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RBI के गवर्नर ने कोरोना वायरस को पिछले 100 सालों का सबसे बड़ा संकट बताया

आरबीआई के मुखिया ने दी ये बड़ी चेतावनी.

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आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने छह अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. अर्थव्यवस्था को लेकर कई तरह की जानकारी साझा की.
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11 जुलाई 2020 (Updated: 11 जुलाई 2020, 02:43 PM IST) कॉमेंट्स
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शक्तिकांत दास. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई के मुखिया. उन्होंने 11 जुलाई को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिख रहे हैं. यह फिर से सामान्य हो रही है. उन्होंने ये बातें 7वें एसबीआई बैंकिंग और इकनॉमिक्स कॉन्क्लेव में कही. इस दौरान उन्होंने कहा कि आरबीआई विकास दर और आर्थिक स्थिरता दोनों को बराबर तवज्जो दे रहा है. आरबीआई गवर्नर ने और क्या कहा? # कोरोना वायरस पिछले 100 सालों में सबसे खराब स्वास्थ्य और आर्थिक संकट है. # इस वायरस की वजह से उत्पादन और नौकरियों पर निगेटिव प्रभाव पड़ा है. इसने दुनिया भर में मौजूदा व्यवस्था, श्रम और कैपिटल के मूवमेंट को सुस्त किया है. # कोरोना वायरस की वजह से बैंकों के डूबे हुए कर्ज में बढ़ोतरी होगी और उनके पास पैसों की कमी भी होगी. # इस समय की जरूरत विश्वास बहाल करने, वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने, आर्थिक वृद्धि को फिर से पाने और मजबूती के साथ आगे बढ़ने की है. # लॉकडाउन में ढील के बाद से हालात सामान्य हो रहे हैं. लेकिन अभी भी कई सवालों के जवाब बाकी हैं. # अभी यह तय नहीं है कि सप्लाई चेन पूरी तरह से कब शुरू होगी? मांग की स्थिति सामान्य होने में कितना समय लगेगा? और यह महामारी हमारी संभावित वृद्धि पर कितने लंबे समय तक प्रभाव छोड़ती है. # रिजर्व बैंक के लिए विकास दर पहली प्राथमिकता है. लेकिन वित्तीय स्थिरता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है. ऐसे में आरबीआई ने कई कदम उठाए हैं. # आरबीआई ने फरवरी 2019 से अब तक रेपो रेट यानी बैंकों को कर्ज देने की दर में 135 बेसिस पॉइंट की कमी की है. यह कदम बैंकों के पास पर्याप्त पैसे बनाए रखने के लिए उठाया गया. # आरबीआई ने फरवरी 2020 से अब तक 9.57 लाख करोड़ रुपये की लिक्विडिटी के लिए कदम उठाए हैं. यह देश की जीडीपी का 4.7 प्रतिशत है. # मौद्रिक, वित्तीय, और ढांचागत सुधारों के क्षेत्र में उपाय किये गए हैं. इनसे निकट भविष्य में कम से कम रुकावटों के साथ अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार लाने का माहौल बनाने में मदद मिलेगी. # साथ ही सरकार ने व्यापक स्तर के सुधार के तमाम उपायों की पहले ही घोषणा कर दी है, इनसे देश की संभावित वृद्धि को मदद मिलेगी. # हालांकि इन कदमों की वास्तविक सफलता का पता तो कुछ समय बाद ही चलेगा. लेकिन लग रहा है उन्होंने काम किया है. इससे आगामी कदमों को लेकर संतुष्टि और प्रेरणा मिलती है.
Video: कोऑपरेटिव बैंक अब RBI के अधीन हैं लेकिन आपका पैसा कितना सुरक्षित है?

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