कोरोना के इस नए वैरिएंट का नाम 'FLiRT' क्यों रखा गया? कितना खतरनाक है?
बताया जा रहा है कि ये वैरिएंट ओमिक्रॉन वाले वैरिएंट का दूर का रिश्तेदार है जिसका बोलचाल का नाम FLiRT रख दिया गया है.
कोविड का एक नया वैरिएंट आया है. अमेरिका में इसके मामले बढ़ रहे हैं. नाम रखा गया है, FLiRT. अंग्रेजी के शब्द ‘Flirt’ (फ्लर्ट) से मिलता-जुलता है. अनुवाद में नहीं पड़ते, सीधा मुद्दे पर आते हैं. क्या कोविड-19 हमसे अठखेलियां लगा रहा है? या पहले हम उससे जितना खौफ खाते थे, वो अब ‘फ्लर्ट’ में बदल गया है? जैसे किसी हल्के भूकंप के वक्त हिलते पंखे में डर से ज्यादा जिज्ञासा छिपी रहती है. कब आया, कहां आया, कितनी तीव्रता का था? वैसे ही अब कोरोना का हाल है.
चलिए जानते हैं, क्या है ये नया FLiRT वैरिएंट? इसका ये नाम कैसे पड़ा? और वही पुराना सवाल, क्या हमें इससे डरने की जरूरत है?
डरने की कितनी जरूरत है?पहले ही बता दें कि अभी तक की जानकारी के मुताबिक, डरने की कोई जरूरत नहीं है. बस सावधानी रखनी चाहिए, हर मामले में.
कैसे पड़ा ये नाम?बताया जा रहा है कि ये वैरिएंट ओमिक्रॉन वाले का दूर का रिश्तेदार है. टेक्निकली SARS-CoV-2 का एक वैरिएंट, जिसका बोलचाल का नाम FLiRT रख दिया गया है. कोरोना के ऐसे नाम पहले भी रखे जाते रहे हैं. ये वाला थोड़ा सा अलग है. नाम से लग सकता है कि हम कोरोना के साथ ज्यादा ही सहज हो गए हैं. खैर… नाम रखने वाले जानें.
अब बात है कि ये नाम क्यों? जानकारी है कि इसमें कोरोना के दो म्यूटेंट शामिल हैं. इनमें थोड़ा अंतर तो होता है, लेकिन कह सकते हैं कि एक ही से कुछ हैं.
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दरअसल, ये नाम दिया है अमेरिका की इंफेक्शियस डिजीज सोसाइटी ने. इनमें से एक म्यूटेंट है, KP.2. यहां से आया ‘FL’. फिर दूसरा है, KP.1.1. इससे आया है, ‘RT’. एक तरफ FL, दूसरी तरफ RT. दोनों को अंग्रेजी के छोटे वाले i से जोड़कर FLiRT बना दिया गया है. ‘i’ के मायने अभी नहीं पता चल पाए हैं.
इस पर अब तक क्या जानते हैं?TIME की रिपोर्ट के मुताबिक, इन दोनों में KP.2 वैरिएंट के मामले थोड़े ज्यादा हैं. अमेरिका की शीर्ष स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) का कहना है कि KP.1.1 वाला वैरिएंट इतना ज्यादा नहीं फैला है. हालांकि, इन वैरिएंट्स पर रिसर्च चल रही हैं. ये पहले के वैरिएंट से कम या ज्यादा खतरनाक हैं, कितना तेजी से फैल सकते हैं – ये सब सवाल हैं ही. पर WHO की तरफ से कोई अलर्ट नहीं जारी किया गया है.
एक्सपर्ट्स का ये भी कहना है कि अभी से इस वैरिएंट के बारे में कुछ बताना मुश्किल है. हालांकि, CDC के आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में SARS-CoV-2 के मामले अभी काफी कम ही हैं. और बाकी की दुनिया में भी जनवरी के बाद से इनके मामलों में गिरावट देखी गई है. मामले अप्रैल के बीच में थोड़े बढ़े थे, लेकिन फिर उनमें पहले के मुकाबले गिरावट भी रही है.
बताया जा रहा है कि नए वैरिएंट के लक्षण बुखार, खांसी और फ्लू जैसे ही हैं. WHO ने कुछ एहतियात बताए हैं. हाथ धोएं, मुंह ढककर खांसें या छीकें और मास्क पहनकर रखें.
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