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पाकिस्तानी पत्रकार का दावा- कई बार भारत जाकर जासूसी की, ISI ने मांगी थी सारी जानकारी

पाकिस्तान के पत्रकार नुसरत मिर्जा ने एक इंटरव्यू में भारत में की जासूसी का खुलासा किया है.

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Pakistani columnist Nusrat Mirza
पाकिस्तानी स्तंभकार नुसरत मिर्जा (फोटो: फेसबुक)
12 जुलाई 2022 (Updated: 12 जुलाई 2022, 23:52 IST)
Updated: 12 जुलाई 2022 23:52 IST
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पाकिस्तान के एक पत्रकार ने भारत आकर जासूसी करने की बात स्वीकार की है. नुसरत मिर्जा (Nusrat Mirza) पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हैं. इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक नुसरत मिर्जा ने एक हालिया इंटरव्यू में अपने भारत दौरे का जिक्र किया. उन्होंने बताया है कि कई सालों पहले वो दिल्ली और अलीगढ़ में कई कार्यक्रमों में शामिल हुए थे. इस दौरान उन्होंने जो जानकारियां जुटाई थीं, उन्हें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के साथ शेयर किया गया था.

2007-10 में आए थे भारत

इंडिया टुडे से जुड़े अंकित कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक नुसरत मिर्जा ने साल 2007 से 2010 के दौरान दिल्ली और अलीगढ़ में कई कार्यक्रमों में भाग लिया. उन्होंने इंटरव्यू में बताया कि 27 अक्टूबर, 2009 को वो दिल्ली के ओबेरॉय होटल में आतंकवाद के खिलाफ इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने गए थे. इस दौरान जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी और याह्या बुखारी पाकिस्तानी पत्रकार का अभिवादन करते हुए देखे गए थे.

(Photo: RFI Pakistan)
(फोटो: RFI पाकिस्तान)

जामा मस्जिद यूनाइटेड फोरम के इस कार्यक्रम में भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और कैबिनेट मंत्री गुलाम नबी आजाद भी शामिल हुए थे. वहीं अन्य लोगों में मधु किश्वर भी शामिल थीं.

मिर्जा फाउंडेशन की ओर से छापी गई तस्वीरों में नुसरत मिर्जा को साल 2007 और 2010 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कैनेडी ऑडिटोरियम में ‘स्टूडेंट सेमिनार’ में एक गेस्ट के तौर पर स्पीच देते हुए दिखाया गया है.

(Photo: RFI Pakistan)
(फोटो: RFI पाकिस्तान)
पाकिस्तानी विदेश मंत्री से मिली थी खास मदद

रिपोर्ट के मुताबिक नुसरत मिर्जा ने इंटरव्यू में कहा कि भारत यात्रा के लिए पाकिस्तान के विदेश मामलों के विभाग से उन्हें काफी मदद मिली थी. पत्रकार शकील चौधरी को दिए वर्चुअल इंटरव्यू में नुसरत मिर्जा ने बताया,

आमतौर पर जब आप भारत जाने के लिए वीजा के लिए आवेदन करते हैं, तो वे आपको केवल तीन जगहों पर जाने की अनुमति देते हैं. हालांकि, उस समय खुर्शीद कसूरी विदेश मंत्री थे, जिन्होंने मुझे सात शहरों के लिए वीजा दिलाने में मदद की.

फरवरी 2010 में नुसरत मिर्जा ने दिल्ली के जामिया मिलिया में एक अंतरधार्मिक कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया था. मिर्जा के साथ पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं का एक समूह भी था, जिसमें नेशनल असेंबली के पूर्व सदस्य डॉ. अरेश सिंह भी शामिल थे.

(Photo: RFI Pakistan)
(फोटो: RFI पाकिस्तान)

भारत की अपनी यात्राओं के बारे में बताते हुए नुसरत मिर्जा ने कहा,

मैं पांच बार भारत का दौरा कर चुका हूं. मैंने दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई, पटना और कोलकाता का भी दौरा किया. 2011 में मैं मिल्ली गजट के प्रकाशक जफरुल इस्लाम खान से भी मिला.

मिर्जा ने पाकिस्तानी सेना में नेतृत्व को लेकर निराशा भी जताई. कहा कि ये नेतृत्व आमतौर पर विशेषज्ञों के काम की उपेक्षा करते हैं. बकौल नुसरत मिर्जा, 

आप जानते हैं कि पाकिस्तान में क्या दिक्कत है? यहां जब भी नया आर्मी चीफ आता है, वह पुराने चीफ के किए गए काम को छोड़कर खाली कागज पर नए अध्याय की शुरुआत करता है. 

ISI तक पहुंचाई जानकारी

नुसरत मिर्जा ने आगे बताया, 

मुझसे तत्कालीन विदेश मंत्री खुर्शीद ने अपने साथ लाई गई जानकारी को तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी को सौंपने के लिए कहा. मैंने कहा, मैं उन्हें जानकारी नहीं दूंगा. अगर खुर्शीद चाहते हैं, तो उन्हें जानकारी दे सकता हूं, वे इसे आर्मी चीफ कयानी को सौंप दें.  

नुसरत मिर्जा ने बताया कि उन्हें बाद में कहा गया कि अगर उनके पास ऐसी और जानकारी हो, तो दे दें. मिर्जा ने कहा,

मैंने उनसे इस जानकारी पर काम करने के लिए कहा. उनके पास रिसर्च विंग है. उन्हें भारत के नेतृत्व की कमजोरी के बारे में पता है. 

हालांकि मिर्जा का दावा है कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने इस जानकारी का इस्तेमाल नहीं किया. ये भी कहा कि भारत के सभी क्षेत्रों में अलगाववादी आंदोलन हो रहे हैं और इस बारे में कोई संदेह नहीं है. 

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