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Zomato के बिल और सीधे रेस्तरां के बिल की फ़ोटो अगल-बगल डाली, लोगों को बड़ा अंतर दिख गया!

ज़ोमैटो ने दिया जवाब!

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Zomato and restaurant food bill
यूजर द्वारा शेयर किया गया बिल और जोमैटो. (फोटो: सोशल मीडिया)
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धीरज मिश्रा
7 जुलाई 2022 (Updated: 7 जुलाई 2022, 05:00 PM IST) कॉमेंट्स
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आपको बहुत जोर की भूख लगी हो और एक क्लिक पर कुछ मिनटों में ही आपके दरवाजे पर कोई गरमा-गरम खाना पहुंचा जाए, इससे अच्छा क्या हो सकता है. फूड डिलिवरी कंपनियों ने हमारी इसी चाहत का खूब इस्तेमाल किया है. इनके तमाम विज्ञापनों यही होड़ रहती है कि कौन, कितनी जल्दी और ‘स्वादिष्ट खाना' पहुंचा रहा है.

हालांकि इस बीच एक खास चीज को नजरअंदाज किया जाता रहा है. इन फूड आइटम्स का मूल्य. और एक बंदे की एक पोस्ट वायरल हो गई, जिसमें उसने सीधे रेस्तरां से खरीदे खाने और ज़ोमैटो के बिल को अगल-बगल रखकर दिखाया दाम में अंतर. और पब्लिक का क्या? पब्लिक एकदम बमबमा गई. 

राहुल काबरा नाम एक लिंक्डइन यूजर ने इस मामले को उठाया है. उन्होंने एक रेस्टोरेस्ट से ऑनलाइन और ऑफलाइन ऑर्डर के मूल्यों की तुलना कर बताया कि ऑनलाइन फूड खरीदने में करीब 35 फीसदी महंगा पड़ रहा है.

राहुल ने मुंबई के कांदीवली ईस्ट स्थित मोमो फैक्ट्री से जोमैटो के जरिये खाना मंगाया, जिसमें वेज ब्लैक पेपर सॉस, वेजीटेबल फ्राइड राइस और मशरूम मोमो शामिल था. इसमें 75 रुपये का डिस्काउंट लगाने के बाद भी कुल 690 रुपये का खर्चा आया है.

राहुल काबरा ने जब इसी चीज को सीधे रेस्टोरेंट से खरीदा तो कुल 512 रुपये का खर्चा आया. 

ॉयानी कि ऑनलाइन और ऑफलाइन में पूरे 178 रुपये या 34.76 फीसदी का अंतर आया. 

दूसरे शब्दों में कहें तो ऑनलाइन ऑर्डर करना 34.76 फीसदी महंगा पड़ा.

राहुल ने सवाल किया कि ये बात ठीक है कि जोमैटो तमाम पैकिंग और सजा-धजा कर खाना पहुंचाता है, लेकिन क्या इसके लिए इतना ज्यादा पैसा वसूला जा सकता है?

जोमैटो ने दिया जवाब

इस पोस्ट पर अन्य लोगों की भी नजर पड़ी, जिसे लेकर लोग एक सुर में सवाल कर रहे हैं कि फूड डिलिवरी कंपनियां या फूड एग्रीगेटर्स इतने ज्यादा पैसा क्यों वसूल रहे हैं.

इस पर कुछ लोगों ने कमेंट कहकर बताया है कि जोमैटो खुद इसका मेन्यू और प्राइस तय नहीं करता है. रेस्टोरेंट पार्टनर खुद ऐसा करते हैं, ताकि वे जोमैटो को जो कमीशन देते हैं, उसकी भरपाई कर सकें.

