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ये आदमी PFI को दे रहा था पैसा? अबू धाबी में मशहूर रेस्टोरेंट को बनाया था अड्डा

ED की जांच में सामने आया है कि PFI ने डोनेशन के नाम पर खाड़ी देशों से काफी पैसा लिया है.

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PFI has thousands of active members in Gulf countries: ED
ईडी के मुताबिक खाड़ी देशों में पीएफआई के हजारों सक्रिय सदस्य हैं. (फाइल फोटो: आजतक)
26 सितंबर 2022 (Updated: 26 सितंबर 2022, 18:14 IST)
Updated: 26 सितंबर 2022 18:14 IST
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हाल ही में देशभर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के ठिकानों पर छापेमारी करने वाली ED ने अबू धाबी के एक होटल से PFI के कनेक्शन का खुलासा किया है. प्रवर्तन निदेशालय यानी ED (ED) ने कहा है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खाड़ी देशों में हजारों सक्रिय सदस्य हैं. 

ED ने पाया है कि PFI ने इन देशों से पर्याप्त धन जुटाया है, जिसे हवाला लेन-देन के जरिए भारत भेजा जाता है. वहीं PFI ने दावा किया था कि उसे मिले 120 करोड़ रुपये के फंड में से ज्यादातर भारत में मिले छोटे कैश डोनेशन के हैं. 

ED की जांच में आया अबू धाबी के ‘दरबार रेस्टोरेंट’ का नाम

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, ED ने कहा है कि PFI के पदाधिकारियों ने अबू धाबी के ‘दरबार रेस्टोरेंट’ को हवाला लेनदेन और भारत में उनके अवैध ट्रांसफर के लिए इस्तेमाल किया. उनमें से कई अधिकारी हिरासत में हैं.

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार अब्दुल रजाक बीपी ‘दरबार रेस्टोरेंट’ के जरिए PFI और संबंधित संस्थाओं की मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों को अंजाम देने में शामिल था. ED ने कहा है कि अब्दुल रजाक का भाई दरबार रेस्टोरेंट मैनेज कर रहा था. ED के मुताबिक, अब्दुल रजाक ने अबू धाबी में अपने निजी नेटवर्क का इस्तेमाल किया और कथित तौर पर ‘दरबार रेस्टोरेंट’ को मनी लॉन्ड्रिंग केंद्र में तब्दील कर दिया.

ED पता लगा रही कि खाड़ी देशों से PFI ने कैसे जुटाया फंड

रिपोर्ट के मुताबिक, केरल से गिरफ्तार किए गए शफीक पायथ को कतर से फंड इकट्ठा करने की जिम्मेदारी दी गई थी. शफीक पायथ को साल 2007 से PFI का मेंबर बताया जाता है. ED ने शफीक पायथ के ख‍िलाफ र‍िमांड नोट में खुलासा क‍िया है क‍ि शफीक पायथ ने 2018 तक ‘गल्फ थेजस डेली’ में बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर के तौर पर दो साल काम किया. ‘गल्फ थेजस डेली’ थेजस न्यूजपेपर की शाखा है जिसे इंटरमीडिया पब्लिशिंग लिमिटेड पब्लिश करती है. इसमें अब्दुल रजाक बीपी उस समय डायरेक्टरों में से एक था.

ED ने कहा कि उसकी जांच से पता चला है कि ‘थेजस अखबार’ ने भारत और खाड़ी देशों में PFI के मुखपत्र के तौर पर काम किया. एजेंसी के मुताबिक, डोनेशन की नकली रसीदें बनाकर भारत में अधिकारियों को गुमराह किया गया.

हालांकि, खाड़ी में सभी बड़े फंड कलेक्शन और हवाला सौदों का सरगना PFI केरल स्टेट एग्जीक्यूटिव काउंसिल के मेंबर अशरफ एमके को बताया गया है. ED की जांच से पता चला है कि अशरफ एमके PFI के साथ-साथ संबंधित संस्थाओं की फंडिंग में भी शामिल था. एजेंसी ने अशरफ एमके को ही अबू धाबी स्‍थ‍ित 'दरबार रेस्‍टोरेंट' का माल‍िक बताया, जोक‍ि मनी लॉन्‍ड्र‍िंग का सेंटर बना हुआ था.

वीडियो- दी लल्लनटॉप शो: PFI पर हुई छापेमारी में NIA ने किसको-किसको पकड़ा?

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