किसी मामले में FIR दर्ज कराने थाने जाएं और सुनवाई न हो तो कानूनी विकल्प हैं.थानेको FIR लिखनी ही होगी. लेकिन कई बार ऐसा होता नहीं, थाने से टरका दिया जाता है. UPमें ऐसा ही एक मामला सामने आया. लेकिन कहानी थोड़ी आगे बढ़ गई. FIR नहीं लिखने कामामला हाई कोर्ट (High Court) में चला गया. और कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर और थानेदारके खिलाफ एक्शन ले लिया.