'न्यूक्लियर फुटबॉल' लेकर जिनपिंग से मिलने गए पुतिन! ये क्या चीज है जिसे लेकर बहस छिड़ी हुई है
कोई भी देश राष्ट्राध्यक्ष की इजाजत के बिना न्यूक्लियर हमला नहीं कर सकता. लेकिन ये जरूरी नहीं कि हर वक्त राष्ट्राध्यक्ष अपने ऑफिस में हों. ऐसे केस के लिए पोर्टेबल जुगाड़ बनाया गया.
![russia vladimir putin china xi jinping meeting viral video claims what is nuclear football](https://static.thelallantop.com/images/post/1715937403571_untitled_-_2024-05-17t144628.860.webp?width=540)
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इन दिनों चीन के दौरे पर हैं. राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ उनकी मुलाकात का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है (Putin Jinping Viral Video). स्वागत के लिए बिछाए गए लाल कार्पेट पर पुतिन जिनपिंग के साथ हाथ मिला रहे हैं, फोटो खिंचवा रहे हैं और फिर साथ आगे बढ़ रहे हैं. दोनों के आस-पास कैमरा वाले और उनकी टीम के लोग जुटे हुए हैं. उन्हीं में से दो लोगों के पास एक-एक ब्रीफकेस दिखाई दे रहा है. जिसे लेकर सोशल मीडिया पर बहस चल पड़ी है.
एक यूजर ने लिखा- शी और पुतिन दोनों के पीछे अधिकारी अपने-अपने देश के न्यूक्लियर फुटबॉल लेकर चल रहे हैं. ये प्रोटोकॉल है या जानबूझकर शक्ति का प्रदर्शन?
अन्य ने लिखा- वो जानबूझकर अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहे हैं. तीसरे ने लिखा- परमाणु हथियारों को इस्तेमाल करने की तैयारी.
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कुछ लोगों ने चिंता जताई तो कुछ ने वीडियो में ‘खेलने वाली फुटबॉल’⚽ढूंढने की कोशिश की. एक यूजर ने सवाल किया कि आखिर ये न्यूक्लियर फुटबॉल है क्या?
न्यूक्लियर फुटबॉल नाम न्यूक्लियर ब्रीफकेस से आया है.
कोई भी देश राष्ट्राध्यक्ष की इजाजत के बिना न्यूक्लियर हमला नहीं कर सकता. लेकिन ये जरूरी नहीं कि हर वक्त राष्ट्राध्यक्ष अपने ऑफिस में हो. ऐसे केस में परमाणु हमले के लिए पोर्टेबल जुगाड़ बनाया गया जो कि एक ब्रीफकेस जितना बड़ा होता है. उसे ही न्यूक्लियर ब्रीफकेस कहा जाता है. इसमें एटॉमिक वॉर प्लान होता है जिसकी मदद से जरूरत पड़ने पर राष्ट्राध्यक्ष दुनिया के किसी भी कोने से परमाणु हमले से जुड़े ऑर्डर दे सकता है.
दुनिया के दो सबसे चर्चित न्यूक्लियर ब्रीफकेस हैं अमरीका का 'फुटबॉल' और रूस का 'चेगेत'.
![अमरीकी राष्ट्रपतियों के पास रहने वाला न्यूक्लियर फुटबॉल. (फोटोः विकिमीडिया कॉमन्स)](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/lallantop/wp-content/uploads/2018/01/The_nuclear_football_040118-064502-533x400.jpg)
'फुटबॉल' बस नाम का फुटबॉल है. ये एल्युमीनियम का एक ब्रीफकेस है जो चमड़े के एक कवर में रखा रहता है. 1980 में ब्रेकिंग कवर नाम से एक किताब आई थी. इसे वॉइट हाउस मिलिटरी ऑफिस के डायरेक्टर रहे बिल गली ने लिखा था. इसके मुताबिक फुटबॉल में चार चीजें रहती हैं.
- 'ब्लैक बुक' जिसमें अमरीका पर परमाणु हमला हो जाने की स्थिति में जवाबी हमला करने का तरीका लिखा होता है.
-एक और किताब जिसमें खुफिया ठिकानों की जानकारी होती है.
