The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • NEET paper leak: Digi lock for question papers malfunctioned, led to delay, say EOU

NEET: 'डिजिटल लॉक खुले नहीं, पेपर देरी से बंटे, इसलिए ग्रेस मार्क्स दिए', पर कहानी इतनी भर नहीं है...

NEET Paper Leak मामले में एक बड़ा अपडेट आया है. मामले की जांच कर रही EOU को परीक्षा से जुड़ी बदइंतजामी की अहम जानकारी मिली हैं.

Advertisement
EOU finds malfunctioning of digital locker in NEET question paper (photo-aajtak)
EOU की जांच में प्रश्नपत्र से जुड़े डिजिटल लॉकर की गड़बड़ी सामने आई (फोटो-आजतक)
pic
निहारिका यादव
23 जून 2024 (Updated: 23 जून 2024, 06:59 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

NEET परीक्षा में गड़बड़ी का मामला फिलहाल कोर्ट में है. इस बीच परीक्षा में कथित पेपर लीक (NTA Paper Leak) मामले की जांच कर रही बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) को कुछ अहम जानकारी मिली है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, EOU ने अपनी जांच में पाया कि NTA द्वारा विभिन्न एग्जाम सेंटर्स पर भेजे गए NEET-UG प्रश्न पत्र के बक्सों में लगे डिजिटल लॉक में खराबी थी. इन डिजिटल लॉक को परीक्षा शुरू होने से पहले स्वचालित रूप से खुल जाना चाहिए था. लेकिन, कई सेंटर्स पर, डिजिटल लॉक फेल कर गए और प्रश्नपत्र के बक्सों को मैन्युअली खोला गया. इस वजह से इन सेंटर्स पर कैंडिडेट्स को प्रश्नपत्र मिलने में देरी हुई.

ये भीं पढ़ें- NEET-UG विवाद के बीच NEET-PG एग्जाम हुआ स्थगित, स्वास्थ्य मंत्रालय ने क्या वजह बताई?

रिपोर्ट के मुताबिक, NTA ने इन सभी सेंटर्स के 1,563 कैंडिडेट्स को कॉम्पन्सेटरी तौर पर ग्रेस मार्क्स देने का फैसला किया. NTA के इस फैसले से NEET परीक्षा के इतिहास में पहली बार 67 टॉपर्स सामने आए. हालांकि, NTA के ग्रेस मार्क्स के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था. इन कैंडिडेट्स को सुप्रीम कोर्ट ने दो विकल्प दिए. या तो इन कैंडिडेट्स का अंक बिना ग्रेस मार्क्स के देखा जाए या ये छात्र दोबारा एग्जाम दें. बता दें, NEET परीक्षा में ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 छात्रों का री-एग्जाम आज 23 जून को छह सेंटर्स पर एक ही शिफ्ट में कराया जा रहा है. इस री-एग्जाम का रिजल्ट 30 जून को आएगा.

रिपोर्ट में NEET परीक्षा से जुड़ी अन्य अनियमितातों का भी जिक्र है. पहले यह खुलासा किया गया था कि प्रश्नपत्र बांटने में देरी के कारण, हरियाणा के बहादुरगढ़ में तीन केंद्रों- विजया स्कूल, एसआर सेंचुरी स्कूल और हरदयाल पब्लिक स्कूल में जल्दबाजी में पेपर के दो सेट बांट दिए गए थे. इन स्कूलों के प्रबंधन ने इसकी पुष्टि की, हालांकि, उन्होंने कहा कि दोनों में से एक सेट बाद में वापस ले लिया गया था. वहीं, जांच में पता चला कि विजया स्कूल में 5 मई को परीक्षा वाले दिन केवल एक बक्सा स्वचालित रूप से खुला, लेकिन तीन बक्से नहीं खुले. जब स्कूल प्रबंधन ने NTA  को इस मुद्दे के बारे में सूचित किया गया, तो NTA की तरफ से बक्से को मैन्युअल रूप से खोलने के निर्देश दिए गए. इसके बाद मची अफरा-तफरी में पेपर के दोनों सेट बांट दिए गए. इस प्रकरण में ये भी सामने आया कि तीनों स्कूलों में से केवल हरदयाल पब्लिक स्कूल के अभ्यर्थियों को ग्रेस मार्क्स दिए गए. जबकि प्रश्नपत्र बंटने में तीनों ही स्कूल में देरी हुई थी.

रिपोर्ट में प्रश्नपत्र के डिजिटल लॉकर की मैन्युअल अनबॉक्सिंग की जानकारी दी गई है. प्रक्रिया के अनुसार, मैन्युअल अनबॉक्सिंग में दो ताले शामिल होते हैं- एक NTA के सेंटर ऑब्जर्वर और दूसरा सेंसर अधीक्षक के पास. यह प्रक्रिया NTA द्वारा वीडियो-रिकॉर्ड की गई है. अब सवाल यह है कि NEET की परीक्षा में डिजिटल लॉक फेल क्यों हुआ? 

इस मामले पर EOU ने शनिवार, 22 जून को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. वहीं, केंद्र ने इस मामले की जांच CBI को सौंप दी है.
 

वीडियो: NEET-NET पेपर लीक विवाद के बीच बदले गए NTA डायरेक्टर, कौन हैं प्रदीप सिंह खरोला?

Advertisement