'केंद्र सरकार की कठपुतली है NIA, हम संविधान के लिए लड़ेंगे', छापेमारी के बाद PFI का बयान
PFI ने कहा कि सभी आरोप झूठे हैं और NIA की कार्रवाई केवल माहौल बनाने के लिए है.

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने देशभर में अपने ठिकानों पर छापेमारी की निंदा की है. PFI का कहना है कि उसे बिना किसी वजह के निशाना बनाया जा रहा है. उसके मुताबिक, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और प्रवर्त्तन निदेशालय (ED) द्वारा लगाए जा रहे आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं. PFI की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया,
‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद, NIA और ED द्वारा देशभर में संगठन के ठिकानों पर की गई छापेमारी का विरोध करती है. परिषद अपने नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों की गलत तरह से हुई गिरफ्तारी और उत्पीड़न की निंदा करती है.’
PFI के बयान में आगे कहा गया,
पूरे देश में PFI पर ताबड़तोड़ छापे'NIA के PFI को लेकर किए गए बेबुनियादी दावे और सनसनी फैलाने का मकसद सिर्फ डर का माहौल बनाना है. केंद्र सरकार हमारे खिलाफ एजेंसियों का कठपुतली की तरह इस्तेमाल कर रही है. हमारे खिलाफ हुई इस खौफनाक कार्रवाई के बाद भी PFI सरेंडर नहीं करेगा. हम अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्था और हमारे प्यारे देश के संविधान की भावना को बहाल करने के अपने मकसद पर हमेशा अडिग रहेंगे.'
इससे पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गुरूवार, 22 सितंबर को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के ठिकानों पर देशभर में छापेमारी की. टेरर फंडिंग और कैम्प चलाने के आरोप में जांच एजेंसी ने ये कार्रवाई की है. ED और NIA ने दिल्ली, यूपी, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु सहित 11 राज्यों में PFI के ठिकानों पर छापेमारी की. संगठन से जुड़े 106 लोगों को अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार किया गया है. NIA ने PFI के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओएमए सलाम और दिल्ली अध्यक्ष परवेज अहमद को गिरफ्तार कर लिया है.

आजतक से जुड़े जितेंद्र बहादुर सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक, NIA को PFI और उससे जुड़े लोगों की बड़ी संख्या में संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिली है, जिसके आधार पर ही जांच एजेंसी ने छापेमारी की कार्रवाई की है. NIA को मिली जानकारी के मुताबिक, PFI से जुड़े लोग ट्रेनिंग गतिविधियों, टेरर फंडिंग और लोगों को संगठन से जोड़ने को लेकर अबतक के सबसे बड़े प्लान पर काम कर रहे थे.
वीडियो देखें : पंजाब की प्राइवेट यूनिवर्सिटी में सुसाइड के बाद छात्रों का हंगामा, जांच की मांग

.webp?width=60)

