बजट से पहले बचे हुए 14 सांसदों का भी निलंबन रद्द, सत्ता-विपक्ष के बीच क्या बात हुई?
फ़ैसले के बाद एक सर्वदलीय बैठक हुई. इसमें सरकार ने विपक्ष से और विपक्षी दलों ने सरकार से कुछ मांग की है.
1 फरवरी, 2023 को साल का केंद्रीय बजट (Budget 2024) आवंटित किया जाएगा. सदन में घोषणा होगी, सवाल-जवाब और प्रतिक्रियाएं होंगी. इसीलिए बजट सत्र की पूर्व-संध्या पर 14 विपक्षी सांसदों का निलंबन रद्द कर दिया गया. 11 राज्यसभा से और तीन लोकसभा से. ताकि ये सांसद बुधवार, 31 जनवरी को होने वाले राष्ट्रपति के पारंपरिक अभिभाषण (President's address) में रह सकें. इस निर्णय के बाद सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने विपक्षी नेताओं और सदन के साथ एक सर्वदलीय बैठक की. सदन को सुचारू सत्र के चलाने के लिए उनका सहयोग मांगा.
दरअसल, 13 दिसंबर को कुछ लोग संसद में घुस आए थे और उन्होंने पीले रंग के धुएं के साथ नारेबाज़ी की थी. संसद सुरक्षा के उल्लंघन पर विपक्षी सांसदों ने गृहमंत्री अमित शाह से जवाबदेही की मांग की. इसके बाद शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा मिलाकर कुल 146 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया. सदन की कार्यवाही में बाधा डालने के लिए. बाक़ी सांसदों को शीतकालीन सत्र में बचे हुए दिनों के लिए निलंबित किया गया था, लेकिन 14 सांसदों के निलंबन को लोकसभा और राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति के पास भेजा गया था.
कौन 14?
राज्यसभा से:
- कांग्रेस के जेबी माथेर हिशाम, एल हनुमंथैया, नीरज डांगी, राजमणि पटेल, कुमार केतकर और जी सी चन्द्रशेखर.
- भाकपा के बिनॉय विश्वम और संदोश कुमार पी.
- द्रमुक के एम मोहम्मद अब्दुल्ला
- माकपा के जॉन ब्रिटास और ए ए रहीम.
लोकसभा से:
- कांग्रेस के के जयकुमार, अब्दुल ख़ालिक़ और विजय वसंत.
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इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, विपक्षी सांसदों ने विशेषाधिकार समितियों को पत्र लिखे थे. अपनी किए पर खेद व्यक्त किया और कहा कि जानबूझकर नहीं किया गया, व्यक्तिगत अनुशासनहीनता नहीं थी.
सर्वदलीय बैठक में सरकार ने विपक्षी दलों से कहा है कि उन्हें सदन के अंदर तख्तियां या इसी तरह की चीज़ें लाने से परहेज़ करना चाहिए. कथित तौर पर विपक्षी नेताओं ने जांच एजेंसियों के दुरुपयोग, संघीय ढांचे पर हमले और राज्यपालों के अतिक्रमण जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की मांग की है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में ये बैठक हुई. इसमें राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल, संसदीय कार्य मंत्री जोशी, उनके डिप्टी अर्जुन राम मेघवाल और वी मुरलीधरन मौजूद थे. विपक्ष की ओर से कांग्रेस के प्रमोद तिवारी और कोडिक्कुनिल सुरेश, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय, डीएमके के टीआर बालू, शिव सेना के राहुल शेवाले, समाजवादी पार्टी के एसटी हसन, जद(यू) के राम नाथ ठाकुर और टीडीपी के जयदेव गल्ला थे.
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