The Lallantop
Advertisement

सुबह से क्या किया - 'हगा और भगा': कहानी वंडर बॉय बुधिया की (Trailer arrival)

"बुधिया सिंह - बोर्न टु रन" का ट्रेलर आ गया है जिसमें मनोज बाजपेयी कोच बिरंची दास की भूमिका में है जिनकी 2008 में हत्या कर दी गई थी.

Advertisement
Img The Lallantop
font-size
Small
Medium
Large
22 जून 2016 (Updated: 22 जून 2016, 18:37 IST)
Updated: 22 जून 2016 18:37 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
भुवनेश्वर, उड़ीसा के अपने हॉस्टल में बैठकर 14 साल की वो आंखें भी इस ट्रेलर को जरूर देख रही होंगी जो अभी-अभी रिलीज हुआ है. आंखें बुधिया सिंह की. सारा हिसाब उसी के पास है कि निर्देशक सौमेंद्र पधी ने उसकी कहानी कितनी सच्चाई से पेश की है और कितनी सिनेमाई छूट ली है. ट्रेलर के अंत में सड़क पर पसीने में लथपथ चार साल का बुधिया दौड़ रहा है और बोल रहा है, जितना ज्यादा रोकोगे, उतना ज्यादा दौड़ूंगा. लगता नहीं कि उतनी कम उम्र में ऐसा कोई संकल्प उसके मन में रहा होगा. ये तो दर्शकों की सहूलियत के लिए उनके विचारों को कतारबद्ध करने की सस्ती सुरंग बना दी गई है.

भाग मिल्खा भाग और मैरी कॉम जैसी स्पोर्ट बायोपिक्स लाने वाला फिल्म स्टूडियो ही बुधिया सिंह - बोर्न टु रन लेकर आया है. 5 अगस्त को फिल्म रिलीज होनी है. बुधिया का रोल करने वाले बालक का नाम तो ज्ञात नहीं लेकिन कोच बिरंची दास का रोल मनोज बाजपेयी कर रहे हैं. पहले इस फिल्म का नाम दूरंतो था लेकिन अब बदलकर अंग्रेजी में कर दिया गया है. हालांकि इसका कोई फायदा उन्हें होगा नहीं क्योंकि ग्लोबल ऑडियंस के बीच तक पहुंचने का काम मैराथन बॉय कर चुकी है जो इस फिल्म से ज्यादा बेहतर कोशिश लगती है. दोनों के ट्रेलर्स की ही तुलना कर लें तो.

ये बुधिया पर बनी एक डॉक्यूमेंट्री है जो 2011 में प्रदर्शित हुई थी और इसे एमी पुरस्कार में भी नामांकित किया गया था. डॉक्यूमेंट्री का ट्रेलर हजार गुना बेहतर है. इसमें जैसे बुधिया और बिरंची के किरदार बहुत ही विशेष रूप से उभरकर आते हैं, वैसे इस फीचर फिल्म में बिलकुल नहीं आ पाते. https://www.youtube.com/watch?v=QWMpcOsfk9w एक औसत फिल्म के सारे पैमानों पर मनोज बाजपेयी स्टारर फीचर फिल्म का ट्रेलर खरा उतरता है. उन्हीं सांचों में फिल्म का एक-एक फ्रेम डाला गया है जो बॉलीवुड की स्टोरीटेलिंग है. मनोज और बुधिया के पात्र में बालक या अन्य सब पात्र कोई भी उड़िया का एक शब्द भी नहीं बोलता, कितनी विडंबना है, जबकि असल में बुधिया को हिंदी नहीं आती. बिरंची भी हिंदी-इंग्लिश के कुछेक शब्द ही बोलते थे. खैर, फिल्म में ताजा कुछ नहीं है. ऋतिक स्टारर मुअनजो दड़ो वाली ही बात है कि सब कुछ predictable है. फिल्म में फनी पल भी डालने की कोशिश हुई है. जब उसे स्कूल में दाखिला दिलवाया जाता है और वो पहली बार क्लास पहुंचता है तो टीचर सब बच्चों से परिचय करवाती है कि बोलो बेटा आज क्या क्या किया, तो बुधिया कहता है, हगा और भगा. सब हंसने लगते हैं. जाहिर है हंसने जैसा कुछ है नहीं. फिर बाद के दृश्यों में कोलाहल भी बहुत है.

ट्रेलर कहानी कहता है कि एक चार साल का लड़का दौड़ने की कुशलता लेकर पैदा हुआ है. गरीबी में है. उसे एक स्थानीय कोच (मनोज) ट्रेनिंग देना शुरू करता है. वो महत्वाकांक्षी बहुत है और बहुत जल्दी उससे सारे नतीजे चाहता है. जहां लोग, मीडिया और सरकारें बाद में उसकी जान की दुश्मन बन जाती है उसके ज़ेहन में जुनून है कि बुधिया को इस लायक बना दे कि वो 2016 में ओलंपिक में हिस्सा ले. जैसे-जैसे बुधिया फेमस होता जाता है, सरकारों-मीडिया का दबाव बढ़ता जाता है और बच्चे बुधिया का जीवन सर्कस में तब्दील हो चुका होता है. 

बुधिया की असली कहानी भी यही थी. टीवी पर न्यूज़ सर्कस के शुरुआती दौर में 2006 में चार साल के बच्चे बुधिया सिंह की कहानी सामने आई. पिता की मृत्यु हो गई थी. भुखमरी के चलते मां ने 800 रुपए में बेच दिया था. लेकिन जानवरों जैसा बर्ताव देख मां का दिल जरा पसीजा और भुवनेश्वर के स्थानीय जूडो कोच से कहा कि उसे अपने पास रखे. कोच बिरंची दास ने उसे 800 रुपए में वापस खरीदा. वहां एक दिन उसे सजा दी कि मैदान के चक्कर लगाए. कुछ घंटों बाद उसे याद आया. लौटकर देखा है कि बुधिया अभी भी दौड़ रहा है और उसका शरीर सामान्य है. ह्रदयगति भी. यहीं से बिरंची ने उसे विशेष रूप से ट्रेन करना शुरू किया. लिम्का बुक में उसका नाम दर्ज हुआ. चार की उम्र में भुवनेश्वर से पुरी के बीच की 65 किलोमीटर की दूरी 7 घंटे 2 मिनट में पूरी की. आस-पास मीडिया, राजनेताओं, संगठनों का सर्कस बढ़ता गया लेकिन इस उम्र में बुधिया 48 मैराथन/दौड़ पूरी कर चुका था. इसी दौरान बिरंची पर भी तरह तरह के आरोप लगे.
2008 में बिरंची की गोली मारकर हत्या कर दी गई. ज्ञात हुआ कि इस हत्या का बुधिया की कोचिंग और विवादों से कोई लेना देना नहीं था. उसे राजा आचार्य नाम के गैंगस्टर ने मारा. राजा एक मॉडल लेस्ली त्रिपाठी को तंग कर रहा था और बिरंची ने उसकी रक्षा करने की कोशिश की. यही हत्या का कारण रहा. बुधिया आज एक हॉस्टल में है. बताया जाता है कि उसने जो glory 2006  में पा ली थी उसमें बाद में कुछ नहीं जुड़ा. अब वह सामान्य खेल प्रतियोगिताओं में भी पिछड़ जाता है. उसे सामान्य रूटीन और प्रशिक्षण ही मिलता है. ये 2016 है और इस ओलंपिक में कोई बुधिया नहीं चुना गया है.
https://www.youtube.com/watch?v=YGft9XiX4bs

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

Advertisement

Advertisement

Advertisement