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अग्निपथ योजना में बड़ा सुधार करने की तैयारी में सरकार, मामला स्थायी नौकरी से जुड़ा है

कहा जा रहा है कि संशोधनों को लागू होने में समय लग सकता है, लेकिन अग्निपथ योजना के लिए आवश्यक बदलाव किए जाएंगे.

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2023 में पटना में अग्निवीरों की पासिंग आउट परेड की तस्वीर. (PTI)
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सौरभ
5 सितंबर 2024 (Updated: 5 सितंबर 2024, 23:24 IST)
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सेना में भर्ती से जुड़ी अग्निपथ योजना में केंद्र सरकार बदलाव कर सकती है. इसके तहत चार सालों की सेवा के बाद सुरक्षाबलों में एनरोल होने वाले अग्निवीरों की संख्या 25 पर्सेंट से बढ़ा कर 50 पर्सेंट तक की जा सकती है. इंडिया टुडे ने शीर्ष रक्षा अधिकारियों के हवाले से बताया है कि संशोधनों को लागू होने में समय लग सकता है, लेकिन अग्निपथ योजना के लिए आवश्यक संशोधन किए जाएंगे.

रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, अग्निवीरों को परमानेंट नौकरी देने की दर बढ़ाने पर विचार-विमर्श चल रहा है. अगर इस पर फैसला ले लिया गया तो ज्यादा अग्निवीरों को चार साल के कार्यकाल से आगे स्थायी नौकरी दी जाएगी. फिलहाल, केवल 25 प्रतिशत अग्निवीरों को उनकी प्रारंभिक सेवा अवधि (चार साल) के बाद रखा जाता है. कई रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि ये संख्या पर्याप्त नहीं है.

इंडिया टुडे की शिवानी शर्मा ने सूत्रों के हवाले से बताया है,

"ज़मीन पर लड़ने की क्षमता को बनाए रखने के लिए अग्निवीरों की एक चौथाई संख्या बहुत कम है. सेना ने सिफारिश की है कि करीब 50 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थायी नौकरी पर रखा जाना चाहिए."

सेना ने अगल-अलग यूनिट्स में इंटर्नल सर्वे में मिले फीडबैक के आधार पर अपनी सिफारिशों को सरकार के पास पहले ही भेज दिया है.

अग्निपथ स्कीम

केंद्र सरकार ने 2022 में अग्निपथ योजना को शुरू किया था. इस योजना के तहत अग्निवीर के नाम से जाने जाने वाले सैनिकों को चार साल के शॉर्ट टर्म कॉन्ट्रैक्ट पर सेना, नौसेना और वायु सेना में भर्ती किया जाता है. साल की कुल भर्तियों में से केवल 25% को स्थायी कमीशन के तहत नौकरी पर परमानेंट किया जाता है.

अग्निपथ योजना को लेकर सरकार को देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध का सामना करना पड़ता रहा है. अभी भी इस योजना का विरोध देखा जाता है. सेना में भर्ती होने के इच्छुक कई युवाओं ने कहा है कि 4 साल बाद सेवा छोड़ने वालों का भविष्य अनिश्चित होगा. कई पूर्व सैनिक इस तर्क का समर्थन करते हैं. विपक्ष ने इस योजना को वापस लेने की मांग की है, जबकि एनडीए के सहयोगी दलों ने इसकी समीक्षा की मांग की है.

वीडियो: रखवाले: क्या अग्निवीर योजना को किसी सुधार की जरूरत है?

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