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बजट 2023: 'महंगाई-बेरोजगारी पर बात ही नहीं', 'सब गोल-गोल', बजट पर विपक्षी नेताओं ने क्या-क्या कहा?

कांग्रेस सांसद ने कहा- ये बजट अडानी, अंबानी और गुजरात के लिए है.
Budget 2023 Opposition reaction
शशि थरूर, महबूबा मुफ्ती और मनोज झा (फाइल फोटो- PTI)
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केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले अपना आखिरी बजट (Budget 2023) पेश कर दिया. सरकार ने इस साल के बजट को 'अमृत काल' का पहला बजट बताया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन के मुताबिक इस बजट की सात प्राथमिकताएं हैं- समावेशी विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेश, युवा शक्ति, वित्तीय क्षेत्र, हरित विकास, अंतिम व्यक्ति तक पहुंच, क्षमताओं का विस्तार. एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट की तारीफ की और कहा कि इससे समाज के सभी वर्गों को फायदा मिलेगा. बजट की घोषणा के बाद विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर निशाना साधा है. कई विपक्षी नेताओं ने कहा कि ये बजट कॉरपोरेट के हित का है.

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि बजट में कुछ चीजें अच्छी थी लेकिन गरीब मजदूरों, बेरोजगारी पर कुछ नहीं कहा गया है. उन्होंने बजट को लेकर कहा, 

“मैं इसे पूरी तरह नकारात्मक नहीं कहूंगा, लेकिन इसके बावजूद कई सवाल उठते हैं. बजट में मनरेगा का कोई जिक्र नहीं था. सरकार मजदूरों के लिए क्या करने जा रही है? बेरोजगारी, महंगाई की बात भी नहीं की गई. कुछ मौलिक सवाल हैं जिसके जवाब ही नहीं मिले.”

RJD सांसद मनोज झा ने कहा कि संविधान से आंखें मूंद कर स्तुति गान बजट बनाते हैं तो कुछ हासिल नहीं होगा. उन्होंने कहा कि रोजगार को लेकर गोल-गोल बातें की गई. ये बजट खास लोगों का खास लोगों द्वारा खास तरह से बनाया गया बजट है.

टैक्स से लोगों की कमर टूट रही- मुफ्ती

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि एक ही तरह का बजट पिछले 8-9 सालों से पेश हो रहा है. टैक्स बढ़ाए जा रहे हैं, कल्याणकारी योजनाओं पर पैसे खर्च नहीं हो रहे हैं. मुफ्ती ने कहा, 

"कुछ क्रोनी पूंजीपतियों और बड़े उद्योगपतियों के लिए टैक्स इकट्ठा हो रहे हैं. टैक्स से लोगों को लाभ मिलना चाहिए लेकिन इससे उनकी कमर टूट रही है. जो लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे थे वे फिर से उसी स्तर पर आ गए."

यूपी की पूर्व सीएम और बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि सरकार झूठी उम्मीदें क्योंज जगाती है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 

"देश में पहले की तरह पिछले 9 सालों में भी केंद्र सरकार के बजट आते-जाते रहे, जिसमें घोषणाओं, वादों, दावों और उम्मीदों की बरसात की जाती रही. लेकिन वे सब बेमानी हो गए जब भारत का मिडिल क्लास महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी आदि की मार के कारण लोअर मिडिल क्लास बन गया, अति-दुखद."

बिहार को फिर से ठगा गया- तेजस्वी

बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि बजट में बिहार को फिर से ठगा गया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 

“2014 में केंद्र की भाजपा सरकार ने कहा कि 2022 में किसानों की आय दुगुनी करेंगे. 2022 में सबको आवास देंगे. 2022 तक 80 करोड़ लोगों को नौकरी-रोजगार देंगे. अब 2023 भी आ गया लेकिन इनकी जुमलेबाजी की आदत नहीं गई. BJP को 100 फीसदी सांसद देने वाले बिहार को भाजपाइयों ने बजट में फिर ठगा.”

वहीं JDU सांसद राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) ने सरकार को 'सपनों का सौदागर' तक कह दिया. उन्होंने कहा कि बजट में कुछ भी नहीं है. महंगाई और बेरोजगारी को नियंत्रण में कैसे लाया जाएगा, इसकी कोई चर्चा नहीं की गई.

कांग्रेस सांसद के सुरेश ने कहा कि ये बजट कॉरपोरेट के हित का है. इस बजट में अडानी (गौतम अडानी) के हितों का पूरा ध्यान रखा गया है और आम लोगों को दरकिनार किया गया है. उन्होंने कहा कि ये बजट अडानी, अंबानी और गुजरात के लिए है.


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