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करौली हिंसा: पुलिस ने FIR लिखी, कहा, 'अचानक मस्जिद से पत्थरों की बारिश शुरू हो गई'

पुलिस ने FIR में और क्या आरोप लगाए?

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करौली हिंसा को लेकर FIR आयी सामने (फोटो: आजतक)
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अभय शर्मा
6 अप्रैल 2022 (Updated: 5 अप्रैल 2022, 04:26 AM IST) कॉमेंट्स
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राजस्थान (Rajasthan) के करौली (Karauli) में हुई हिंसा के बाद FIR लिखी गई है. इस FIR में पुलिस ने शोभा यात्रा पर हमले को सुनियोजित साजिश बताया है. बता दें कि ये FIR करौली हिंसा में घायल कोतवाली थाने के एसएचओ रामेश्वर दयाल मीणा की ओर से लिखाई गई है. FIR में रामेश्वर मीणा ने कहा है,
नव संवत्सर के अवसर पर आयोजित की गई हिंदू संगठनों की रैली पुलिस की सुरक्षा में शांतिपूर्ण तरीके से चल रही थी, तभी अचानक से मस्जिद और मुस्लिम घरों की छतों से पत्थरों की बारिश शुरू हो गई. पुलिस ने बीच बचाव किया मगर मुस्लिम समाज के लोग लाठी डंडे लेकर आ गए और रैली में मौजूद भीड़ पर हमला बोल दिया, जिसके बाद बवाल बढ़ गया.
पुलिस ने ये भी बताया है कि अनुमति मिलने के बाद ही यात्रा निकल रही थी, पर कुछ लोगों ने योजना बनाकर पुलिस की मौजूदगी में इस पर हमला कर दिया. हिंसा को नियंत्रित करने में 6 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं.
आजतक के शरत कुमार के मुताबिक, इस घटना के दौरान का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोग हाथों में डंडे और लाठी लिए दिख रहे हैं. इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि शोभायात्रा पर हमला करने की तैयारी पहले से की गई थी.
Karauli Police
करौली में मंगलवार को लगा कर्फ्यू और तैनात पुलिस (फोटो: आजतक)
कितने लोग हुए गिरफ्तार? पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, जानबूझकर कर सुनियोजित ढंग से हमला करने के आरोप में एक निर्दलीय पार्षद समेत 12 मुस्लिमों और 8 हिंदुओं को गिरफ्तार किया गया है. इनमें से 7 लोगों को मंगलवार 5 मार्च को कोर्ट में पेश किया गया. जहां से उन्हें एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया. और बाकी 13 आरोपी पहले से ही दो दिन की पुलिस रिमांड पर हैं. दंगे पर राजनीति करौली में हुई हिंसा पर राजनीति भी अपने तरीके से चल रही है. 5 मार्च को करौली में कांग्रेस और भाजपा की टीमें हिंसा की जांच करने पहुंची. दोनों पार्टियों के नेताओं ने एक-दूसरे पर तुष्टीकरण की राजनीति करने के आरोप जमकर लगाए.
बीजेपी नेता और राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने आरोप लगाते हुए कहा,
घटना को योजना बनाकर अंजाम दिया गया है, घरों की छत पर पहले से पत्थर जमा करके रखे गये थे. पुलिस और प्रशासन ने इलाके का ड्रोन से सर्वे क्यों नहीं किया. पुलिस ने रैली के रूट का भी सर्वे नहीं किया. पुलिस फोर्स 45 मिनट बाद घटनास्थल पर पहुंची. इंटेलिजेंस रिपोर्ट भी नहीं दी गई.
राजेंद्र राठौड़ ने आरोप लगाया कि पीएफआई (Popular Front Of India) के साथ राजस्थान सरकार का गठजोड़ सामने आ रहा है. कहा कि इससे ये साबित हो गया है कि प्रदेश सरकार तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है.
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करौली हिंसा में दर्ज की गई FIR की कॉपी (फोटो: आजतक)

उधर, राजस्थान अल्पसंख्यक बोर्ड के अध्यक्ष रफीक खान ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा,
राजेंद्र राठौर तुष्टीकरण की बात करते हैं, भाजपा खुद धर्म और जात-पात की राजनीति करती है, पूरे प्रदेश में माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है..जिस बात का उदाहरण दिया जाता है कि भगवान श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम थे, उन्होंने मर्यादा तोड़ना नहीं सिखाया, उन्होंने तो मर्यादा के अंदर रहना सिखाया. भगवान श्री राम ने रावण से युद्ध किया और रावण का अंत हुआ. लेकिन, ये लोग रावण बनकर आम आदमी के साथ लड़ना चाहते हैं. कांग्रेस पार्टी और हमारे मुख्यमंत्री की सोच है कि हम 36 कौम को साथ लेकर चलें. हम कभी डिवाइड एंड रूल में विश्वास नहीं रखते. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मैदान में डटे हुए हैं कोई माहौल खराब नहीं होगा.
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करौली में रफीक खान एक मीटिंग में बोलते हुए (फोटो: आजतक)

बता दें, राजस्थान के करौली में शनिवार, 2 अप्रैल को हिन्दू नववर्ष (नव संवत्सर) के दौरान कुछ हिंदू संगठनों द्वारा बाइक रैली निकाली जा रही थी. आरोप है कि इसी दौरान कुछ शरारती तत्वों ने रैली पर पथराव कर दिया. इसके बाद हिंसा फैल गई. हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने कुछ दुकानों और वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया. करौली में करीब आधा दर्जन दुकानों और वाहनों को नुकसान पहुंचा है.

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