स्कूली बच्चों को ई-रिक्शे में रस्सी से बांधा, हंगामा हुआ तो ड्राइवर का चालान कट गया
UP के अमरोहा में ई-रिक्शा वाले की ये हरकत कैमरे में कैद हो गई. वीडियो वायरल हुआ तो सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया. जिसके बाद यूपी परिवहन विभाग को एक्शन लेना पड़ा.
![UP Amroha video of a e rickshaw school student tied with rope viral on social media](https://static.thelallantop.com/images/post/1712206349256_untitled_design_(49).webp?width=540)
यूपी के अमरोहा (Amroha, UP) में ई - रिक्शा पर रस्सी से बांध कर ले जाते स्कूली बच्चों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. यह वीडियो सोमवार 1 अप्रैल को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जिसके बाद परिवहन विभाग ने ई- रिक्शा का चालान काटा है. वायरल वीडियो अमरोहा के अतरासी रोड का है. जिसमें एक ई-रिक्शा के पीछे चार स्कूली बच्चों को रस्सी से बांधकर स्कूल ले जाया जा रहा था. Viral Video ने सोशल मीडिया पर लंबी बहस छेड़ दी.
दरअसल अमरोहा हसनपुर चेतन चौहान रोड पर सड़क सुरक्षा समिति की टीम मतदाता जागरूकता अभियान चला रही थी. तभी समिति के सदस्यों की नजर ई- रिक्शा में सवार स्कूली बच्चों पर पड़ी. जिसमें दर्जनभर स्कूली बच्चों को असुरक्षित तरीके से ले जाया जा रहा था. समिति के सदस्य अनिल कुमार जग्गा ने ई - रिक्शा को रोकने का इशारा किया तो चालक ने रफ्तार बढ़ा दी. जिसके बाद वालंटियरों ने दौड़कर ई- रिक्शा को रोक लिया. और इसका वीडियो बना लिया. ई - रिक्शा में पीछे की ओर जुगाड़ की सीट बनाकर रस्सी से बांधकर बच्चों को बिठाया गया था.
पकड़े जाने के बाद ई- रिक्शा के ड्राइवर ने बताया कि यह रिक्शा उसके चाचा का है और उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं है. इसके बाद सड़क सुरक्षा समिति के सदस्यों ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. वीडियो वायरल होने के बाद परिवहन विभाग हरकत में आया और ई- रिक्शा चालक का 8200 रुपये का चालान किया.
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इस मामले में इंडिया टुडे से बातचीत में बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉक्टर मोनिका ने कहा कि
सोशल मीडिया के जरिए मेरे भी संज्ञान में ये मामला आया है. तुरंत ही मैंने संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी को इस मामले से अवगत कराया है. और साथ ही निर्देश दिया है कि इस मामले की त्वरित और निष्पक्षता से जांच करे. साथ ही संबंधित स्कूल को नोटिस भेजा जाएगा और जो भी विभागीय कारवाई होगी संबंधित दोषी के खिलाफ की जाएगी.
उन्होंने आगे कहा कि वह अभिभावकों से भी अपील करती हैं कि वो ये सुनिश्चित करें कि अपने बच्चों को जिस ट्रांसपोर्ट या परिवहन व्यवस्था से भेज रहे हैं, वह सुरक्षित हो. जिस तरह से छोटे-छोटे बच्चों को रस्सियों से बांधा गया है, यह अमानवीय है.
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