The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • v k pandian joins bjd used to be a former personal secretory of cm of odisha naveen patnaik

नवीन पटनायक की विरासत किसे मिलेगी, इशारा हो गया है

वीके पांड्यन को नवीन पटनायक की आंख, नाक और कान ऐसे ही नहीं कहा जाता.

Advertisement
Former beaurocrat V. K. Pandian joins BJD in presence of Odisha's CM Naveen Patnaik.
पूर्व ब्यूरोक्रेट वी. के. पांड्यन 27 नवंबर को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की मौजूदगी में BJD में शामिल हुए. (फोटो क्रेडिट - X)
27 नवंबर 2023 (Updated: 27 नवंबर 2023, 06:26 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

लंबे वक्त तक ओडिशा के सबसे ताकतवर नौकरशाह और आलोचकों की भाषा में ‘ओडिशा के डी फैक्टो सीएम’ रहे वी.के. पांड्यन 27 नवंबर को आधिकारिक रूप से बीजू जनता दल (BJD) में शामिल हो गए (V K Pandian joins BJD). पांड्यन 2000 बैच के पूर्व IAS अफसर हैं. सूबे के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निजी सचिव रहे पांड्यन ने एक महीना पहले ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वॉलेंटियरी रिटायरमेंट VRS) ले ली थी. तारीख थी 23 अक्टूबर 2023. आज जब वो BJD में शामिल हुए, तब BJD सुप्रीमो नवीन पटनायक भी मौजूद थे. BJD ने X पर लिखा,

"'विज़न 5टी' और ‘नबीन ओडिशा’ के अध्यक्ष वी. के. पांड्यन BJD में शामिल हुए. वे पार्टी के अध्यक्ष और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के मजबूत नेतृत्व में राज्य में बदलाव लाने के काम को और आगे बढ़ाएंगे. वी. के. पांड्यन के शामिल होने से आम लोगों के अधिकारों और नबीन ओडिशा बनाने का पार्टी का संकल्प और मजबूत होगा."

ये भी पढ़ें- IAS रैली कर रहा, मंत्री-विधायक-सांसद तैयारी में जुटे, CM चुप हैं, ओडिशा में हो क्या रहा है?

नवीन पटनायक ने भी इस बारे में एक पोस्ट किया. उन्होंने लिखा,

"वी. के. पांड्यन का BJD में स्वागत करते हुए बहुत खुशी हो रही है. वे कई सालों से ओडिशा के लोगों के लिए बहुत मेहनत कर रहे हैं. इसके चलते उन्होंने लोगों के मन में अपने लिए सम्मान और भरोसा जीता है. मुझे पूरा भरोसा है कि पांड्यन आगे भी पार्टी के सदस्य के रूप में ऐसा करना जारी रखेंगे. उन्हें बहुत-बहुत शुभकामनाएं."

कौन हैं वी. के. पांड्यन?

अगर आप ओडिशा की राजनीति में दिलचस्पी रखते हैं और नहीं जानते कि वीके पांड्यन कौन हैं, तो आपके नंबर काटे जा सकते हैं. क्योंकि ओडिशा पॉलिटिक्स में पांड्यन एक अनिवार्य चैप्टर है. और ऐसा आज से नहीं, 2011 से है, जब वो मुख्यमंत्री के निजी सचिव बने. पांड्यन ने अक्टूबर 2023 में जब वीआरएस लिया था, तब उनके लिए कैबिनेट मंत्री के बराबर एक पद का सृजन हुआ और दो ज़िम्मेदारियां दी गईं - 5T विभाग और नबीन ओडिशा योजना का अध्यक्ष पद. 

वैसे वो मूलतः तमिलनाडु से आते हैं. तब ओडिशा से उनका संबंध कैसा? तो जवाब ये है कि 2000 बैच में IAS में बहाल होते हुए उन्हें काडर ओडिशा का मिला था. उन्होंने कालाहांडी जिले के धर्मगढ़ में डिप्टी-कलेक्टर के पद से अपने करियर की शुरुआत की थी. वे बाद में मयूरभंज और गंजम जिले के कलेक्टर भी रहे. उनकी पत्नी सुजाता कार्तिकेयन भी 2000 बैच की ही IAS हैं. वो सूबे में कमिश्नर, मिशन शक्ति हैं. 

