इन स्कूली बच्चों ने जिस तरह के आइडियाज़ दिए हैं, इन्हें बड़ी टेक कंपनियां उठा ले जाएंगी
Vivo Ignite Awards जिनका स्मार्टफोन से कोई लेना-देना नहीं. ये अवॉर्ड तो उन स्कूली बच्चों के लिए है, जो अनोखे आइडिया लेकर आए थे. क्या थे वो आइडिया, जानिए...
![vivo, the innovative global smartphone brand, announced the National Winners of its country-wide initiative – ‘vivo Ignite: Technology and Innovation Awards', in collaboration with NCERT and iHub DivyaSampark, IIT Roorkee](https://static.thelallantop.com/images/post/1707739679390_vivo_ignite_awards.webp?width=540)
कोई स्मार्ट स्ट्रीट बना रहा, तो कोई गूंगे-बहरों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड ऐप. कोई मशरूम उगाने की जबर मशीन बनाकर लाया है, तो कोई दुनिया जहान को कार्बन न्यूट्रल करने की बात कर रहा. इतना पढ़कर शायद आपको लगे कि हम किसी यूनिवर्सिटी की बात कर रहे हैं, या शार्क टैंक के कुछ उठा कर ले आए हैं. तो जनाब ऐसा कुछ भी नहीं है. हम बात कर रहे हैं बच्चों की. बच्चे, जिनमें से कोई 9वीं क्लास में है, तो कोई 11वीं कक्षा में. बच्चे, जो देश के कई स्कूलों से एक जगह इकट्ठा हुए और सभी को अचंभित कर दिया. मौका था,
Vivo Ignite Awards का, जिसका स्मार्टफोन से कोई लेना-देना नहीं है. ये अवॉर्ड तो उन स्कूली बच्चों के लिए है, जो अनोखे आइडिया लेकर आए थे. Vivo Ignite कंपनी की वो पहल, जिसमें भागीदारी है NCERT और IIT Roorkee की. वीवो बच्चों के अनोखे आइडिया को सिर्फ डेवलप करने में मदद ही नहीं करता, बल्कि फ्यूचर में उस आइडिया का क्या होगा, उसका भी खयाल रखता है.
दूसरा साल और कमालVivo Ignite का ये दूसरा साल है. पहले साल मतलब 2022 में, जहां 3 हजार एंट्री आई थीं, उसके मुकाबले इस साल यानी 2023 में इनकी संख्या 19 हजार हो गई. सीधे 6 गुणा ज्यादा. कुल 4000 प्रोजेक्ट ने अवॉर्ड्स का दरवाजा खटखटाया. सिलेक्ट हुए प्रोजेक्ट्स पर IIT Roorkee के iHub DivyaSampark ने अपनी नजर रखी और फिर टॉप 10 पहुंचे फाइनल में.
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टॉप 10 से हम यानी The Lallantop भी मिला. जल्द ही इनसे डिटेल में बात करेंगे. उनके प्रोजेक्ट्स बनाने के पीछे उनकी सोच और स्कूल के बारे में भी जानेंगे. तब तक आप जान लीजिए कि पहला प्राइज़ किसे मिला. SMART STREET - Where innovation meets sustainability को. मुंबई के A. M. Naik स्कूल के बच्चों का प्रोजेक्ट. सड़कों पर पैदल चलने वालों की जान बचाने का अनोखा प्रबंध किया है बच्चों ने. हम क्या सभी बड़े प्रभावित हुए. पहला प्राइज़ मिला इनको, जिसमें मिले 7 लाख रुपये.
दूसरे नंबर पर रहा Optimization For Cyclists' Posture Using Real-Time Embedded System And Data Analysis. मतलब साइकिल चलाने वालों के पॉस्चर को ठीक करने का डेटा साइंस.
जो आपको लग रहा हो कि हम थोड़ा-थोड़ा क्यों बता रहे तो जनाब हमें इन बच्चों से बात करनी है. इसलिए हम चले. बाकी अगले एपिसोड में बताते हैं.
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