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टैरिफ भारत पर लगा, बंटाधार अमेरिकियों का हुआ, महंगाई से लोग त्रस्त, सांसदों ने कहा खत्म करो टैरिफ

भारत पर लगे टैरिफ से परेशान होकर अमेरिकी सांसदों ने अपनी संसद में एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसका मकसद भारतीय सामानों पर लगे 50 फीसदी टैरिफ को हटाना है. सांसदों का कहना है कि ये टैरिफ गलत हैं और इससे अमेरिकी जनता और कारोबारियों को नुकसान हो रहा है.

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donald Trump tariffs
सांसदो ने कहा कि ट्रंप लगातार अधिकारों का इस्तेमाल करके टैरिफ बढ़ा रहे हैं. (फाइल फोटो: ITG)
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अर्पित कटियार
13 दिसंबर 2025 (Published: 12:04 PM IST)
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तीन अमेरिकी सांसदों ने राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump Tariff) द्वारा भारत पर लगाए गए भारी-भरकम टैरिफ की आलोचना की है. उनका कहना है कि ट्रंप ने भले ही यह टैरिफ भारत पर लगाया हो, लेकिन इसका असर अमेरिकी नागरिकों पर हो रहा है. सांसदों ने अमेरिकी संसद में एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसका मकसद भारतीय सामानों पर लगे 50 फीसदी टैरिफ को हटाना है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, यह प्रस्ताव शुक्रवार, 12 दिसंबर को सांसद देबोरा रॉस, मार्क वीसे और राजा कृष्णमूर्ति ने पेश किया. इसमें खास तौर पर 27 अगस्त 2025 को लगाए गए अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ को निशाना बनाया गया है, जो पहले से लगे (25 फीसदी) टैरिफ के ऊपर जोड़ा गया था. इससे कुल टैरिफ 50 फीसदी हो गया. 

US lawmakers says donald Trump tariff
तीन सांसदो ने अमेरिकी संसद में यह प्रस्ताव पेश किया है(फोटो: ITG)

सांसदों का कहना है कि ये टैरिफ गलत हैं और इससे अमेरिकी जनता और कारोबारियों को नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि ट्रंप लगातार अधिकारों का इस्तेमाल करके टैरिफ बढ़ा रहे हैं, जबकि व्यापार नियम बनाने का असली अधिकार अमेरिकी संसद के पास है. 

बताते चलें कि अमेरिकी कानून ‘इंटरनेशनल इमरजेंसी इकनॉमिक पॉवर्स एक्ट’ (IEEPA) राष्ट्रपति को यह अधिकार देता है कि वह ‘राष्ट्रीय आपातकाल’ घोषित कर किसी देश के साथ व्यापार पर सख्त कदम उठा सके. इसी कानून का इस्तेमाल करते हुए ट्रंप प्रशासन ने भारत से आने वाले सामान पर पहले पारस्परिक टैरिफ लगाए और फिर उसके ऊपर अतिरिक्त 25% टैरिफ जोड़ दिया.

क्यों लाया गया प्रस्ताव?

यूएस संसद में यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि राष्ट्रपति ट्रंप व्यापार पर सख्त कदम उठाने के लिए आपातकालीन शक्तियों का बार-बार इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे पहले सीनेट में दोनों दलों के कुछ सांसदों ने मिलकर ऐसे कदमों पर रोक लगाने की कोशिश की थी. 

सांसदों का कहना है कि उनके इस प्रस्ताव का मकसद व्यापार से जुड़े फैसलों में कांग्रेस का संवैधानिक अधिकार वापस लाना है. साथ ही वे भारत जैसे अहम रणनीतिक साझेदार देश के साथ रिश्तों को बेहतर बनाना चाहते हैं.

सांसदो ने क्या कहा?

अमेरिकी सांसद देबोरा रॉस ने कहा कि ये टैरिफ उनके राज्य नॉर्थ कैरोलिना के लोगों और उनके कारोबार को नुकसान पहुंचा रहा है. उन्होंने बताया कि नॉर्थ कैरोलिना में भारतीय कंपनियों ने अरबों डॉलर का निवेश किया है और हजारों लोगों को रोजगार दिया है. रॉस ने चेतावनी दी कि ये शुल्क अमेरिका-भारत की इस अहम आर्थिक साझेदारी को कमजोर कर सकते हैं.

सांसद मार्क वीसे ने कहा कि ये टैरिफ अमेरिका के आम परिवारों पर सीधे टैक्स की तरह हैं. उन्होंने कहा कि ये अवैध शुल्क नॉर्थ टेक्सास के उन लोगों पर बोझ डाल रहे हैं जो पहले ही महंगाई से परेशान हैं.

भारतीय मूल के सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने भी इसका समर्थन किया. उन्होंने कहा कि इन टैरिफ से सप्लाई चेन बिगड़ती है, अमेरिकी मजदूरों को नुकसान होता है और उपभोक्ताओं को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है. उनका कहना है कि अगर ये शुल्क हटाए जाएं, तो अमेरिका और भारत के बीच आर्थिक रिश्ते और मजबूत हो सकते हैं.

ये भी पढ़ें: US कोर्ट ने टैरिफ को बताया गैरकानूनी, भड़के डॉनाल्ड ट्रंप, बोले- ये देश को बर्बाद कर देगा

डॉनल्ड ट्रंप ने 1 अगस्त 2025 को भारत से आने वाले सामान पर पहले 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया. कुछ ही दिनों बाद इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया. उन्होंने कहा कि भारत रूस से लगातार तेल खरीद रहा है, और इससे रूस को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध चलाने के लिए पैसा मिल रहा है. इसी वजह से टैरिफ बढ़ाने का फैसला लिया गया.

वीडियो: दुनियादारी: भारत पर 50% टैरिफ, क्या मैक्सिको को ट्रंप शह दे रहे?

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