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उद्धव-शिंदे गुट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर की क्लास लगाई, कहा- केस हमेशा नहीं चल सकता

CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर की भूमिका का जिक्र किया. कहा कि स्पीकर को मामले में फैसला करना होगा, लेकिन लगता है कि उन्होंने अभी तक कुछ नहीं किया है.

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supreme Court asks maharashtra speaker on delay in disqualification petitions in shiv sena matter
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने स्पीकर की खिंचाई करते हुए कहा कि ये मामला अनिश्चितकाल तक नहीं चल सकता. (फोटो- आजतक)
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प्रशांत सिंह
18 सितंबर 2023 (Published: 19:48 IST)
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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 18 सितंबर को उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट के बीच चल रहे विवाद पर सुनवाई की. खबरों के मुताबिक सुनवाई दो मामलों पर हुई. एक मामला शिवसेना के नाम और चिह्न के इस्तेमाल को लेकर दोनों गुटों के अपने-अपने दावों से जुड़ा था. वहीं दूसरी याचिका एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों को अयोग्य करार घोषित करने की मांग से जुड़ी है. इस दूसरे मामले की सुनवाई के दौरान CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर की भूमिका का जिक्र किया. कहा कि स्पीकर को मामले में फैसला करना होगा, क्योंकि केस अनिश्चितकाल तक नहीं चल सकता.

उद्धव ठाकरे गुट ने शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता को लेकर स्पीकर को जल्द फैसला सुनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. याचिका उद्धव गुट के सुनील प्रभु की तरफ से दायर की गई थी. याचिकाकर्ता की तरफ से दलील रखते हुए वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि ये बड़ी गंभीर समस्या है. अभी तक स्पीकर की तरफ से नोटिस नहीं जारी किया गया है, क्या ये तमाशा है?

सिब्बल ने आगे बताया, 

"हम दसवीं अनुसूची को भी भूल गए. हमने तीन आवेदन दायर किए हैं. जिस पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई है. जिसके बाद हमने 4 जुलाई को याचिका दाखिल की और 14 जुलाई को नोटिस जारी किया गया था." 

उन्होंने आगे कहा,

“जब हम स्पीकर के पास जाते हैं तो हर विधायक के अलग-अलग जवाब होते हैं. फिर स्पीकर कहते हैं कि आपने डॉक्यूमेंट्स दाखिल नहीं किए हैं. ये डॉक्यूमेंट्स स्पीकर को दाखिल करने हैं, हमें नहीं.”

कपिल सिब्बल ने कहा कि महाराष्ट्र की सरकार अवैध है. स्पीकर कैसे इस बात को कह सकते हैं कि वो जवाबदेह नहीं हैं. अदालत को इस मामले में जल्द ही एक आदेश जारी करना चाहिए.

वहीं सरकार की तरफ से बोलते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, 

“हमें ये तथ्य नहीं भूलना चाहिए कि स्पीकर का पद एक संवैधानिक पद है. किसी अन्य संवैधानिक कोर्ट के समक्ष उनकी स्थिति को इस तरह उठाया नहीं जा सकता है. आप स्पीकर के साथ ऐसा व्यवहार नहीं कर सकते हैं.”

खबरों के मुताबिक तुषार मेहता की बात का जवाब देते हुए CJI चंद्रचूड़ ने कहा, 

"ऐसा लगता है कि इस मामले में अब तक कुछ भी नहीं हुआ है… स्पीकर को मामले का निपटारा करना चाहिए. लेकिन लगता है कि उन्होंने अभी तक कुछ नहीं किया है." 

इस पर तुषार मेहता ने कहा कि स्पीकर कानून के मुताबिक कार्रवाई और मामले की सुनवाई करेंगे. किसने जवाब दिया और किसने नहीं दिया, ये उनके बीच का मामला है. वहीं कोर्ट ने पूछा कि स्पीकर ने 11 मई से लेकर अब तक मामले पर क्या-क्या किया है. ये भी कहा कि स्पीकर को कोर्ट की गरिमा का पालन करना होगा.

(ये भी पढ़ें: राम मंदिर के उद्घाटन को ‘गोधरा’ से जोड़ा, उद्धव ठाकरे ऐसा बोल देंगे BJP ने सोचा ना होगा!)

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