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'इंसाफ के नाम पर तमाशा', बांग्लादेशी लेखिका ने शेख हसीना की सजा पर युनूस सरकार को खूब सुनाया

Bangladesh की निर्वासित (Exiled) लेखिका Taslima Nasreen ने एक्स पर पोस्ट करते हुए मोहम्मद युनूस के नेतृत्व वाली मौजूदा अंतरिम सरकार पर तीखे हमले किए. उन्होंने कहा कि सरकार खुद को अपराधी घोषित क्यों नहीं करती.

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Taslima nasreen slams Yunus government over Sheikh Hasina sentence
तस्लीमा नसरीन (बाएं), शेख हसीना (बीच में), मोहम्मद युनूस (दाएं). (Photo: ITG/File)
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सचिन कुमार पांडे
18 नवंबर 2025 (Published: 02:01 PM IST)
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बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को अदालत से मौत की सजा सुनाए जाने के मामले में लेखिका तस्लीमा नसरीन का साथ मिला है. तस्लीमा ने शेख हसीना का बचाव किया है और बांग्लादेश की मौजूदा अंतरिम सरकार पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि जब अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद युनूस और अन्य जिहादी ताकतें वहीं काम कर रही हैं, तो शेख हसीना को सजा कैसे दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार खुद को भी अपराधी घोषित क्यों नहीं करती.

बांग्लादेश की निर्वासित (Exiled) लेखिका तस्लीमा नसरीन ने एक्स पर पोस्ट करते हुए मोहम्मद युनूस के नेतृत्व वाली मौजूदा अंतरिम सरकार पर तीखे हमले किए. उन्होंने कहा,

जिन कामों के लिए यूनुस और उनकी जिहादी ताकतों ने हसीना को गलत बताया है, जब यूनुस और वही जिहादी ताकतें वही काम करती हैं, तो वे उन्हें सही बताते हैं. जब कोई तोड़फोड़ करता है और मौजूदा सरकार उसे गोली मारने का ऑर्डर देती है, तो सरकार खुद को क्रिमिनल नहीं कहती. तो हसीना को पिछले जुलाई में तोड़फोड़ करने वालों को गोली मारने का ऑर्डर देने के लिए क्रिमिनल क्यों माना जा रहा है?

तस्लीमा नसरीन ने पोस्ट में आगे कहा कि जुलाई में तोड़फोड़ करने वाले आतंकवादियों, जिन्होंने मेट्रो में आग लगाई, स्नाइपर से लोगों को मारा, पुलिस अधिकारियों को मारा, उन्हें सजा क्यों नहीं दी जाएगी? अंत में उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में इंसाफ के नाम पर यह तमाशा कब खत्म होगा?

बांग्लादेशी अदालत ने सुनाई थी सजा

इससे पहले सोमवार, 17 नवंबर को बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) ने शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए मौत की सजा सुनाई थी. शेख हसीना पर बांग्लादेश में पिछले साल हुए विद्रोह प्रदर्शनों के दौरान कई लोगों की हत्या करवाने का आरोप है. शेख हसीना ने अदालत के फैसले को पक्षपाती और राजनीति से प्रेरित बताया है. उन्होंने कहा कि यह आदेश बिना लोकतांत्रिक और धांधली वाले ट्रिब्यूनल द्वारा जारी किया गया है. मालूम हो कि विरोध प्रदर्शनों के बाद बांग्लादेश की सत्ता छोड़कर जाने वाली शेख हसीना फिलहाल भारत में रह रही हैं.

यह भी पढ़ें- 'भारत ने शेख हसीना को नहीं सौंपा तो दुश्मनी होगी,' दिल्ली ने क्या जवाब दिया?

कौन हैं तस्लीमा नसरीन?

तस्लीमा नसरीन चर्चित बांग्लादेशी लेखिका हैं, जो 1994 से देश निकाला यानी निर्वासन में रह रही हैं. वह एक डॉक्टर और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी हैं. वह अपने नारीवादी विचारों और धार्मिक कट्टरता की आलोचना के लिए भी जानी जाती हैं. 1994 में उनकी किताब 'लज्जा' के लिए इस्लामी कट्टरपंथियों ने उन्हें जान से मारने की धमकियां दी थीं. इसके बाद उन्हें बांग्लादेश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था. किताब को वहां बैन भी कर दिया गया था, लेकिन दूसरी जगहों पर यह बेस्टसेलर बन गई थी. फिलहाल वह भारत में रह रही हैं और उनके पास स्वीडन की भी नागरिकता है.

वीडियो: दुनियादारी: बांग्लादेश की कोर्ट ने शेख हसीना को सुनाई मौत की सजा, भारत ने क्या कहा?

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