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पंजाब में गुरबाणी का टेलिकास्ट फ्री करने पर बवाल, अकाली दल ने 'सिखों पर हमला' बताया

अभी प्रसारण का अधिकार PTC नेटवर्क के पास है, जिसका मालिक बादल परिवार है.

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Golden Temple Gurbani
भगवंत मान ने पहले भी गुरबाणी के प्रसारण को फ्री करने की बात कही थी. (फोटो- पीटीआई)
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साकेत आनंद
19 जून 2023 (Updated: 19 जून 2023, 06:26 PM IST)
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पंजाब सरकार ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में होने वाली गुरबाणी के प्रसारण को फ्री करने की घोषणा की है. 18 जून को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्विटर पर बताया कि सिख गुरुद्वारा एक्ट, 1925 में नया सेक्शन जोड़ा जाएगा. इससे गुरबाणी का प्रसारण मुफ्त हो जाएगा. किसी को टेंडर लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सीएम मान ने कहा कि गुरबाणी के प्रसारण का अधिकार किसी एक चैनल के पास नहीं होना चाहिए. भगवंत मान की इस घोषणा के बाद बवाल मचा हुआ है. अकाली दल ने इस फैसले का विरोध जताया है. इसके अलावा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी इसे सिखों की भावनाओं से जोड़ दिया है. एक-एक कर समझते हैं कि पूरा मामला क्या है.

गुरबाणी यानी गुरुओं की वाणी. सिख धर्म के गुरुओं और संतों ने जो बातें कही और लिखी हैं, उन्हें ही गुरबाणी कहते हैं. जैसे 'गुरु ग्रंथ साहिब' सिख धर्म के विचारों का संकलन है. अमृतसर के गोल्डन टेंपल में इसी गुरबाणी का प्रसारण किया जाता है. लेकिन गुरबाणी को प्रसारित करने का अधिकार अभी सिर्फ PTC नेटवर्क के पास है. इसका मालिकाना शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर बादल के परिवार के पास है. बादल परिवार को यह अधिकार शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (SGPC) ने दिया था.

सरकार ने क्या कहा?

पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने 18 जून की रात ट्विटर पर गुरबाणी के प्रसारण को लेकर जानकारी दी. बताया गया कि हरमिंदर साहिब (स्वर्ण मंदिर) में होने वाली पवित्र गुरबाणी को फ्री टेलिकास्ट करने के लिए पंजाब सरकार सिख गुरुद्वारा एक्ट, 1925 में संशोधन किया जाएगा. सीएम ने कहा कि 19 जून की कैबिनेट मीटिंग में इस प्रस्ताव के एजेंडे को मंजूरी दी जाएगी.

पंजाब CMO ने आगे लिखा, 

"मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि 20 जून को होने वाले विधानसभा के विशेष सत्र में इस प्रस्ताव को पेश किया जाएगा. सीएम ने दुनिया भर में 'सर्ब सांझी गुरबानी' (सभी की गुरबाणी) को प्रसारित करने को समय की जरूरत बताया है. ताकि सरबत दा भला (सबका कल्याण हो) का संदेश दुनिया भर में फैले."

19 जून को भगवंत मान ने मीडिया को बताया कि कानून में जो बदलाव होगा, उसके बाद इसे सिख गुरुद्वारा (संशोधन) कानून, 2023 कहा जाएगा. उन्होंने कहा कि ऑफिशियल गैजेट जारी होने के बाद उसी तारीख से यह प्रभावी हो जाएगा. सभी चैनलों के लिए गुरबाणी का लाइव प्रसारण फ्री हो जाएगा.

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का विरोध

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने पंजाब सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जाहिर की है. SGPC के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने एक बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान सिखों के धार्मिक मसलों को उलझाने की कोशिश कर रहे हैं. सिखों के मसले संगत की भावनाओं से जुड़े हुए हैं, जिसमें सरकार को किसी भी तरीके से दखल देने का हक नहीं है.

हरजिंदर धामी ने लिखा है, 

"आप सिख गुरुद्वारा एक्ट 1925 में संशोधन करके नई धारा जोड़ने की बात कर रहे हो, जिसके बारे में आपको जानकारी नहीं है. ये काम सिख संगत द्वारा चुनी गई संस्था शिरोमणि कमेटी की सिफारिशों के साथ भारत सरकार संसद में ही कर सकती है. पंजाब सरकार को इस एक्ट में संशोधन करने का कोई अधिकार नहीं है. अपने राजनीतिक हितों के लिए सिख समुदाय को दुविधा में डालने से बचिए. गुरबाणी का प्रसारण कोई आम प्रसारण नहीं है. इसकी पवित्रता और मर्यादा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है."

हरजिंदर सिंह धामी ने एक वीडियो जारी कर यह भी दावा किया कि सिख गुरुद्वारा एक्ट, 1925 में साफ लिखा है कि राज्य सरकार मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में बैठे अपने ‘पॉलिटिकल मास्टर को खुश करने के लिए एक धार्मिक मुद्दे को राजनीतिक रंग दिया’ जा रहा है. पंजाब सरकार इस कानून में बदलाव नहीं कर सकती है क्योंकि इसे विभाजन से पहले ड्राफ्ट किया गया था.

अकाली दल की क्या राय है?

गुरबाणी के प्रसारण के लिए पीटीसी नेटवर्क ने साल 2012 में SGPC के साथ 11 साल का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था. ये कॉन्ट्रैक्ट अगले महीने ही खत्म होने वाला है. इसलिए शिरोमणि अकाली दल इसका विरोध कर रहा है. जब पिछले महीने भगवंत मान ने कहा था कि गुरबाणी का प्रसारण सभी चैनल पर मुफ्त में होगा तो भी अकाली दल ने इसका विरोध किया था.

अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने तब कहा था कि गुरबाणी का प्रसारण बिना विज्ञापन के और बिना फायदे के किया जाता है. उनका कहना था कि पीटीसी टेलिकास्ट के लिए कोई चार्ज नहीं करता है. बल्कि SGPC को हर साल स्कूलों और कॉलेजों को चलाने के लिए चार से पांच करोड़ रुपये देता है. सरकार के नए एलान के बाद सुखबीर बादल ने कहा कि यह सिर्फ खालसा पंथ के गुरुद्वारों पर नहीं, बल्कि सिख समुदाय पर भी सीधा हमला है.

सिख गुरुद्वारा एक्ट, 1925 के जरिये गुरुद्वारों की कार्यप्रणाली और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अधिकारों को तय किया गया है. SGPC पंजाब में कम से कम 100 गुरुद्वारों का प्रबंधन देखती है. इसमें गोल्डेन टेंपल भी शामिल है. साथ ही इसके पास गुरबाणी के टेलिकास्ट को बांटने का भी अधिकार है. अब सरकार संशोधन के जरिये इसी में बदलाव करने वाली है.

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