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मिडल ईस्ट में अमेरिका की बड़ी तैयारी, तैनात किए F-16, F-22 और F-35, कुछ बड़ा होने वाला है?

Middle East में पहले से ही अमेरिका के पास एक बड़ी सेना है. इस क्षेत्र में उसके 40 हजार सैनिक हैं. साथ में Air Defence System, Fighter Aircraft और Warship भी तैनात हैं. ये दुश्मन की मिसाइलों को डिटेक्ट कर उन्हें मार गिराने की क्षमता रखते हैं.

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अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में लड़ाकू विमान की तैनाती शुरू की है. (Reuters, file photo)
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आनंद कुमार
18 जून 2025 (Updated: 18 जून 2025, 01:56 PM IST) कॉमेंट्स
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डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) की ईरान (Iran) को सरेंडर करने की धमकी के बाद से अमेरिका के इस युद्ध में कूदने के कयास लगाए जाने लगे हैं. इस बीच खबर आई है कि अमेरिका ने मिडिल ईस्ट (Middle East) में अपने लड़ाकू विमान तैनात करने शुरू कर दिए हैं.  

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने तीन अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से बताया है कि अमेरिकी सेना मिडिल ईस्ट में लड़ाकू विमान और दूसरे युद्धक विमानों की तैनाती बढ़ा रही है, जिससे इस क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य बलों को मजबूती मिलेगी. 

एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिका द्वारा तैनात किए गए विमानों में F-16, F-22 और F-35 लड़ाकू विमान शामिल हैं. रॉयटर्स ने अमेरिकी रक्षा विभाग (पेंटागन) से इन विमानों की तैनाती को लेकर सवाल किए थे, जिस पर उन्होंने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने इन विमानों की तैनाती को डिफेंसिव मूव बताया है. उन्होंने कहा,

 अमेरिका मिडिल ईस्ट में ईरान और ईरान समर्थित ताकतों के संभावित हमलों से अपनी सेना को बचाना चाहता है.

एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने बताया कि अमेरिका पूर्वी भूमध्य सागर में बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने वाले अतिरिक्त अमेरिकी नौसेना युद्धपोत तैनात करने की भी तैयारी में हैं. मिडिल ईस्ट में पहले से ही अमेरिका के पास एक बड़ी सेना है. इस क्षेत्र में उसके 40 हजार सैनिक हैं. साथ में एयर डिफेंस सिस्टम, लड़ाकू विमान और युद्धपोत भी तैनात हैं. ये दुश्मन की मिसाइलों को डिटेक्ट कर उन्हें मार गिराने की क्षमता रखते हैं.

ये भी पढ़ें - ईरान-इजरायल युद्ध तेज़, खामनेई का एलान- 'ज़ायनिस्टों पर दया नहीं, जंग अब रुकेगी नहीं'

रॉयटर्स ने 16 जून को सबसे पहले यह खबर दी थी कि यूरोप में बड़ी संख्या में टैंकर विमानों की आवाजाही हो रही है. और मिडिल ईस्ट में अमेरिका ने एक एयरक्राफ्ट टैंकर की तैनाती की है, जिससे ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को विकल्प मिल गए हैं.

इजरायल ने 13 जून को ईरान के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा एयर स्ट्राइक शुरू किया था. उन्होंने दावा किया कि ईरान परमाणु हथियार विकसित करने की कगार पर है. वहीं ईरान ने परमाणु हथियार विकसित करने की बात से इनकार किया है. 
 

वीडियो: दुनियादारी: मिडिल ईस्ट पर डोनाल्ड ट्रंप ने क्या बयान दिया? धमकी के मायने क्या हैं?

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