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नाना पाटेकर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली तनुश्री दत्ता को झटका, जांच बंद करने के खिलाफ याचिका खारिज

मुंबई के अंधेरी स्थित रेलवे कोर्ट के न्यायिक मजिस्ट्रेट एनवी बंसल ने इस मामले की सुनवाई की. उन्होंने तनुश्री दत्ता की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी है कि यौन उत्पीड़न के आरोपों को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है.

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mumbai railway court rejected tanu shree dutta plea against nana patekar
मुंबई की एक अदालत ने नाना पाटेकर के खिलाफ तनुश्री दत्ता की याचिका खारिज कर दी. (तस्वीर:सोशल मीडिया/इंडिया टुडे)
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शुभम सिंह
7 मार्च 2025 (Updated: 7 मार्च 2025, 11:23 PM IST) कॉमेंट्स
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मुंबई की एक अदालत ने ‘MeToo’ एक मामले में अभिनेत्री तनुश्री दत्ता की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने अभिनेता नाना पाटेकर के खिलाफ जांच बंद करने के फैसले को चुनौती दी थी. मुंबई पुलिस ने नाना पाटेकर के खिलाफ चल रही जांच को बंद कर दिया था. तनुश्री ने इसके खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी.

कोर्ट ने क्या कहा?

मुंबई के अंधेरी स्थित रेलवे कोर्ट के न्यायिक मजिस्ट्रेट एनवी बंसल ने इस मामले की सुनवाई की. उन्होंने तनुश्री दत्ता की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी है कि यौन उत्पीड़न के आरोपों को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है. मजिस्ट्रेट ने कहा कि इस मामले में दर्ज की गई शिकायत कोर्ट द्वारा सेट की गई डेडलाइन क्रॉस कर गई है.

इंडिया टुडे की विद्या की रिपोर्ट के मुताबिक, मजिस्ट्रेट ने ‘दंड प्रक्रिया संहिता’ (CRPC) की धारा 468 का हवाला दिया. यह धारा कोर्ट को तय सीमा की समाप्ति के बाद अपराध का संज्ञान लेने से रोकती है. जस्टिस बंसल ने कहा कि इस मामले में मामले का संज्ञान लेने की सीमा केवल तीन साल थी. आरोपों के मुताबिक, घटना 2008 की थी और शिकायत अक्टूबर 2018 में दर्ज की गई थी. इसलिए मामले की समय-सीमा समाप्त हो चुकी थी.

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तनुश्री ने क्या आरोप लगाया था?

दरअसल, तनुश्री दत्ता ने नाना पाटेकर के खिलाफ साल 2008 में फिल्म ‘हॉर्न ओके प्लीज’ की शूटिंग के दौरान यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. उन्होंने अक्टूबर 2018 में ओशिवारा पुलिस स्टेशन में एक FIR दर्ज कराई थी. तब जांच अधिकारी ने नाना पाटेकर के अलावा कई अन्य लोगों के बयान दर्ज किए थे. 

इसके बाद कई महिलाओं ने सोशल मीडिया पर अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के मामलों को ‘MeToo’ हैशटैग के साथ सोशल मीडिया पर लिखना शुरू किया. भारत में इसे ‘MeToo’ आंदोलन की शुरुआत माना गया था.

हालांकि, जांच अधिकारी को कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला. रिपोर्ट के मुताबिक, FIR झूठी पाई गई. पुलिस ने इसके बाद क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी. इसमें बताया गया कि आरोपी के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं मिला है. साथ ही इसमें शिकायत को झूठा बता दिया गया.

तनुश्री दत्ता ने इसके खिलाफ 5 दिसंबर, 2019 को एक याचिका दायर की. उन्होंने फिर से जांच किए जाने और कानूनी कार्रवाई करने की मांग की थी.

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