'पूर्व CJI रंजन गोगोई ने यौन उत्पीड़न मामले में जो किया, वो सही नहीं था', SC के वकील का बड़ा आरोप
वकील ने आरोप लगाया कि जस्टिस रंजन गोगोई ने कई मामलों में गलत तरीके से बेंच गठित की थी.

सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील दुष्यंत दवे ने भारत के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर आरोप लगाया कि उन्होंने कई फैसले सरकार के पक्ष में दिये थे. दवे ने ये भी कहा कि जस्टिस गोगोई ने गलत तरीके से कई बेंच गठित की थी. दुष्यंत दवे ने अयोध्या विवाद में मुस्लिम पक्ष की तरफ से पैरवी की थी. लेकिन अंतिम सुनवाई से पहले ही दवे उस केस से अलग हो गए थे. इसे लेकर दवे ने कहा कि उन पर कोई दबाव नहीं था. दी लल्लनटॉप के खास प्रोग्राम 'गेस्ट इन द न्यूजरूम में' इस बार गेस्ट थे दुष्यंत दवे. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और जजों से जुड़े कई मुद्दों पर खुलकर बात की.
बातचीत में दवे ने जस्टिस गोगोई के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस मामले की सही तरीके से जांच नहीं हुई. दुष्यंत दवे ने कहा,
"जब गोगोई साहब (रंजन गोगोई) चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया थे, तब दुर्भाग्य से उनके सामने एक महिला कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी. उस शिकायत को कभी गंभीरता से नहीं लिया गया. स्वतंत्र रूप से उसकी जांच नहीं हुई. उस शिकायत के दौरान चीफ जस्टिस गोगोई ने बहुत सारे केस हैंडल किये और सरकार के पक्ष में फैसले दिए. जो मैं मानता हूं कि वो सही नहीं था."
साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट की ही एक कर्मचारी ने तत्कालीन CJI रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इसके बाद खुद जस्टिस गोगोई, जस्टिस बोबडे और एक अन्य जज की तीन सदस्यीय बेंच ने इस मामले की जांच की थी. बेंच ने इस मामले में गोगोई को क्लीनचिट दे दी थी.
दुष्यंत दवे ने आरोप लगाया कि अयोध्या केस हो, राफेल हो या CBI डायरेक्टर का मामला हो, ऐसे बहुत सारे केस थे जिसमें जस्टिस गोगोई ने जो बेंच गठित की थी वो संवैधानिक रूप से सही नहीं थे. उन्होंने आगे कहा,
"धर्म ने लोगों को बांट दिया है""अयोध्या केस की मेरिट पर मैं नहीं कह सकता कि हिंदुओं का पक्ष सही है या मुसलमानों का केस सही है. आज इन चीजों पर समय बर्बाद करने का कोई मतलब नहीं है. भगवान सबके दिल में रहते हैं. उसके लिए न तो मूर्ति की जरूरत है और न मंदिर की जरूरत है. आज इन विवादों में जाना आधुनिक भारत के लिए सही नहीं है. राम भगवान सबके दिल में हैं."
उन्होंने कहा कि आज हमने धर्म को लोगों के बीच लाकर उन्हें बांट दिया है. धर्म व्यक्तिगत विश्वास का मामला है. ये प्रदर्शनी का मामला नहीं है. 5000 हजार साल से जो हिंदू धर्म है. ये इसलिए बचा हुआ है क्योंकि यह आध्यात्मिक है. ये अनुष्ठानिक नहीं था. आज हम ये भूल गए हैं. हजारों लोग कांवड़ लेकर गाना बजाएंगे और दिल्ली को सारी रात जगाकर रखेंगे.
दवे के मुताबिक, धर्म के नाम पर लोगों को भटका कर हम देश की ऊर्जा को बर्बाद कर रहे हैं. आपको बता दूं कि धर्म खुशियां नहीं लाता है. ये हमें अंदर से कठोर बना देता है. दुष्यंत दवे के साथ ‘गेस्ट इन द न्यूजरूम’ में हुई इस बातचीत का वीडियो नीचे देखें.
वीडियो: गेस्ट इन द न्यूज़रूम: सुप्रीम कोर्ट में ध्रुवीकरण, जस्टिस लोया, अयोध्या केस पर क्या बता गए एडवोकेट दुष्यंत दवे?

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