पुतिन की संपत्ति जब्त करेगा अमेरिका, 27 देश भेजेंगे यूक्रेन को हथियार
पुतिन के साथ रूस के रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री की संपत्तियां भी जब्त होंगी.
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रूस की यूक्रेन में ‘विशेष सैन्य कार्रवाई’ (Russia-Ukraine War) को दो दिन से अधिक का समय बीत गया है. रूस के इस कदम से पश्चिम के कई देश उसके खिलाफ हैं और रणनीतिक तौर पर उसे घेरने के लिए एकजुट हो गए हैं. यूरोपीय संघ (European Union) और ब्रिटेन (Britain) के बाद अब कनाडा (Canada), अमेरिका (America) समेत कई देशों ने रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों की घोषणा की है. साथ ही राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ( Vladimir Putin) और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergei Lavrov) और आर्मी चीफ की संपत्तियों को जब्त करने का आदेश जारी कर दिया है.
इसके साथ ही ब्रिटेन, अमेरिका और बाकी यूरोपीय देशों सहित कुल 27 देशों ने रूस से लड़ रहे यूक्रेन को ज्यादा हथियार, मेडिकल मदद और सैन्य सहायता देने पर सहमति जाहिर की है.
BREAKING (correcting previous tweet as I'd been given incorrect figure): 27 nations, including the UK, other European countries & the US, have agreed to give more weapons, medical supplies and other military aid to Ukraine as it fights a Russian invasion, @SkyNew
— Deborah Haynes (@haynesdeborah) February 26, 2022
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इससे पहले अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी जे. ब्लिंकन ने कहा कि यूक्रेन पर हमला करने के एवज में रूस सरकार को एक गंभीर आर्थिक और राजनयिक कीमत चुकनी होगी. ब्लिंकन के मुताबिक,
"अमेरिकी सरकार के ट्रेजरी विभाग ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन, विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु, उप रक्षा मंत्री और रूसी संघ के सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ प्रमुख वालेरी गेरासिमोव की संपत्ति फ्रीज करने का फैसला लिया है."साथ ही ब्लिंकन ने कहा कि अगर रूस यूक्रेन के खिलाफ इस युद्ध को खत्म नहीं करता तो भविष्य में और अधिक लोगों की संपत्ति फ्रीज करने पर फैसला लिया जाएगा. इसके लिए US ट्रेजरी ने पहले ही रूसी सुरक्षा परिषद के 11 मेंबर्स को लिस्ट तैयार कर ली है. यूरोपीय संघ ने भी लगाए प्रतिबंध अमेरिका की घोषणा से पहले यूरोपीय संघ (EU) ने भी यूक्रेन पर हमला करने के कारण रूस पर कड़ी पाबंदियों को लगाने का फैसला लिया है. यूरोपीय संघ द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण रूस का वित्तीय, ऊर्जा और ट्रांसपोर्ट क्षेत्र प्रभावित होगा. इसके अलावा यूरोपीय संघ के बैंकों में रूसी व्यक्तियों के पैसा जमा करने की क्षमता भी प्रभावित होगी. यूरोपीय यूनियन के सभी 27 देशों में रूस के कई व्यक्तियों के आने पर पाबंदी होगी और इनकी संपत्तियों को भी जब्त किया जाएगा. इनमें रूस के राष्ट्रपति पुतिन और विदेश मंत्री लावरोव के नाम भी शामिल हैं.
UK के पीएम बोरिस जॉनसन (फोटो- PTI)
इधर रूस के खिलाफ कार्रवाई करते हुए ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने भी NATO नेताओं से कहा था कि वो भी पुतिन और लावरोव के खिलाफ कड़ी पाबंदियों की घोषणा करते हैं. इसके बाद ब्रिटेन ने पुतिन और लावरोव की सभी संपत्तियों को फ्रीज करने और अपने हवाई क्षेत्र में रूसी अरबपतियों के जेट विमानों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है. इससे पहले भी ब्रिटेन ने रूस बैंक वीटीबी और रक्षा निर्माता कंपनी रोस्टेक की संपत्ति को फ्रीज कर चुका है. ट्रूडो ने रूस को किया स्विफ्ट से बाहर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी रूस के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा की. ट्रूडो ने रूस को स्विफ्ट पेमेंट सिस्टम (SWIFT) से बाहर कर दिया है. कनाडा के इस कदम से रूस को व्यापार करने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही कनाडा ने रूस को मदद करने वाले बेलारूस पर भी कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं. इसके अलावा रूस के करीब 60 प्रभावशाली व्यक्तियों और बैंकों पर भी कनाडा ने प्रतिबंध लगा दिए हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि SWIFT का मतलब सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्यूनिकेशन होता है. SWIFT की स्थापना 1973 में हुई थी और इसका हेड क्वॉर्टर बेल्जियम के ला हल्पे में है. SWIFT एक हाई सिक्योरिटी मैसेजिंग सिस्टम है, जिसका इस्तेमाल बैंक जल्द और सुरक्षित तरीके से सीमा पार भुगतान करने के लिए करते हैं. इससे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में सहूलियत होती है.