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'सोनिया गांधी ने अपनी तिजोरी से तीस्ता को दिए 30 लाख', बीजेपी का बड़ा आरोप

संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि तीस्ता सीतलवाड़ ने गुजरात सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची, यह सब सोनिया गांधी के इशारे पर किया गया.

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sambit patra
दाएं से बाएं- संबित पात्रा, सोनिया गांधी (साभार: PTI)
16 जुलाई 2022 (Updated: 16 जुलाई 2022, 14:18 IST)
Updated: 16 जुलाई 2022 14:18 IST
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तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta Setalvad) और अहमद पटेल (Ahmed Patel) पर SIT के लगाए आरोपों के बाद बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं. कांग्रेस ने बयान जारी कर SIT के आरोपों को 'मनगढ़ंत' बताया. वहीं शनिवार, 16 जुलाई को बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीधे कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को निशाने पर लिया. 

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra) ने आरोप लगाया कि तीस्ता सीतलवाड़ ने गुजरात सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची. संबित ने कहा कि, यह सब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के इशारे पर किया गया. उन्होंने कहा कि ये सब साजिश सत्ता पाने के लिए की गई. कांग्रेस ने तीस्ता सीतलवाड़ के जरिए गुजरात और पीएम मोदी की छवि को खराब करने की कोशिश की. पात्रा ने कहा,

“SIT की रिपोर्ट से ये साफ है कि तीस्ता सीतलवाड़ ने जो किया वो सिर्फ गुजरात और राज्य में तत्कालीन मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए किया. सीतलवाड़ की कांग्रेस ने ही मदद की थी. सोनिया गांधी ने अपनी तिजोरी से तीस्ता सीतलवाड़ को पर्सनल खर्च के लिए 30 लाख रुपये दिए. ये 30 लाख तो सिर्फ पहली किस्त थे. तीस्ता को ये पैसे सोनिया ने अपनी तिजोरी से दिए थे. इस पूरे खेल को अहमद पटेल ने अंजाम दिया. लेकिन अहमद पटेल का तो सिर्फ नाम था, ये सोनिया गांधी का ही काम था. क्योंकि अहमद पटेल उस समय सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार थे.” 

ये भी पढ़े- 'अहमद पटेल के कहने पर तीस्ता ने गुजरात सरकार गिराने की साजिश रची थी', SIT के आरोप

SIT के आरोप पर कांग्रेस का पलटवार 

इससे पहले SIT की रिपोर्ट पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि SIT अपने सियासी आकाओं की धुन पर नाच रही है. हम जानते हैं कि कैसे एक पूर्व SIT प्रमुख को CM को 'क्लीन चिट' देने के बाद ईनाम दिया गया. जयराम रमेश ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा, 

“बीजेपी उन दिवंगत लोगों को भी नहीं बख्शती जो उनके राजनीतिक विरोधी थे. कांग्रेस अहमद पटेल पर लगाए गए आरोपों का खंडन करती है. साल 2002 में हुए सांप्रदायिक नरसंहार के लिए गुजरात का सीएम रहते हुए अपनी जिम्मेदारी से खुद को मुक्त करने के लिए यह पीएम मोदी की एक रणनीति का हिस्सा है. इस नरसंहार के बाद उस समय देश के PM अटल बिहारी वाजपेयी ने भी तत्कालीन CM नरेंद्र मोदी को राजधर्म की याद दिलाई थी.”

SIT के हलफनामे में क्या?

सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका का विरोध करते हुए गुजरात पुलिस की SIT ने हलफनामा दाखिल किया. इसमें SIT की तरफ से कहा गया कि कांग्रेस के दिवंगत नेता अहमद पटेल के कहने पर तीस्ता सीतलवाड़ 2002 गुजरात दंगों के बाद राज्य सरकार को गिराने की साजिश का हिस्सा बनी थीं. 

कोर्ट में दाखिल एफिडेविट में SIT ने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ का उद्देश्य एक चुनी हुई सरकार को गिराना या अस्थिर करना था. निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए तीस्ता सीतलवाड़ ने विपक्षी राजनीतिक पार्टी से पैसे और दूसरे फायदे लिए अहमद पटेल के कहने पर तीस्ता सीतलवाड़ को दंगों के बाद 30 लाख रुपये मिले.

वीडियो- गुजरात दंगों पर फैसले के बाद गिरफ्तार तीस्ता सीतलवाड़ के जुहू बीच पर 500 करोड़ के बंगले का सच!

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