-एक फोल्डर जिसमें इमरजेंसी ब्रॉडकास्ट सिस्टम से जुड़ी जानकारी देते कागज होते हैं.
-एक कार्ड जिसपर ऑथेंटिकेशन कोड लिखे रहते हैं. इसे बिस्किट कहते हैं.
फुटबॉल हमेशा अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ चलने वाले एक 'मिलिटरी एड' के हाथ में रहता है. इसलिए कई बार ये तस्वीरों में आ जाता है.
![फुटबॉल पकड़े वाइट हाउस का एक मिलिटरी एड. (फोटोः रॉयटर्स)](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/lallantop/wp-content/uploads/2018/01/lead_960_040118-064646-600x356.jpg)
शुरुआत में राष्ट्रपति के पास एक इमरजेंसी बैग या ब्लैक बैग हुआ करता था. 1950 के दशक के आखिरी सालों में US के राष्ट्रपति ड्वाइट D. आइजनहावर और उनके सलाहकार ने अमेरिका पर अचानक परमाणु हमला होने की स्थिति से निपटने के लिए प्लान बनाया. इसके बाद से राष्ट्रपति के सैन्य सहयोगियों ने दस्तावेजों का एक बैग साथ रखना शुरू किया जिसकी मदद से वो पेंटागन या अन्य सैन्य मुख्यालयों के साथ न्यूक्लियर वेपंस या हमले से जुड़े संवाद कर पाए. कभी भी, कहीं से भी, तुरंत फैसला ले सकें.
बैग में इमरजेंसी एक्शन डॉक्यूमेंट्स, राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा और संकट से निपटने से जुड़े दस्तावेज भी रखे गए. जब भी राष्ट्रपति वॉशिंगटन DC से बाहर जाते, सैन्य सहयोगी बैग लेकर उनके साथ जाते. फिर आइजनहावर ने वो बैग अपने उत्तराधिकारी जॉन F. कैनेडी को सौंप दिया. 1960 के दशक की शुरुआत में इसे फुटबॉल के तौर पर जाना जाने लगा. शायद इसलिए क्योंकि कैनेडी के परिवार को टच फुटबॉल पसंद था.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रॉनल्ड रीगन पर जानलेवा हमला हुआ था. उनका काफिला तेजी से आगे निकल गया था और फुटबॉल पीछे छूट गया था. रीगन को गोली लगी थी. जब एमरजेंसी रूम में रीगन के कपड़े काटे गए तो उनमें से ऑथेंटिकेशन कोड वाला कार्ड नीचे गया जहां उनके जूते पड़े थे. ये बात बाहर लोगों की खुसुर-फुसुर में बदलकर ये हो गई कि रीगन कार्ड अपने जूते में लेकर चलते हैं. बाद में कार्ड भी फुटबॉल के अंदर ही रखे जाने लगे.
ट्रंप को नहीं ले जाने दिया गया!2017 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी बीजिंग दौरे पर गए थे. यात्रा के पहले दिन उन्होंने न्यूक्लियर फुटबॉल अपने साथ ले जाने की कोशिश की. लेकिन चीनी अधिकारियों ने कथित तौर पर उन्हें जिनपिंग से मिलते वक्त ऑडिटोरियम में ब्रीफकेस ले जाने से मना कर दिया. US सीक्रेट सर्विस ने बाद में बताया कि दोनों टीमों के बीच हाथपाई भी हो गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, बाद में चीनी अधिकारियों ने अमेरिका से माफी मांगी.
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वापस आते हैं पुतिन और जिनपिंग की मुलाकात पर. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में चीन यात्रा के दौरान पुतिन के नौसेना अधिकारी को बीजिंग में न्यूक्लियर ब्रीफकेस ले जाते हुए भी देखा गया था.
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इस बार के चीन दौरे पर व्लादिमीर पुतिन वो न्यूक्लियर ब्रीफकेस लेकर गए हैं या नहीं, इस बात की पुष्टी अब तक नहीं हुई है. वायरल हो रहे वीडियो को लेकर कुछ यूजर्स ने ये दावा भी किया है कि दिख रहा ब्रीफकेस वो बैग है जो खुलकर बुलेटप्रूफ जैकेट बन जाता है.
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