थियेटर की दुनिया में कई कारनामे करने वाले इब्राहिम अल्काज़ी नहीं रहे
इनके बड़े-बड़े कामों की फेहरिस्त बड़ी लंबी है.

इब्राहिम अल्काज़ी. भारत में थियेटर की दुनिया के दिग्गज. अब इस दुनिया में नहीं रहे. 4 अगस्त को इब्राहिम का देहांत हो गया. 'दी इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, उनके बेटे फैसल अल्काज़ी ने बताया कि उन्हें (इब्राहिम) को हार्ट अटैक आया था, उसके बाद उन्होंने दिल्ली के एस्कॉर्ट्स अस्पताल में आखिरी सांस ली. वो 95 बरस के थे.
प्रधानमंत्री ने भी दी श्रद्धांजलि
इब्राहिम के निधन पर सोशल मीडिया पर कई लोग उन्हें याद कर रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट करके श्रद्धांजलि दी है. लिखा,
"इब्राहिम अल्काज़ी ने थियेटर को भारत में पॉपुलर बनाया और लोगों तक पहुंचाया. उनकी इन कोशिशों के लिए वो हमेशा याद किए जाएंगे. कला और संस्कृति की दुनिया में उनका जो योगदान था, वो ध्यान देने लायक है. उनके निधन पर दुखी हूं. उनके परिवार और दोस्तों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं. उनकी आत्मा को शांति मिले."
Shri Ebrahim Alkazi will be remembered for his efforts to make theatre more popular and accessible across India. His contributions to the world of art and culture are noteworthy too. Saddened by his demise. My thoughts are with his family and friends. May his soul rest in peace.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 4, 2020
NSD ने भी ट्वीट किया-
NSD Family deeply mourn passing away of Theatre Legend, Padma Vibhushan Shri #EbrahimAlkazi, Ex Director of NSD from 1962-77. This is a great loss to the country and specially to the Theatre World.@nirupamakotru @MinOfCultureGoI pic.twitter.com/s5vpoSXmqe
— National School of Drama (@nsd_india) August 4, 2020
इब्राहिम अल्काज़ी के जीवन का सफर
इब्राहिम अल्काज़ी को भारत में थियेटर की दुनिया में रिवॉल्यूशन लाने के लिए जाना जाता है. थियेटर डायरेक्टर थे, ड्रामा टीचर थे. 15 साल तक नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) के डायरेक्टर भी रहे. इतने लंबे समय तक NSD के डायरेक्टर रहने वाले पहले और इकलौते व्यक्ति थे. उन्होंने नसीरुद्दीन शाह और ओम पुरी जैसे लोगों को मेंटोर किया था.
Theatre doyen and legendary teacher Ebrahim Alkazi has died at 94 after suffering heart attack, says his son. Alkazi was the longest serving director of National School of Drama and mentored generations of actors, including Naseeruddin Shah and Om Puri.
— Press Trust of India (@PTI_News) August 4, 2020
इब्राहिम के पिता सऊदी अरेबियन थे, मां कुवैत से थीं. पुणे में इब्राहिम का जन्म हुआ था. कुल नौ भाई-बहन थे. परिवार संपन्न था. विभाजन के वक्त यानी 1947 में इब्राहिम का पूरा परिवार पाकिस्तान चला गया, लेकिन उन्होंने यहीं रुकने का फैसला किया. पुणे से स्कूलिंग हुई और आगे की पढ़ाई मुंबई के सेंट ज़ेवियर कॉलेज से. जब वो कॉलेज में थे, तभी उन्होंने सुल्तान 'बॉबी पदमसी' की थियेटर ग्रुप कंपनी जॉइन कर ली.
हालांकि बाद में कला की पढ़ाई के लिए वो लंदन चले गए. वहां रॉयल एकेडमी ऑफ ड्रामेटिक आर्ट (RADA) से जुड़े. वहां भी उन्हें कई सारे ऑफर्स आए, लेकिन पढ़ाई पूरी होने के बाद सारे ऑफर्स को 'ना' बोलते हुए वापस भारत आ गए. फिर एक थियेटर ग्रुप से 1950 से 1954 तक जुड़े रहे.
1962 में NSD, दिल्ली के डायरेक्टर बने. 1977 तक बने रहे. इस दौरान कई तरह के ज़रूरी बदलाव और कई ज़रूरी नई चीज़ें वो NSD लेकर आए. 50 बरस के थे, तब डायरेक्टर की पोस्ट छोड़ दी. फिर अपनी पत्नी के साथ दिल्ली में ही गैलरी आर्ट हेरिटेज खोला. अपनी आर्ट, तस्वीरों और किताबों का एक कलेक्शन बनाया.
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