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UP Cabinet Expansion: लोकसभा चुनाव से पहले योगी कैबिनेट में एंट्री मारने वाले मंत्रियों को जानें

योगी कैबिनेट में शामिल हुए 4 नए मंत्रियों में दो एनडीए के सहयोगी दल से भी हैं.

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UP Cabinet expansion
नए मंत्रियों के साथ यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ (फोटो- इंडिया टुडे)
5 मार्च 2024 (Updated: 5 मार्च 2024, 18:34 IST)
Updated: 5 मार्च 2024 18:34 IST
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लोकसभा चुनाव 2024 से पहले यूपी सरकार ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार (UP cabinet expansion) करते हुए 4 नए मंत्रियों को जगह दी है. इन चार नेताओं में दो एनडीए के सहयोगी दल से भी हैं. नए मंत्रियों में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर, पुरकाजी से राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के विधायक अनिल कुमार और बीजेपी के दारा सिंह चौहान और सुनील शर्मा शामिल हैं.

अनिल कुमार

दो दिन पहले ही, 2 मार्च को आरएलडी एनडीए में शामिल हुई थी. बीजेपी के साथ हुए समझौते के तहत आरएलडी को दो लोकसभा सीटें दी गईं. और एक विधानपरिषद की सीट भी. अब अनिल कुमार के रूप में इस समझौते की एक और जानकारी सामने आ गई. उन्हें कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई गई है. अनिल मुजफ्फरनगर जिले की पुरकाजी विधानसभा से विधायक हैं. पुरकाजी अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित विधानसभा सीट है. 2022 के चुनाव में अनिल कुमार ने बीजेपी के ही उम्मीदवार प्रमोद उटवाल को हराया था.

ओमप्रकाश राजभर

राजभर योगी आदित्यनाथ सरकार के पहले कार्यकाल में भी मंत्री रह चुके हैं. 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में राजभर की पार्टी ने पहली बार बीजेपी के साथ गठबंधन किया था. लेकिन बीजेपी ने सिर्फ आठ सीटें दी थी. इनमें से चार सीटों पर सुभासपी जीती. राजभर पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री बन गए लेकिन कुछ ही समय बाद उनका बीजेपी के साथ रिश्ता बिगड़ गया. बीजेपी के खिलाफ कई मुद्दों पर खुलकर बोलने लगे. मई 2019 में उन्हें योगी मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था.

फिर 2022 का चुनाव उन्होंने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके लड़ा. पार्टी को 6 सीटों पर जीत मिली. लेकिन विधानसभा चुनाव खत्म होते ही खबरें आने लगीं कि सुभासपा फिर एनडीए में शामिल हो सकती है. राजभर सफाई देते रहे. खुलकर नहीं बोल रहे थे. लेकिन सपा के साथ दूरी बढ़ गई, ये तो साफ थी. जून 2022 में राजभर ने कहा था कि अखिलेश यादव को AC से बाहर निकलना चाहिए. आखिरकार पिछले साल जुलाई में एनडीए के साथ हो लिए. अब सात महीने के बाद मंत्री बनने का इंतजार थम गया.

दारा सिंह चौहान

दारा सिंह चौहान भी साल 2017 से 2022 तक योगी सरकार में मंत्री रहे थे. चौहान उन नेताओं में हैं, जिन्होंने यूपी की सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के दरवाजे पर दस्तक दी है. कभी बसपा के कद्दावर नेता माने जाने वाले चौहान ने 2015 में बीजेपी का हाथ थामा था.  लेकिन 2022 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले दोबारा सपा में शामिल हो गए थे. घोसी सीट पर वो सपा के सिंबल पर चुनाव जीते थे. लेकिन पिछले साल जुलाई में उन्होंने विधायकी से इस्तीफा देकर बीजेपी जॉइन कर ली.

सितंबर 2023 में घोसी सीट पर उपचुनाव हुआ तो बीजेपी ने दारा सिंह को ही उम्मीदवार बनाया. लेकिन सपा के हाथों बड़े अंतर से हार मिली. फिलहाल वो यूपी विधान परिषद के सदस्य हैं.

सुनील शर्मा

चौथे मंत्री हैं सुनील शर्मा. गाजियाबाद की साहिबाबाद सीट से विधायक हैं. उनके नाम सबसे बड़े अंतर से विधानसभा चुनाव जीतने का रिकॉर्ड दर्ज है. 2022 का चुनाव उन्होंने 2 लाख 14 हजार वोटों के अंतर से जीता था.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शपथ ग्रहण के बाद नए मंत्रियों को बधाई दी है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, 

“उत्तर प्रदेश सरकार में आज मंत्री पद की शपथ लेने वाले सभी साथियों को हार्दिक बधाई! पूर्ण विश्वास है कि आप सभी 'मोदी की गारंटी' को धरातल पर उतारते हुए 'विकसित उत्तर प्रदेश' के संकल्प की सिद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. आप सभी के उज्ज्वल कार्यकाल के लिए मेरी मंगलमय शुभकामनाएं!”

इस शपथ ग्रहण के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बेरोजगारी, पेपर लीक और नौकरी की मांग कर रहे युवाओं के लिए एक शपथ की घोषणा की. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि वे भविष्य को बचाने के लिए शपथ लेते हैं कि ऐसे दलों को ही वोट देंगे जिनका लक्ष्य नौकरी-रोजगार देना है.

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