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रूस की सेना को रोकने के लिए यूक्रेन के इस सैनिक ने पुल सहित खुद को उड़ा लिया!

यूक्रेन की सेना ने किया सैनिक को सैल्यूट. पूरी दुनिया में हुई तारीफ.

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बाईं तरफ यूक्रेनी सैनिक विटाली वोलोडिमिरोविच (फोटो: सोशल मीडिया)
26 फ़रवरी 2022 (Updated: 26 फ़रवरी 2022, 14:18 IST)
Updated: 26 फ़रवरी 2022 14:18 IST
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रूसी और यूक्रेन के बीच तनाव जारी है. रूस की राजधानी कीव की सड़कों पर जंग छिड़ी हुई है. इसी बीच एक यूक्रेनी सैनिक अपनी बहादुरी और देशप्रेम के लिए दुनियाभर में सुर्खियों में हैं. दरअसल, रूसी सेना हेनिचेस्क ब्रिज (Henichesk bridge) की ओर बढ़ रही थी. इस सैनिक की तैनाती भी इसी ब्रिज पर की गई थी. जब इस सैनिक को रूसी सेना को रोकने का कोई और तरीका नहीं सूझा, तो उसने रूस के टैंकों को रोकने के लिए पुल सहित खुद को बम से उड़ा लिया. इस बहादुर सैनिक का नाम विटाली स्काकुन वोलोडिमिरोविच ( Vitaly Skakun Volodymyrovych)है. यूक्रेन की आर्मी (Ukraine Army) ने विटाली को हीरो बताते हुए, सोशल मीडिया पर उनकी कहानी शेयर की है.
धमाके के बाद टूट हेनिचेस्क ब्रिज (फोटो आजतक)
धमाके के बाद टूटा हुआ हेनिचेस्क ब्रिज (फोटो: आजतक)


दरअसल, रूस के कब्जे वाले क्रीमिया (Crimea) और यूक्रेन को हेनिचेस्क ब्रिज जोड़ता है. क्रीमिया के पास खेरसॉन क्षेत्र (Kherson) में बने पुलों को पार कर रूसी सेना तेजी से यूक्रेन में दाखिल होने के लिए आगे बढ़ रही थी. ऐसे में उन्हें रोकने के लिए यूक्रेनी आर्मी अलर्ट हो गई. 'डेली मेल' की रिपोर्ट के मुताबिक, हेनिचेस्क ब्रिज पर तैनात यूक्रेनी सैनिक विटाली स्काकुन ने आगे बढ़कर मोर्चा संभाला. रूसी सेना को रोके रखने के लिए विटाली के पास ज्यादा टाइम नहीं था, इसलिए उसने खुद को पुल के साथ बम से उड़ाने का फैसला किया. विटाली के बलिदान से हेनिचेस्क ब्रिज टूट गया और यूक्रेनी सेना को रूसी सेना का सामना करने का थोड़ा और समय मिल गया. साथ ही रूसी सेना को मजबूरन घूमकर लंबे रास्ते का रुख करना पड़ा. यूक्रेन की आर्मी ने किया सैल्यूट यूक्रेनी सेना ने विटाली की बहादुरी को सैल्यूट करते हुए फेसबुक पर लिखा,
"स्पेशल मरीन बटालियन ने रूस के खिलाफ मोर्चा संभाल रखा था. इसी बटालियन के इंजीनियर विटाली स्काकुन वोलोडिमिरोविच को क्रीमिया के पास बने Henichesk Bridge पर तैनात किया गया था. रूसी टैंक को राजधानी Kyiv की ओर बढ़ने से रोकने के लिए पुल को उड़ाने का फैसला किया गया. पुल को उड़ाने के लिए Vitaly Skakun को बुलाया गया. पुल को इस तरह उड़ाना था कि रूसी सेना आगे न बढ़ सके. Vitaly Skakun ने अपनी जान जोखिम में डालकर इस मिशन को आखिरी सांस तक अंजाम दिया. लेकिन वे वहां से निकल नहीं सके. पुल को उड़ाने के लिए उन्होंने जो धमाका किया उसमें इस जांबाज सैनिक की मौत हो गई. " 

विटाली को समर्पित यूक्रेनी सेना का फेसबुक पोस्ट
विटाली को समर्पित यूक्रेनी सेना का फेसबुक पोस्ट


रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन की सेना ने Vitaly को बहादुरी के लिए मरणोपरांत सम्मानित करने का फैसला किया है. यूक्रेन के एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने कहा कि रूसी सेना अपेक्षा से अधिक यूक्रेनी सेना के 'प्रतिरोध' का सामना कर रही है.

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