भारत को बताया अहम पार्टनर, लेकिन जाहिर की कुछ चिंताएं, EU के नए एजेंडे में क्या-क्या है?
EU ने कहा है कि वह भारत के साथ अपने रणनीतिक संबंधों को और उंचाइयों पर ले जाने को तैयार है. हालांकि उसकी कुछ चिंताएं भी हैं. यूनियन की टॉप डिप्लोमैट काजा कल्लास ने बुधवार को ब्रुसेल्स में 'एक नया रणनीतिक यूरोपीय संघ-भारत एजेंडा' जारी करते हुए कई अहम बातें कहीं.

यूरोपीय संघ ने बुधवार को भारत को लेकर अपना नया रणनीतिक एजेंडा जारी किया है. इसमें EU ने कहा है कि वह भारत के साथ अपने रणनीतिक संबंधों को और उंचाइयों पर ले जाने को तैयार है. हालांकि यूनियन ने कुछ चिंताएं भी जताई हैं, खासकर रूस को लेकर.
जारी किया नया रणनीतिक एजेंडाद हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार युरोपियन कमीशन और यूरोपियन यूनियन की टॉप डिप्लोमैट काजा कल्लास ने बुधवार को ब्रुसेल्स में 'एक नया रणनीतिक यूरोपीय संघ-भारत एजेंडा' जारी किया. उन्होंने संघ के सभी सदस्य देशों से इसे अपनाने का आग्रह किया.
एजेंडा में भारत को यूरोपीय संघ के लिए एक महत्वपूर्ण पार्टनर बताया गया है. इसमें ट्रेड, टेक्नोलॉजी, डिफेंस, सिक्योरिटी और क्लाइमेट चेंज जैसे क्षेत्रों में भारत के साथ रणनीति कैसे रहेगी, इसे लेकर योजना बताई गई है. डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि EU और भारत की पार्टनरशिप 21वीं सदी के सबसे निर्णायक संबंधों में से एक है और दोनों में इसे और बड़ा बनाने की क्षमता भी है और संकल्प भी.
रूस को लेकर जताई चिंताकाजा कल्लास ने कहा कि ईयू और भारत आपस में गोपनीय सूचनाएं साझा करने और डिफेंस इंडस्ट्री के बीच संबंधों को और मजबूत बनाने के समझौते पर भी बात कर रहे हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि EU के कमिश्नर्स के कॉलेज में इसे लेकर कुछ हिचकिचाहटें थीं.
EU ने अपने रणनीतिक एजेंडें में लगभग सभी क्षेत्रों में भारत के साथ सहयोग बढ़ाने की बात की है, लेकिन कुछ चिंताएं भी संघ ने जाहिर की हैं. खासकर रूस को लेकर. यूनियन ने भारत और रूस के बीच हाल में हुए सैन्य अभ्यास और बढ़ते तेल व्यापार को संबंधों में आड़े आने वाली वजहें बताई हैं. काजा कल्लास ने कहा,
बातचीत से सुलझा ली जाएंगी समस्या: EUरूस के सैन्य अभ्यासों में भारत का शामिल होना और रूस से तेल खरीदना हमारे घनिष्ठ संबंधों के आड़े आ रहे हैं, क्योंकि अंततः हमारी साझेदारी केवल व्यापार के बारे में ही नहीं, बल्कि नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की रक्षा के बारे में भी है.
ईयू के रणनीति दस्तावेज़ में भी कहा गया है कि यूरोपीय संघ के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि युद्ध को बढ़ावा देने वाले किसी भी प्रयास को कम किया जाए. कल्लास के अनुसार, इन चुनौतियों को भारत के साथ बातचीत में सुलझा लिया जाएगा. 2026 की शुरुआत में अगले यूरोपीय संघ-भारत शिखर सम्मेलन में एक साझा रोडमैप तैयार करने का भी लक्ष्य रखा जाएगा.
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईयू के नए रणनीतिक एजेंडे अपनाने पर खुशी जाहिर की है. उन्होंने बुधवार को यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ फ़ोन पर बात की, जिसके बाद उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि हम यूक्रेन संघर्ष के जल्द और शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं.
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FTA पर बातचीत जारीइधर, यूरोपीय संघ और भारत एक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट यानी मुक्त व्यापार समझौते पर भी बातचीत कर रहे हैं. इसके साल के अंत तक फाइनल होने की उम्मीद है. यूरोपीय संघ के ट्रेड चीफ मारोस शेफोविच पिछले हफ्ते कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल से बातचीत के लिए नई दिल्ली भी आए थे. अब व्यापार पर 14वें राउंड की बातचीत 6-10 अक्टूबर तक ब्रुसेल्स में होने वाली है.
द हिंदू के अनुसार यूरोपियन कमिश्नरों के कॉलेज ने इस बात पर सहमति जताई थी कि यूरोपीय संघ को भारत के साथ संबंधों को गहरा करना चाहिए ताकि उन्हें रूस के पाले में न धकेला जाए. इसके अलावा भारत और यूरोप जियोपॉलिटिक्स में बढ़ती अनिश्चितता और अमेरिका के साथ व्यापार संबंधों में चुनौतियों को देखते हुए भी आपसी संबंध मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं.
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