BJP की सांसद जसकौर मीणा ने क्यों कहा महिलाओं को नहीं मिल रहा बोलने का समय?
इससे पहले BJP सांसद संगीता कुमारी सिंह देव और सुनीता दुग्गल ने भी तीन बिलों पर महिलाओं को बोलने के लिए बराबर समय नहीं दिए जाने की बात कही थी. इनमें भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता बिल और भारतीय साक्ष्य बिल शामिल हैं.
संसद का शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) जारी है. एक तरफ यहां जम्मू-कश्मीर में लगी धारा 370 को हटाने को लेकर बहस हुई. गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने इसके लिए पूर्व-प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की गलतियों को जिम्मेदार ठहराया. वहीं, दूसरी तरफ दोनों सदनों को मिलाकर विपक्ष के 141 सांसदों को निलंबित कर दिया गया. मगर इन सबके बीच सत्ताधारी भाजपा की महिला सांसदों को लग रहा है कि सदन में महिलाओं को बोलने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया जा रहा.
इससे पहले संसद के विशेष सत्र के दौरान महिलाओं को आरक्षण देने के लिए लाया गया बिल पास हुआ था. लेकिन इस सत्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सांसद जसकौर मीणा ने महिला सांसदों को बोलने का समय ना मिलने पर चिंता जताई है.
राजस्थान के दौसा से सांसद जसकौर मीणा ने लोकसभा में लैंगिक असमानता को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संसद में महिलाओं को बोलने के समान अवसर नहीं दिए जाते हैं. मीणा ने अध्यक्ष के आसन की ओर इशारा करते हुए कहा कि सदन में सुबह से मौजूद रहने के बाद भी उन्हें सत्र के आखिर में बोलने का मौका दिया जाता है.
किन मंत्रियों ने उठाए सवाल?जसकौर मीणा ने कहा,
"महिलाओं को समानता का दर्जा तो आप लोग भी नहीं दे रहे. चेयर भी नहीं दे रही. हम आज सुबह से हैं, हमेशा पूरे समय रहते हैं. उसके बावजूद हमें सबके बाद समय दिया जाता है. कानून मंत्री और रविशंकर प्रसाद जैसे सांसद विस्तार से अपनी बात रखते हैं, क्या हम नहीं रख सकते? लेकिन आपको हमें उचित समय देना चाहिए."
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जसकौर मीणा आगे बोलीं,
"मैं तो अपनी चीफ व्हिप से भी कहूंगी कि कम से कम वो तो महिलाओं के बोलने के लिए समय सुनिश्चित करें. हमें 2 या 3 नंबर पर स्लॉट दिया जाना चाहिए, बजाय इसके कि हमें 15वें नंबर पर बोलने का मौका दिया जाए. हमने 3 दिन से लगातार तैयारी की है, लेकिन उसके बावजूद समय की कमी के चलते हम पूरी बात नहीं कह सकते."
अपनी बात खत्म करते हुए सांसद मीणा ने हिंदी साहित्य के वरिष्ठ लेखक मैथिलीशरण गुप्त की दो पंक्तियां भी कहीं,
"अन्याय सहकर बैठ जाना ये बड़ा दुष्कर्म है,
न्यायार्थ अपने बंधु को भी दंड देना धर्म है."
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जसकौर मीणा के भाषण का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. इससे पहले BJP सांसद संगीता कुमारी सिंह देव और सुनीता दुग्गल ने भी तीन बिलों पर महिलाओं को बोलने के लिए बराबर समय नहीं दिए जाने की बात कही थी. इनमें भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता बिल और भारतीय साक्ष्य बिल शामिल हैं.
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