक के बाद कहा कि मंत्रालय का एक संयुक्त सचिव स्तर का अधिकारी जल्द बंगाल का दौरा करेगा. उन्होंने मांग की कि ममता बनर्जी को तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए. इसके अलावा बीजेपी की बंगाल ईकाई ने अमित शाह को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि राज्य की कानून व्यवस्था लगातार बिगड़ रही है. भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि बंगाल में लोकतंत्र को खत्म किया जा रहा है. उन्होंने ममता बनर्जी सरकार पर आगजनी करने वालों को बचाने का आरोप लगाया है. गौरव भाटिया ने कहा,'राज्य में अधिकांश हिंसा असामाजिक तत्वों द्वारा की जाती है, जिन्हें ममता बनर्जी की सरकार से सुरक्षा प्राप्त है. ये तत्व लोगों के घरों में जाते हैं, उन्हें बाहर से बंद कर देते हैं और घरों में आग लगा देते हैं.'गौरव भाटिया ने आगे कहा,
'कानून व्यवस्था के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या बंगाल में जान की कोई कीमत नहीं है? बंगाल में बम फेंकना आम बात क्यों हो गई है? लोगों को बताया जाता है कि असामाजिक तत्व टीएमसी के हैं. ममता बनर्जी बंगाल को 'बदलापुर' बनाना चाहती हैं. बंगाल में कैसे होगी स्वतंत्र जांच? अगर कोई शर्म बाकी है, तो ममता बनर्जी को एक स्वतंत्र एजेंसी को जांच करने की अनुमति देनी चाहिए.'बंगाल भाजपा ने बीरभूम की घटना को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया है. पार्टी ने आरोप लगाया है कि कथित रूप से स्थानीय तृणमूल नेता की हत्या का बदला लेने के लिए हत्याकांड की योजना बनाई गई थी. उधर टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने दावा किया कि यह घटना राजनीति से जुड़ी नहीं है. उन्होंने कहा,
'रामपुरहाट में आग लगने से हुई मौतें दुर्भाग्यपूर्ण हैं. लेकिन इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. यह स्थानीय संघर्ष है. कल टीएमसी के डिप्टी ग्राम प्रधान की हत्या कर दी गई थी. वह लोकप्रिय थे. लोग गुस्से में थे. आग की घटना रात में हुई. पुलिस और दमकल अधिकारी कार्रवाई कर रहे हैं.'बता दें कि इससे पहले बीरभूम के रामपुरहाट में ही बीते सोमवार, 21 मार्च को टीएमसी पंचायत नेता भादू शेख की हत्या कर दी गई थी. वह रामपुरहाट ब्लॉक 1 के बारीशल ग्राम पंचायत में उप प्रधान थे. आजतक की रिपोर्ट के मुाताबिक उन पर सोमवार रात को बम फेंका गया था. भादू शेख के साथ जब यह घटना हुई उस समय वह बोगतुई क्रॉसिंग लेन के पास खड़े थे. तभी दो मोटरसाइकिल पर चार लोग आए और उन पर देसी बम फेंककर चले गए. शेख को गंभीर चोटें आईं और उन्हें रामपुरहाट के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. इस घटना के बाद ही कई घरों को जलाया गया है, इसलिए यह माना जा रहा है कि यह राजनीतिक प्रतिशोध है. राजनीतिक हिंसा पश्चिम बंगाल की एक नेगेटिव इमेज बनाती है. यहां इसके कई मामले सामने आते रहे हैं. करीब एक हफ्ते पहले भी राज्य के दो काउंसिलर्स की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इनमें से एक कांग्रेस से ताल्लुक रखते थे, जबकि दूसरे काउंसिलर टीएमसी के थे.