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रूस और यूक्रेन ने नहीं रोकी गोलाबारी, सूमी में छात्र फंसे, जानें UN में भारत ने क्या कहा?

PM मोदी ने कल ही पुतिन और जेलेंस्की से की थी बात

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संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, टीएस तिरुमूर्ति (फोटो: ANI)
8 मार्च 2022 (Updated: 8 मार्च 2022, 12:22 IST)
Updated: 8 मार्च 2022 12:22 IST
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रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध (Russia-Ukraine War) के दौरान सोमवार, 7 मार्च को सुबह-सुबह एक खबर आई कि रूस ने यूक्रेन के सूमी (Sumy) समेत चार शहरों में सीजफायर का ऐलान किया है. यह फैसला इन शहरों में फंसे नागरिकों को सुरक्षित निकालने के मकसद से लिया गया. इस खबर के आते ही छात्रों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन और रूस दोनों देशों के राष्ट्रपतियों से बात की. लेकिन इसके बावजूद सोमवार को सुमी में लगातार गोलाबारी और हमले होते रहे, जिस वजह से कई छात्र अभी भी वहीं फंसे हैं. इस मुद्दे को भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में उठाया. भारतीय समयानुसार सोमवार देर रात को हुई UNSC की एक बैठक में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति (TS Tirumurti) ने कहा कि भारत द्वारा यूक्रेन और रूस दोनों से बार-बार आग्रह किया गया कि सूमी में फंसे भारतीय छात्रों की सुरक्षित निकासी के लिए एक मानवीय गलियारा (Humanitarian Corridor) बनाया जाए, लेकिन इसके बावजूद गोलीबारी होती रही. इंडिया टुडे के मुताबिक सूमी में करीब 700 भारतीय छात्र अभी भी फंसे हैं. इनमें से ज्यादातर सूमी स्टेट यूनिवर्सिटी में मेडिकल के स्टूडेंट्स हैं. छात्रों की सुरक्षा सबसे जरूरी सोमवार को हुई UNSC की मीटिंग में टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत के लिए उनके नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालना सबसे जरूरी है. पहले ही दो भारतीय छात्रों की यूक्रेन में मौत हो चुकी है, वहीं एक छात्र गोलीबारी की चपेट में आकर घायल हुआ है. तिरुमूर्ति ने कहा,
"हमारे प्रधानमंत्री ने 7 मार्च को दोनों देशों के राष्ट्रपतियों से बात की और इस बातचीत में ये दोहराया कि दोनों देशों को ये मसला संवाद के जरिए सुलझाना चाहिए और गोलीबारी को एकदम रोक देना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इस युद्ध में फंसे निर्दोष लोग और भारतीय नागरिकों को सुरक्षित तरीके से बाहर निकालने का रास्ता दिया जाए. हमें इस बात की गहरी चिंता है कि हमारे दोनों पक्षों से बार-बार आग्रह करने के बावजूद, सूमी में फंसे हमारे छात्रों के लिए एक सुरक्षित मानवीय गलियारा नहीं मिल पाया है."
हालांकि, इस दौरान टीएस तिरुमूर्ति ने 20 हजार से ज्यादा भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी में मदद करने के लिए यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों की तारीफ भी की. यूएन में भारत ने जानकारी देते हुए यह भी बताया कि वह यूक्रेन में फंसे लोगों की मदद के लिए लगातार राहत सामग्री भेज रहा है. भारतीय प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने इसे लेकर कहा,
"भारत ने यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों में फंसे लोगों और शरणार्थियों के लिए मानवीय मदद भेजी है. इसमें दवाइयां, टेंट, पानी की टंकी समेत कई तरह की राहत और बचाव की सामग्री शामिल है. हम और भी राहत सामग्री भेजने वाले हैं."
UNSC की इस मीटिंग में टीएस तिरुमूर्ति का यह भी कहना था कि ऐसी गंभीर परिस्थिति में मानवीय सहायता, मानवता, तटस्थता, निष्पक्षता और स्वतंत्रता के सिद्धांतों का पालन करते हुए सभी को काम करना चाहिए. ऐसे समय में राजनीति करने से बचना चाहिए. यूक्रेन और रूस ने पीएम मोदी को दिया था आश्वासन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से सोमवार, 07 मार्च को फोन पर बात की थी. दोनों ही नेताओं से हुई बातचीत में पीएम मोदी ने भारतीयों को सुरक्षित निकालने का मुद्दा उठाया. इंडिया टुडे/आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक वोलोडिमिर जेलेंस्की से पीएम मोदी ने लगभग 35 मिनट बात की. इसमें पहले उन्होंने यूक्रेन में युद्ध के हालात पर चर्चा की. इस दौरान पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन के अधिकारियों की सीधी बातचीत की सराहना की. उन्होंने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए वहां की सरकार की तरफ से की जा रही सहायता के लिए राष्ट्रपति जेलेंस्की को धन्यवाद भी कहा. सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ने वोलोडिमिर जेलेंस्की से अपील की कि वे सूमी में फंसे भारतीयों को बाहर निकालने के लिए यूक्रेन की सरकार द्वारा की जा रही मदद को जारी रखें. वोलोडिमिर जेलेंस्की से बात करने के कुछ देर बाद पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच करीब 50 मिनट तक संवाद हुआ. इसमें भी यूक्रेन की मौजूदा स्थिति पर चर्चा हुई. सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी को यूक्रेन और रूस दोनों के शीर्ष अधिकारियों के बीच हो रही वार्ता के स्टेटस के बारे में बताया. वहीं पीएम मोदी ने यूक्रेन में सीजफायर की घोषणा करने और वहां से लोगों के निकलने के लिए रास्ता दिए जाने की घोषणा पर पुतिन की प्रशंसा भी की. बातचीत में मोदी ने एक बार फिर भारतीय नागरिकों की यूक्रेन, खास तौर पर सूमी से सुरक्षित निकासी के मुद्दे पर जोर दिया. खबर के मुताबिक इस पर पुतिन ने भारत के प्रधानमंत्री को आश्वासन दिया कि उनके नागरिकों के सुरक्षित इवैकुएशन के लिए वे हर तरह से सहयोग करेंगे.

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