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वक्फ संशोधन बिल राज्यसभा में भी पास हुआ, 12 घंटे की चर्चा के बाद सरकार के पक्ष में पड़े 128 वोट

राज्यसभा चेयरमैन जगदीप धनखड़ ने वोटिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद परिणाम बताया. उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन बिल, 2025 के समर्थन में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े हैं. अब यह बिल राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा.

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waqf amendment bill clearance in rajya sabha after voting
करीब 12 घंटे की चर्चा की बाद राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल पास. (तस्वीर:संसद टीवी)
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शुभम सिंह
3 अप्रैल 2025 (Published: 02:34 AM IST) कॉमेंट्स
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वक्फ संशोधन बिल, 2025 लोकसभा में पास (Waqf Amendment bill) होने के बाद राज्यसभा में पेश हुआ. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ के सांसदों ने अपनी राय रखी. ये चर्चा रात लगभग 1 बजे तक चली. तमाम संशोधनों की मांग से गुजरते हुए लगभग ढाई बजे के बिल पर वोटिंग हुई. नतीजा अनुमान के मुताबिक ट्रेजरी बेंच के पक्ष के गया.

समर्थन में 128, विरोध में 95 वोट  

राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनखड़ ने वोटिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद परिणाम बताया. उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन बिल, 2025 के समर्थन में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े हैं. अब यह बिल राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा.

लोकसभा में 2 अप्रैल की देर रात को वक्फ संशोधन बिल 2025 पास होने के बाद इसे राज्यसभा में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने 3 अप्रैल को पेश किया. दिनभर चली चर्चा के दौरान दोनों पक्षों के सांसदों में काफी गहमा-गहमी देखने को मिली.

राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गृह मंत्री अमित शाह से अपील की कि वे इसे प्रेस्टिज का इश्यू न बनाएं. उन्होंने कहा कि यह बिल मुसलमानों के लिए अच्छा नहीं है और संविधान के खिलाफ है. वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्‌डा ने कहा कि उनकी सरकार ने कांग्रेस की तुलना में वक्फ बिल को लेकर अधिक गंभीरता दिखाई है.

बिल पर वोटिंग 3 अप्रैल को होनी तय थी क्योंकि कई पार्टियों ने व्हिप जारी किया था. व्हिप एक लिखित आदेश होता है जिसे मानना सभी पार्टी सदस्यों के लिए जरूरी होता है. हालांकि, बीजू जनता दल (BJD) ने वक्फ बिल पर अपने सांसदों को कोई व्हिप जारी नहीं किया. पार्टी ने कहा कि सातों सांसद अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर बिल पर फैसला लें.

यह भी पढ़ें:वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पास, पक्ष में कितने वोट पड़े?

लोकसभा में बिल को पारित करने के लिए कम से कम 272 वोटों की जरूरत थी. जहां बिल के समर्थन में 288 वहीं, विरोध में 232 वोट पड़े.

राज्यसभा में बिल पारित होने के लिए 118 वोटों की जरूरत थी. सरकार को भरोसा था कि उसे छोटी पार्टियों और मनोनीत सदस्यों का भी समर्थन मिलेगा. उधर, BJD के स्टैंड ने सरकार का रास्ता और आसान कर दिया.

इससे पहले अगस्त, 2024 में वक्फ संशोधन बिल को सदन में लाया गया था. तब विपक्ष के विरोध के बाद बिल को समीक्षा के लिए जेपीसी को सौंप दिया गया था. जेपीसी की सिफारिश के बाद बदलाव के साथ बिल को फिर से लोकसभा में पेश किया गया.

वीडियो: संसद में आज: राज्यसभा में वक्फ अमेंडमेंट बिल पर चर्चा के दौरान क्या हुआ?

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