शादी के जरिए फर्जीवाड़े में लगे थे अवैध रोहिंग्या शरणार्थी, अब सरकार ले रही है पूरा हिसाब
जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में गैर कानूनी तौर पर रह रहे रोहिंग्या शरणार्थी ने पहले स्थानीय लड़की से शादी की. फिर फर्जी पहचान पत्र बनाने की कोशिश. मामला खुला तो सरकार कड़ा एक्शन ले रही है.
जम्मू-कश्मीर में गैरकानूनी तरीके से रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों (Rohingya Muslims) पर कार्रवाई की जा रही है. उन्हें शरण देने वालों को भी नहीं बख्शा जा रहा है. किश्तवाड़ और पुंछ के बाद अब जम्मू जिले में रोहिंग्याओं की मदद करने वाले लोगों को पकड़ा गया है. इन पर आरोप है कि रोहिंग्या, जो कि हमारे देश के नागरिक नहीं हैं, इन लोगों ने उन्हें शरण दी और सरकारी मदद दिलवाने की कोशिश भी की.
इंडिया टुडे से जुड़े सुनीलजी भट्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, रोहिंग्याओं को शरण देने वालों के खिलाफ जम्मू जिले के कई पुलिस थानों में FIR लिखवाई गई है. इनके आधार पर जम्मू के कई इलाकों की तलाशी ली गई. सरकारी प्रक्रिया के मुताबिक इस दौरान मजिस्ट्रेट मौजूद रहे. इन तलाशियों में पैन कार्ड, आधार कार्ड जैसे अवैध भारतीय दस्तावेज जब्त किए गए. इसके अलावा इन लोगों के पास से कई तरह के आपत्तिजनक सामान भी बरामद किए गए हैं.
पुलिस ने बताया है कि मोहम्मद नुमान नाम का एक रोहिंग्या मुस्लिम 2013 से पुंछ जिले के धारग्लून गांव में रह रहा है. वो मूल रूप से म्यांमार के अरकान राज्य का रहने वाला है. नुमान ने 2016 में धारग्लून की ही रहने वाली फरजाना से शादी भी कर ली.
फर्जी दस्तावेज बनाने का आरोपमोहम्मद नुमान ने वसीम अकरम, मोहम्मद सयैफ और अपने ससुर नजीर अहमद के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज बनाने की साजिश रची. इन्होंने अपने लिए फर्जी आधार कार्ड और राशन कार्ड तैयार करवाए. इस मामले में मोहम्मद नुमान, नजीर अहमद, मोहम्मद सयैफ और वसीम अकरम को गिरफ्तार कर लिया गया है. वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में है.
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इससे पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 18 दिसंबर की सुबह किश्तवाड़ में भी कई इलाकों की तलाशी ली. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी. पुलिस ने बताया,
"गैरकानूनी तौर पर रह रहे रोहिंग्याओं पर कार्रवाई की गई. इस मामले में दचन पुलिस थाने में IPC की धारा 467, 468, 471 और 120-बी के तहत FIR दर्ज की गई है. किश्तवाड़ पुलिस ने इसके लिए 4 घरों की तलाशी ली और आपत्तिजनक सामान बरामद किया है."
इससे पहले मार्च 2021 में हुई कार्रवाई के दौरान भी जम्मू शहर में गैरकानूनी तरीके से रह रहे 250 से भी ज्यादा रोहिंग्या मुस्लिम पकड़ाए थे. इसमें कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे.
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