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नीतीश-लालू को चुभने वाली बात बोली, फिर प्रशांत किशोर ने अपना असली प्लान खोल दिया!

प्रशांत किशोर उर्फ पीके. नामी चुनावी रणनीतिकार. आज पटना में प्रेस कॉन्फेंस की. बिहार को लेकर अपने फ्यूचर प्लान्स के बारे में बताया.

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प्रशांत किशोर (फ़ाइल तस्वीर)
प्रशांत किशोर (फ़ाइल तस्वीर)
11 मई 2022 (Updated: 12 मई 2022, 16:30 IST)
Updated: 12 मई 2022 16:30 IST
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प्रशांत किशोर(PRASHANT KISHOR) उर्फ पीके. नामी चुनावी रणनीतिकार. आज पटना में प्रेस कॉन्फेंस की. बिहार को लेकर अपने फ्यूचर प्लान्स के बारे में बताया. क्लियर किया कि वो फिलहाल कोई पार्टी नहीं बनाने जा रहे हैं. साथ ही प्रशांत ने कहा,

"बिहार आज 30 साल के लालू और नीतीश के राज के बाद भी देश का सबसे पिछड़ा और गरीब राज्य है. विकास के कई मानकों पर बिहार आज भी देश के सबसे निचले पायदान पर है. बिहार अगर आने वाले समय में अग्रणी राज्यों की सूची में आना चाहता है तो इसके लिए नई सोच और नए प्रयास की जरूरत है."

इसके बाद प्रशांत किशोर ने कहा,

"मेरी टीम ने करीब 17 हजार 500 लोगों को चिन्हित किया है, जिनसे मैं मिलने वाला हूं. जन-सुराज (गुड गवर्नेंस) की जो सोच है उसको जमीन पर लाने पर बात होगी. पिछले तीन दिनों में 150 लोगों के साथ बैठक कर चुका हूं."

इसके अलावा प्रशांत किशोर ने बिहार में राजनीतिक बदलाव के लिए 3 हजार किलोमीटर की पदयात्रा करने के लिए कहा है, जो 2 अक्टूबर से चंपारण के गांधी आश्रम से शुरू होगी.

नीतीश शासन में बिहार का बुरा हाल

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किशोर ने सीएम नीतीश पर जमकर हमला बोला. कहा कि नीतीश कुमार के रहते बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार की व्यवस्था पूरी तरीके से नष्ट हो चुकी है. व्यक्तिगत तौर पर मेरे उनसे बहुत अच्छे संबंध है, लेकिन हर मुद्दे पर मैं उनसे सहमत नहीं हूं.

कास्ट पॉलिटिक्स पर भी दिया जवाब

पीके ने कहा कि कई लोगों का मानना है कि बिहार में केवल जाति के आधार पर वोट मिलता है. मैं जाति नहीं बल्कि समाज के सभी लोगों को जोड़ने की कोशिश कर रहा हूं. मैं कोरोना के खत्म होने का इंतजार कर रहा था ताकि किसी नई योजना पर काम कर सकूं. अगर मैं कोरोना के दौरान यात्रा की शुरुआत करता तो लोग मुझपर सवाल खड़ा करते.

पर्दे के पीछे वाले आर्टिस्ट हैं किशोर

प्रशांत किशोर हमेशा से पर्दे के पीछे रहकर अपनी चुनावी रणनीति को अंजाम देते आए हैं. 34 साल की उम्र में अफ्रीका से संयुक्त राष्ट्र (UN) की नौकरी छोड़कर किशोर 2011 में गुजरात के तत्कालीन CM नरेंद्र मोदी की टीम से जुड़े थे. प्रशांत किशोर को मोदी की उन्नत मार्केटिंग और चाय पे चर्चा, 3डी रैली, रन फॉर यूनिटी, मंथन जैसे विज्ञापन अभियान का श्रेय दिया जाता है. वो इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (I-PAC) नाम का संगठन चलाते हैं. यही संगठन लीडरशिप, सियासी रणनीति, मैसेज कैंपेन और भाषणों की ब्रांडिंग करता है.

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