वक्त आगे बढ़ा, पांड्यन प्रमोट होते रहे. और अंततः सीएम के निजी सचिव हो गए. तभी से वो मुख्यमंत्री की आंख, नाक और कान माने जाते हैं. इस बात में कितना दम है, पूछने पर ओडिशा के पत्रकार एक किस्सा सुनाते हैं. 2 जून 2023 को ओडिशा के बालेश्वर में एक भयानक रेल हादसा हुआ. 296 लोगों की मौत हुई और 1200 से ऊपर घायल हुए. इस हादसे के कुछ रोज़ बाद जून महीने में ही बालेश्वर में पांड्यन का एक ‘कार्यक्रम’ हुआ. इस ‘कार्यक्रम’ की तैयारी में ओडिशा के मंत्री से लेकर संत्री तक, हर शख्स तैनात था. अगले दिन अखबारों में भी तस्वीरें छपीं. विपक्षी भाजपा और कांग्रेस ने इसे किसी नेता के दौरे की तरह बताया और पांड्यन पर इल्ज़ाम लगाया कि वो सरकारी नौकर होते हुए राजनैतिक गतिविधियां कर रहे हैं. दोनों पार्टियों ने केंद्र के DOPT (डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग) से पांड्यन की शिकायत तक कर दी थी. आरोप लगाया कि पांड्यन ने सर्विस कंडक्ट रूल का उल्लंघन किया है. केंद्र ने सूबे के मुख्य सचिव से जांच कर रिपोर्ट भेजने को कहा. तब ओडिशा के विपक्ष ने यही दलील दी कि मुख्य सचिव की पांड्यन के रसूख के आगे चलेगी नहीं. ऐसे में वो जांच कैसे कर पाएंगे.

मार्च 2023 में भी पांड्यन को ज़िले-ज़िले जाकर जनसुनवाई करते देखा गया था. इंडियन एक्सप्रेस अखबार के लिए सुजीत बिसोई ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि इस दौरे पर पांड्यन लोगों से मिलते, भाषण देते और ऐलान करते नज़र आए.

फिर ओडिशा के 5T डिपार्टमेंट की कहानी भी है. 5T माने- 'टीम वर्क', 'टेक्नोलॉजी', 'ट्रांस्पेरेंसी', 'टाइम' फॉर 'ट्रांस्फॉर्मेशन'. ये विभाग मुख्यमंत्री के अधीन आता है. इसके अध्यक्ष बनाए जाने से पहले पांड्यन इसी विभाग के सचिव भी थे. इस विभाग की सबसे खास बात ये है कि यह एक अम्ब्रेला डिपार्टमेंट है और राज्य के सारे डिपार्टमेंट इसी के अंतर्गत आ जाते हैं. सूत्रों ने दावा किया कि इस वजह से राज्य के बड़े अधिकारी नाराज रहते हैं, लेकिन कर कोई कुछ नहीं सकता. क्योंकि पांड्यन पर मुख्यमंत्री का हाथ है. और अब तो वो आधिकारिक तौर पर BJD में शामिल भी हो चुके हैं. 

साल 2024 में ओडिशा में विधानसभा चुनाव होने हैं. वयोवृद्ध नवीन पटनायाक अपनी विरासत किसे सौंपेंगे, ये सवाल लगातार पूछा जा रहा था. संभवतः 27 नवंबर की तारीख ने इसी सवाल का जवाब देने की कोशिश की है. वैसे आने वाला वक्त ही बताएगा कि पांड्यन को BJD काडर और सूबे की जनता कितना स्वीकारती है.  

ये भी पढ़ें- ओडिशा के इस चुनाव में तो बीजेपी-कांग्रेस दोनों की बुरी हालत हुई

वीडियो: 76 साल के हो चुके ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की पार्टी बीजद अब भतीजा संभालेगा?

Advertisement