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UP: 24 साल पुराने मर्डर केस में दोषी निकले तीन पुलिसकर्मी, उम्रकैद की सजा

25 अगस्त 1999. तीनों दोषी सैय्यद अली, शिवकुमार शुक्ला और अरविंद शुक्ला शाहजहांपुर के सदर थाने की पुलिस चौकी में सिपाही के पद पर तैनात थे.

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three policemen sentenced to life imprisonment custodial death case shahjahanpur up
तीन में से दो पुलिसकर्मी अब रिटायर हो चुके हैं (सांकेतिक फोटो- आजतक/Pexels)
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ज्योति जोशी
26 जनवरी 2024 (Published: 09:25 AM IST) कॉमेंट्स
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उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) के तीन कर्मचारी हत्या के मामले (Murder Case) में दोषी पाए गए हैं. कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद (Life Imprisonment) की सजा सुनाई है. मामला कस्टोडियल टॉर्चर (Custodial Torture) से जुड़ा है. तीनों दोषियों ने कस्टडी के दौरान एक युवक के साथ बेरहमी से मारपीट की थी, जिसके चलते उसकी मौत हो गई. बाद में तीनों पुलिस चौकी में ही शव को छोड़कर फरार हो गए. तीन में से दो पुलिसकर्मी अब रिटायर हो चुके हैं.

मामला शाहजहांपुर का है. 25 जनवरी को यहां फास्ट ट्रैक कोर्ट की एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज लवी यादव ने फैसला सुनाते हुए तीनों को जीवन भर कैद में रहने और 25-25 हजार रुपये जुर्माना भरने का निर्देश दिया.

शासकीय अधिवक्ता संजीव कुमार सिंह ने इंडिया टुडे को पूरे मामले पर जानकारी दी है. मर्डर केस 24 साल पुराना है. 25 अगस्त 1999. तीनों दोषी सैय्यद अली, शिवकुमार शुक्ला और अरविंद शुक्ला शाहजहांपुर के सदर थाने की पुलिस चौकी में सिपाही के पद पर तैनात थे.

मृतक का नाम मंगल शाह है. वो एमनजई जलालनगर का रहने वाला था. पूछताछ के बहाने तीनों पुलिसकर्मी उसे चौकी लेकर गए. उन्होंने उसे इतनी बेरहमी से मारा पीटा कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई. जिसके बाद पुलिस वाले लाश छोड़ भाग निकले. मृतक के मामा ने अपने भांजे की पहचान की और थाना सदर बाजार में तीनों सिपाहियों के खिलाफ केस दर्ज कराया. 24 साल तक कोर्ट में केस चलने के बाद अब आखिरी फैसला सुनाया गया. तीनों दोषियों को जेल भेज दिया गया है.

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कस्टोडियल टॉर्चर का एक मामला हाल ही में गुजरात से भी सामने आया है. जूनागढ़ में पुलिस पर एक दलित शख्स की हत्या का आरोप लगा है. मृतक को धोखाधड़ी के मामले में अरेस्ट किया गया था. आरोप है कि दो दिन की पुलिस कस्टडी के बाद जब उसे कोर्ट में पेश किया गया तो उसके सिर पर पट्टी बंधी थी. ठीक से चल भी नहीं पा रहा था. सुनवाई के दौरान उसने बताया था हिरासत में उसकी डंडों से बुरी तरह पिटाई की गई. 24 जनवरी को अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

आरोपी सब इंस्पेक्टर मुकेश मकवाना के खिलाफ मर्डर केस दर्ज कर उसे सस्पेंड कर दिया गया है.

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