मेरठ: 6 साल की बच्ची का अपहरण, खुद ही घर पहुंचा गए, पुलिस मुठभेड़ में 2 को गोली लगी
Meerut में एक जूनियर इंजीनियर की बेटी को किडनैप किया गया था. इस घटना में JE के पुराने ड्राइवर की मिलीभगत सामने आई है. 6 महीने पहले उसे नौकरी से निकाल दिया गया था. और उस पर चोरी का आरोप भी लगाया गया था.

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मेरठ (Meerut) में 6 साल की बच्ची के तीन किडनैपर्स को मुठभेड़ के बाद पकड़ा गया. दो किडनैपर्स के पैर में गोली लगी है. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जिस बच्ची का अपहरण किया गया था, वो जल निगम के एक जूनियर इंजीनियर (JE) की बेटी है. पुलिस ने मामले का खुलासा कर दिया है. बताया जा रहा है कि JE के पुराने ड्राइवर और ड्राइवर के दोस्त इस साजिश में शामिल थे.
इंडिया टुडे से जुड़े उस्मान चौधरी की रिपोर्ट के मुताबिक, शास्त्री नगर इलाके से 2 सितंबर को बच्ची का अपहरण किया गया. बच्ची तब स्कूल से वापस आई थी. स्कूल के ऑटो वाले ने बच्ची को घर छोड़ा था. किडनैपर्स ने परिजनों से तीन करोड़ की फिरौती मांगी थी. पुलिस को सूचना दी गई. उन्होंने पूरे इलाके में चेकिंग शुरु की. कुछ घंटे बाद ही किडनैपर्स ने बच्ची को उसके घर के बाहर छोड़ दिया. लेकिन पुलिस उनकी तलाश में जुटी रही.
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मामला नौचंदी थाना क्षेत्र के शास्त्री नगर का है. JE महबूब यहीं रहते हैं. उनकी बेटी का नाम मायशा है. अपहरणकर्ता कार से मायशा को ले गए थे. पूरी घटना CCTV कैमरे में कैद हो गई. महबूब को पास एक कॉल आया. जिसमें कहा गया कि पैसों की व्यवस्था कर लो, जगह जल्द बताया जाएगा. लेकिन जगह बताने के लिए दोबारा कॉल नहीं आया.
मुखबिर से मिली मददपुलिस की जांच में ‘शक की सुई’ महबूब के पुराने ड्राइवर आकाश पर अटकी. मुखबिर की मदद से पुलिस को सूचना मिली कि आकाश अपने साथियों के साथ नौचंदी ग्राउंड के पास देखा गया है. पुलिस ने उनको पकड़ने के लिए घेराबंदी की. लेकिन पुलिस के वहां पहुंचते ही आकाश और उसके साथियों ने भागने की कोशिश की. और फायरिंग शुरु कर दी. पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की. आकाश और उसके एक साथी राजू के पैर में गोली लगी. उन दोनों के साथ उनके अजय नाम के एक साथी को भी गिरफ्तार कर लिया गया.
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नौकरी से निकाला गया था ड्राइवर आकाशअपहरण में इस्तेमाल की गई कार को भी बरामद कर लिया गया है. पुलिस ने बताया कि 6 महीने पहले महबूब ने आकाश को काम से निकाल दिया था. और उसके ऊपर 50 हजार रुपये की चोरी का आरोप लगाया था. आकाश का एक साथी राजू भी जल निगम में नौकरी कर रहा है. इन दोनों ने इस घटना की प्लानिंग की थी. अजय ने इन दोनों का साथ दिया.
6 दिन पहले पूरी प्लानिंग की गई थी. पुलिस ने आगे बताया कि इन्होंने किराए पर गाड़ी ली. और दिन के करीब 1:30 बजे के आसपास महबूब के घर के पास रेकी की. और बच्ची के आते ही उसका अपहरण कर लिया. अजय ने मास्क पहन रखा था और बच्ची को उसी ने गाड़ी में बैठाया और ये सब उसे लेकर हापुड़ रोड की ओर चले गए. पुलिस लगातार चेकिंग कर रही थी और इससे घबराकर किडनैपर्स ने बच्ची को वापस छोड़ दिया और उसके बाद फरार हो गए थे.
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