द्रिश्या गोयल (Drishya Goyel) नामक एक यूजर ने कमेंट में कहा, 

“कृपया तथ्यों की पुष्टि किए बिना पोस्ट न करें. एक कंपनी को बनाने में वर्षों की मेहनत लगती है. Zomato जैसे स्टार्टअप ने हमारे जीवन को बहुत आसान बना दिया है. जोमैटो खुद अपना मेन्यू और प्राइस तय नहीं करता है. रेस्टोरेंट पार्टनर ऐसा करते हैं. इसलिए यदि कोई समस्या है, तो मुझे यकीन है कि जिन्हें महंगा पड़ता है तो वे ऑफलाइन ऑर्डर करेंगे या फिर खुद रेस्टोरेंट जाकर खाना ले लेंगे.”

इस मामले पर जोमैटो ने भी जवाब दिया है और कहा कि वे सिर्फ खाना पहुंचाने का काम करते हैं, मूल्य घटाना या बढ़ाना उनके हाथ में नहीं है.

जोमैटो का जवाब

इसी पोस्ट की रिप्लाई में कंपनी ने कहा, 

“जोमैटो ग्राहक और रेस्टोरेंट के बीच का एक माध्यम है. हमारे प्लेटफॉर्म पर रेस्टोरेंट द्वारा मूल्य तय करना हमारे हाथ में नहीं है. हमने आपका फीडबैक संबंधित रेस्टोरेंट को भेज दिया है और उनसे जवाब देने की गुजारिश की है.”

हालांकि एक अन्य यूजर आदर्श अनुराग ने कहा कि Zomato/Swiggy की शर्तें और शुल्क बहुत ज्यादा हैं, जिसके कारण रेस्टोरेंट्स के पास सिर्फ दो विकल्प बचते हैं. या तो वे फूड का मूल्य बढ़ा दें या फिर प्रोडक्ट की गुणवत्ता गिरा दें.

लेकिन अब आपको देते हैं ज्ञान? ज्ञान है इसी साल के अप्रैल महीने का. Zomato और swiggy को लेकर खबर आई कि काम्पिटिशन कमिशन ऑफ इंडिया (CCI) यानी प्रतिस्पर्धा आयोग ने इन कंपनीज़ को लेकर जांच के आदेश दिए हैं. 4 अप्रैल को आदेश जारी किया. कहा है कि आयोग के डायरेक्टर जनरल इन कंपनियों की जांच करें. किसकी शिकायत पर CCI ने जांच के आदेश दिए? NRAI (National Restaurant Association of India) की शिकायत पर. ये रेस्तरां चलाने वालों का अखिल भारतीय समूह है. CCI क्या है? ये भारत सरकार द्वारा गठित किया आयोग है, जिसका प्रमुख कार्य ये है कि मार्केट में प्रतिस्पर्धा बनी रहे और मार्केट पर एक या दो कंपनी का ही राज न चलने लगे. 

बिजनेस टुडे की खबर के मुताबिक कहें तो NRAI  ने कहा था कि ये फूड डेलीवेरी प्लेटफॉर्म बहुत ज्यादा डिस्काउंट, exclusive tie up और रेस्टोरेंट पार्टनर को प्राथमिक ट्रीटमेंट देते हैं, जो देश के काम्पिटिशन के नियमों का उल्लंघन है. इनके साथ ही NRAI ने पेमेंट में देर, अग्रीमन्ट में इकतरफा क्लॉज़, और बेतरह कमीशन चार्ज करने जैसे भी आरोप लगाए.

CCI ने ये भी कहा कि NRAI ने ये भी कहा है कि जो भी रेस्तरां Swiggy Zomato के साथ बिजनेस कर रहे हैं, वो अपनी वेबसाइट या किसी दूसरे प्लेटफॉर्म पर Swiggy Zomato पर दिख रहे दाम से कम दाम पर अपना मेनू डिस्प्ले नहीं कर सकते हैं. माना एक आइटम zomato swiggy पर 100 रुपये का बिक रहा है तो 100 रुपये से कम दाम पर वो आइटम बाकी और कहीं भी डिस्प्ले नहीं किया जा सकता है. CCI ने इस बात को संज्ञान में लिया है कि इस प्रैक्टिस में नए प्लेयर इस मार्केट में एंट्री नहीं ले सकते हैं. बता दें कि इस मामले की जांच अब भी जारो है.

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