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IMF बोला कर्ज़ चाहिए तो PIA बेचो, पाकिस्तान बोला “ठीक है!”, मुनीर की कंपनी भी बोली लगाएगी

Pakistan अपनी प्रमुख एयरलाइन पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) की नीलामी करने जा रहा है. दिलचस्प बात यह है कि बोली लगाने वाली कंपनियों में फील्ड मार्शल Asim Munir की कंपनी का नाम भी शामिल है.

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Pakistan to sell national carrier PIA for IMF loans
Pakistan अपनी प्रमुख एयरलाइन PIA की नीलामी करने जा रहा है. (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)
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अर्पित कटियार
4 दिसंबर 2025 (Updated: 4 दिसंबर 2025, 08:50 AM IST)
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भयंकर आर्थिक संकट से गुजर रहा पाकिस्तान निजीकरण (Privatisation) के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है. इसी कड़ी में वह अपनी प्रमुख एयरलाइन पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) की नीलामी करने जा रहा है. यह बिक्री अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से लिए गए भारी-भरकम कर्ज के बदले की जा रही है. IMF ने 7 अरब डॉलर का कर्ज देने के एवज में यह शर्त रखी थी कि पाकिस्तान को PIA में 51–100% हिस्सेदारी बेचनी होगी.

असीम मुनीर की कंपनी भी लगाएगी 'बोली'

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने कहा कि PIA की बोली 23 दिसंबर को होगी और इसे सभी मीडिया चैनलों पर लाइव दिखाया जाएगा. उन्होंने इस्लामाबाद में बोली लगाने वालों से मुलाकात भी की. एयरलाइन की बिक्री IMF बेलआउट की सबसे अहम शर्तों में से एक है.

दिलचस्प बात यह है कि बोली के लिए चार कंपनियां चुनी गई हैं, जिनमें सेना से जुड़े ‘फौजी फर्टिलाइजर कंपनी लिमिटेड' का नाम भी शामिल है. पाकिस्तान में सेना का हर क्षेत्र में दखल माना जाता है. फौजी फर्टिलाइज़र, फौजी फ़ाउंडेशन का हिस्सा है. आज पाकिस्तान के सबसे ताकतवर व्यक्ति फील्ड मार्शल असीम मुनीर सीधे फौजी फ़ाउंडेशन के बोर्ड में नहीं हैं. लेकिन वे क्वार्टरमास्टर जनरल (QMG) को नियुक्त करते हैं, जो बोर्ड का हिस्सा होता है. 

इस हिसाब से मुनीर और सेना का इस फाउंडेशन पर अप्रत्यक्ष नियंत्रण रहता है. सेना बड़े पदों पर नियुक्तियां करती है और फाउंडेशन को अपनी प्राथमिकताओं के हिसाब से चलाती है. फौजी फ़ाउंडेशन पाकिस्तान की सबसे बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियों में से एक है. इसके अलावा, लकी सीमेंट कंसोर्टियम, आरिफ हबीब कॉर्पोरेशन कंसोर्टियम और एयर ब्लू लिमिटेड भी बोली लगाने वाली कंपनियों की रेस में है.

ये भी पढ़ें: पाकिस्तान ने दिए गलत आंकड़े ... अब IMF ने मांगा 11 अरब डॉलर का पूरा हिसाब

PIA की बिक्री पाकिस्तान के लिए जरूरी है, क्योंकि देश कर्ज़ पर ही चल रहा है. पाकिस्तान का एक बड़ा खर्च रक्षा बलों पर है. IMF ने सितंबर 2024 में पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर का लोन मंजूर किया था. इसमें से 1 अरब डॉलर तुरंत मिला, बाकी रकम 3 साल में मिलनी है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले ही चरमरा रही है. वह IMF का पांचवां सबसे बड़ा कर्जदार है और 1958 से अब तक 20 से ज्यादा बार IMF से कर्ज़ ले चुका है.

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