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बाबा रामदेव ने बताया क्यों बिगड़ी थी आचार्य बालकृष्ण की तबीयत

अचानक तबीयत खराब होने के बाद आचार्य बालकृष्ण को एम्स में भर्ती कराना पड़ा था.

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फोटो - thelallantop
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डेविड
24 अगस्त 2019 (Updated: 24 अगस्त 2019, 05:43 AM IST)
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आचार्य बालकृष्ण, योग गुरु बाबा रामदेव के सहयोगी. 23 अगस्त को उनकी हेल्थ से जुड़ी एक खबर आई. कुछ मीडिया में खबर चली कि उन्हें हार्ट अटैक आया है. हरिद्वार के पतंजलि योगपीठ के पास भूमानंद अस्पताल में भर्ती कराया गया. मगर हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उन्हें ऋषिकेश के एम्स के लिए रेफर कर दिया. अब बाबा रामदेव ने बताया है कि आचार्य बालकृष्ण को क्या हुई था और उनकी तबीयत क्यों खराब हुई थी. बाबा रामदेव ने कहा,
जिन लोगों ने आचार्य बालकृष्ण के स्वास्थ्य के लिए चिंता जताई, उनके हेल्थ को लेकर जिनके मन में काफी उलझन है. कई लोगों को कंफ्यूजन है कि आचार्य जी कैसे हैं. उनके लिए मैं कहना चाहूंगा कि उनकी तबीयत को लेकर आपने जो चिंता जताई उसके लिए मैं आप लोगों को प्रणाम करता हूं.  दूसरी बात ये कहना चाहता हूं कि जन्माष्टमी के अवसर पर एक सज्जन आए थे. उन्होंने पेड़ा खिला दिया था आचार्यजी को. 15-20 मिनट बाद ही उनको बेहोशी जैसी स्थिति हुई. फूड पॉइजनिंग जैसी स्थिति हुई. थोड़ी तबीयत खराब हुई. लेकिन एम्स में उनका सही इलाज चल रहा है. करीब 90 प्रतिशत आचार्यजी ठीक हैं. मैंने उनसे बात की है. थोड़ा वक्त लगेगा लेकिन वे ठीक हो जाएंगे.
एम्‍स ऋषिकेश के डॉक्‍टर रविकांत ने बताया,
आचार्य बालकृष्‍ण की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. उनका ब्‍लड प्रेशर, पल्‍स, ईसीजी, एमआरआई ब्रेन सब नार्मल है. पेड़ा खाने का असर है, लेकिन वह पूरी तरह से ठीक हो जाएंगे.
एम्स की ओर से हेल्थ बुलेटिन भी जारी किया गया है. इसमें बताया गया है कि 23 अगस्त को आचार्य बालकृष्ण को शाम 4 बजकर 45 मिनट पर एम्स लाया गया था. जब उन्हें एम्स लाया गया वह बेहोशी की हालत में थे. लेकिन अब हालात ठीक है. कौन हैं बालकृष्ण? पूरा नाम बालकृष्ण सुवेदी है. बालकृष्ण के पिता जय वल्लभ उत्तराखंड के एक आश्रम में सिक्योरिटी गार्ड थे. फिर वह अपने देश नेपाल लौट गए. जय वल्लभ और सुमित्रा के 6 बच्चे हुए. उनमें से एक थे बालकृष्ण. बाल की पैदाइश के कुछ बरस बाद वल्लभ गांव लौट गए और खेती करने लगे. उसके कुछ बरस बाद 12 साल के बालकृष्ण हरियाणा आ गए पढ़ाई के वास्ते. उन्हें शुरुआत से ही योग के आहार पक्ष और उसमें भी जड़ी बूटियों में खास दिलचस्पी थी. पतंजलि समर्थक कहते हैं कि बालकृष्ण ने युवावस्था में ही संजीवनी बूटी खोज ली थी. वही मिथकीय बूटी, जिसके सेवन से लक्ष्मण की मूर्छा खुली थी. जब कोई सफल होता है, तो मिथक भी बनने ही लगते हैं. फोर्ब्स की 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक 25,600 करोड़ रुपये के मालिक हैं. बालकृष्ण. 98.5 के मालिक अनलिस्टेड कंपनी में. पतंजलि आर्युवेद की स्थापना 2006 में रामदेव और बालकृष्ण ने की थी. इसके लिए गोविंद अग्रवाल ने 1 करोड़ दिए और पप्पुल पिल्ली ने 7 करोड़. शुरुआत में दवाई और डेरी प्रॉडक्ट बने. फिर यूके में रहने वाले सरवन और सुनीता पोद्दार ने 50 करोड़ दिए. बैंक ने भी 2007 में 10 करोड़ लोन दिया. उसके बाद बालकृष्ण 94 फीसदी के मालिक बने और बाकी छह फीसदी के मालिक पोद्दार परिवार. समूह ने अगले तीन सालों में 250 करोड़ का निवेश पाया. समूह की नई कंपनियों में रामदेव के भाई रामभरत का भी कुछ मालिकाना हक है.
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