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सीमा विवाद पर राजनाथ सिंह की चीन के रक्षा मंत्री से दो घंटे 20 मिनट में क्या बातें हुईं?

रूस की राजधानी मास्को में ये मीटिंग हुई.

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रूस की राजधानी मास्को में मेत्रोपोल होटल में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंग के बीच दो घंटे 20 मिनट तक बैठक चली. फोटो: Twitter/DefenceMinIndia
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निशांत
5 सितंबर 2020 (Updated: 6 सितंबर 2020, 01:44 PM IST)
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भारत और चीन के बीच सीमा विवाद लगातार बढ़ रहा है. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) की रक्षा मंत्रियों की बैठक के लिए रूस की राजधानी मास्को में हैं. चर्चा का विषय बनी मेत्रोपोल होटल में हुई एक अहम बैठक, जिसमें राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंग से बातचीत की. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, दो घंटे 20 मिनट तक चली इस बैठक के दौरान चीन ने भारत पर ही सीमा विवाद की ज़िम्मेदारी डाल दी. चीन ने बातचीत के जरिए हल निकालने की बात दोहरायी. वहीं, राजनाथ सिंह ने गलवान घाटी समेत LAC पर भारत का पक्ष स्पष्ट किया और कहा कि लद्दाख में LAC पर यथास्थिति बदलने की चीन की कोशिश द्विपक्षीय समझौतों के खिलाफ है. भारत की तरफ से कहा गया कि चीन को द्विपक्षीय समझौतों के मुताबिक, पैंगोंग त्सो झील समेत विवाद वाले क्षेत्रों से पूरी तरह पीछे हटने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करना चाहिए. 'देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा में कोई शंका नहीं' रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने बॉर्डर मैनेजमेंट को लेकर हमेशा जिम्मेदारी भरा रवैया अपनाया है लेकिन हमारे देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के मामले में किसी को कोई शंका नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति को जिम्मेदारी के साथ हल किया जाना चाहिए और किसी भी पक्ष को ऐसा ऐक्शन नहीं लेना चाहिए जिससे स्थिति जटिल हो और सीमावर्ती इलाकों में विवाद बढ़े. राजनाथ सिंह ने एक बार फिर डिप्लोमैटिक और सैन्य स्तर की बातचीत पर जोर दिया ताकि जल्द से जल्द सीमा पर शांति बहाल की जा सके. चीन ने बातचीत पर दिया जोर इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के रक्षा मंत्रालय की तरफ से ये भी कहा गया कि दोनों देशों के बीच संबंध सीमा विवाद की वजह से खराब हुए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, राजनाथ सिंह से मुलाकात की बात चीन के रक्षा मंत्री फेंग की तरफ से की गई. चीन के रक्षा मंत्रालय की तरफ से कहा गया, ''हमें सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत के रास्ते खुले रखने चाहिए ताकि शांतिपूर्वक तरीके से मसलों को हल किया जा सके और ऐसे कदम ना उठाए जाएं, जिससे स्थिति जटिल हो.'' लद्दाख में पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी किनारे पर चीनी सैनिकों की बढ़त के बाद भारतीय सेना ने महत्वपूर्ण पोजीशन पर कब्जा कर लिया है. इस तनाव के बीच रूस में ये बैठक अहम मानी जा रही है. बातचीत का क्या असर होता है, ये देखने वाली बात होगी.
ये SCO क्या है जो भारत, चीन, पाकिस्तान सहित कई देशों की रूस में बैठक कराने वाला है?

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