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सरकार ने लॉटरी निकाली, इस बंदे ने तगड़ा खेल कर 900 करोड़ का चूना लगा दिया!

ED ने छापा मारकर 457 करोड़ रुपए की संपत्ति ज़ब्त की है.

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Sikkim Lottery fraud case
सिक्किम सरकार की लॉटरी से जुड़ा घोटाला (सांकेतिक तस्वीर: आजतक और सैंटियागो मार्टिन की फाइल फोटो: फ्यूचर गेमिंग)
16 मई 2023 (Updated: 16 मई 2023, 21:33 IST)
Updated: 16 मई 2023 21:33 IST
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900 करोड़ रुपये का Sikkim Lottery Fraud Case - केरल में सिक्किम सरकार की लॉटरी की बिक्री से जुड़ा घोटाला, जिसमें सिक्किम सरकार को चूना लगाया गया. आरोप लगा ‘लॉटरी किंग’ कहे जाने वाले सैंटियागो मार्टिन और उसके सहयोगियों पर क्योंकि उस दौरान मार्टिन की कंपनी ही केरल में सिक्किम सरकार की लॉटरी बेच रही थी. मार्टिन पर कई सालों से ये केस चल रहा है. और अब हो रही है प्रवर्तन निदेशालय, माने ED की कार्रवाई.  

मार्टिन के कई ठिकानों पर ED का छापा

इस मामले में ताजा अपडेट ये है कि ED ने सैंटियागो मार्टिन की 450 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति जब्त की है. इसकी जानकारी देते हुए ED की ओर से 15 मई को प्रेस रिलीज जारी की गई है. ED के मुताबिक बीती 11 मई और 12 मई को कोयंबटूर और चेन्नई में मार्टिन के कई ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. ED की ओर जारी प्रेस रिलीज में बताया गया,

"प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के तहत सैंटियागो मार्टिन और अन्य के खिलाफ दर्ज केस को लेकर ED ने कोयंबटूर और चेन्नई में सर्च ऑपरेशन चलाया. ED ने कोयंबटूर में फ्यूचर गेमिंग सॉल्यूशन्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के ऑफिस में छापेमारी की. ये कंपनी सिक्किम लॉटरीज की मास्टर डिस्ट्रिब्यूटर है. इसके अलावा कोयंबटूर स्थित सैंटियागो मार्टिन के आवासीय परिसर के साथ-साथ चेन्नई में मार्टिन के परिवार के व्यावसायिक और आवासीय परिसर पर छापा मारा गया था."

क्या है सिक्किम लॉटरी फ्रॉड केस?

सिक्किम सरकार की लॉटरी की बिक्री से जुड़े मामले में सैंटियागो मार्टिन के खिलाफ IPC की कई धाराओं के तहत केरल के कोच्चि में CBI केस दर्ज हुआ था. इस मामले में CBI की फाइनल रिपोर्ट के आधार पर ED ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की. जांच में ED ने पाया कि मार्टिन, उसकी सहयोगी कंपनियों और संस्थाओं ने 'अवैध लाभ' कमाया. इससे सिक्किम सरकार को 910 करोड़ रुपये तक का घाटा हुआ. आरोप है कि लॉटरी की टिकटों में धांधली की गई. प्राइज-विनिंग टिकटों के दावे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए गए. ED के मुताबिक ये घोटाला 1 अप्रैल, 2009 से 31 अगस्त, 2010 के बीच हुआ.

ED के सर्च ऑपरेशन के मालूम चला कि ग्रुप ने काफी सारा निवेश भी किया हुआ है. PMLA, 2002 के तहत 157.7 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और 299.16 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति फ्रीज करने के आदेश जारी किए गए. इस तरह ED की तलाशी में लगभग 457 करोड़ रुपये की संपत्तियों का पता चला, जिसे जब्त कर लिया गया है. इस मामले में आगे की जांच जारी है. 
 

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