IAS पूजा खेडकर की मां पर FIR, पिस्तौल लहराकर किसान को धमकाने का वीडियो आया था
Trainee IAS अफ़सर पूजा खेडकर के बाद अब उनकी मां मनोरमा खेडकर भी मुश्किलों में घिरती नजर आ रही हैं. उनपर किसानों को धमकाने के लिए पुणे के एक स्थानीय थाने में विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.

ट्रेनी IAS अफ़सर पूजा खेडकर पद के दुरुपयोग के गंभीर आरोपों में घिरी हैं. अब उनकी मां मनोरमा खेडकर की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं. बीते दिनों मनोरमा खेडकर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वो हाथ में पिस्तौल लिये कुछ लोगों को धमकाती नज़र आ रही हैं. इस मामले में उनके खिलाफ पुणे ग्रामीण के पौंड पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई है.
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, वायरल वीडियो 2023 का बताया जा रहा है. जिसमें मनोरमा खेडकर हाथ में बंदूक लेकर कुछ लोगों को धमका रही हैं. मामला किसानों की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश से जुड़ा है. आरोप है कि वह जमीन पर कब्जे को लेकर किसान को धमका रही थीं. पिछले साल भी किसान ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की थी. लेकिन दबाव की वजह से उनके खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं हो सकी थी.
लेकिन वीडियो वायरल होने के बाद अब उन पर FIR दर्ज हो गई है. न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में पौंड पुलिस स्टेशन के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर मनोज यादव ने बताया,
पुणे ग्रामीण पुलिस ने प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के माता-पिता - मनोरमा खेडकर और दिलीप खेडकर - के साथ ही अन्य पांच लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है. यह FIR कल रात पौंड पुलिस स्टेशन में एक स्थानीय किसान की शिकायत के आधार पर दर्ज हुई है. उनका आरोप है कि मनोरमा खेडकर ने उनको धमकाया था. IPC की धारा 323, 504, 506 और आर्म्स एक्ट के तहत इन लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है.
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इससे पहले मनोरमा खेडकर का एक और वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें वो पत्रकारों को जेल भेजने की धमकी दे रही थीं. उन्होंने कहा था कि अगर मेरी बेटी ने सुसाइड किया, तो आप सबको अंदर डाल दूंगी. उन्होंने मीडिया कर्मियों को धमकाते हुए उनके कैमरे पर हाथ भी चलाया था.
पूजा खेडकर, 2023 बैच की आईएएस हैं. चर्चा में हैं, क्योंकि उनपर पद के दुरुपयोग के गंभीर आरोप लगे हैं. वो अपनी निजी ऑडी गाड़ी पर लाल-नीली बत्ती, VIP नंबर प्लेट ‘महाराष्ट्र सरकार’ का स्टिकर यूज कर रही थीं. जबकि जूनियर या प्रोबेशनरी IAS अफ़सरों को ऐसी सुविधा नहीं मिलती. इस संबंध में अपर मुख्य सचिव मंत्रालय को रिपोर्ट दी गई. और इसके बाद उनका ट्रांसफर कर उन्हें वाशिम जिले में भेज दिया गया है.
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