क्या आने वाले वक्त में दूसरे देशों से कोयला खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी?
मोदी कैबिनेट के दो बड़े फैसले जिन्हें जानना चाहिए.
Advertisement
नरेंद्र मोदी कैबिनेट की बैठक हुई. 8 जनवरी को. इस बैठक में कई अहम फैसले हुए. कोयला खनन को स्टील और पावर के अलावा दूसरे सेक्टर की कंपनियों के लिए खोल दिया गया है. कैबिनेट ने खनिज कानून (संशोधन) अध्यादेश-2020 को मंज़ूरी दे दी है. यह अध्यादेश कोयला खदानों की नीलामी के नियमों को आसान बनाता है. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने प्रेस ब्रीफिंग में इन फैसलों की जानकारी दी.
जावड़ेकर ने कहा, 'हमारे पास भरपूर कोयला है फिर भी हम इसका आयात करते थे. इस स्थिति को समाप्त करने वाला फैसला लिया गया है. कैबिनेट ने नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड यानी NINL में 100% हिस्सेदारी बेचने की मंजूरी दे दी.' उन्होंने कहा कि कि मोदी सरकार के कार्यकाल में हो रहे विनिवेश मजदूरों के पक्ष में हैं. रोजगार बढ़ाने वाले और पारदर्शी हैं.
मंत्री ने बताया कि पूर्वोत्तर भारत के आठों राज्यों में एक नया गैस ग्रिड तैयार किया जाएगा. इसके अलावा गुजरात के जामनगर में इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑफ आयुर्वेद को राष्ट्रीय महत्व की संस्था का दर्जा देने का फैसला किया है. उन्होंने कहा, 'इससे आयुर्वेद की इस संस्था का दुनियाभर में नाम होगा. आयुर्वेद की ये पहली राष्ट्रीय महत्व की संस्था बनेगी.'Union Cabinet approved in-principle strategic disinvestment of equity shareholding, in Neelachal Ispat Nigam Ltd, of Minerals and Metals Trading Corporation Ltd, National Mineral Development Corp, MECON and Bharat Heavy Electrals Ltd https://t.co/IspUHSuEaP
— ANI (@ANI) January 8, 2020
Union Cabinet approves conferring status of Institution of National Importance(INI) to cluster of Ayurvedic institutions at Gujarat Ayurved University campus in Jamnagar — ANI (@ANI) January 8, 2020इसके अलावा कैबिनेट ने फ्रांस के साथ मॉबिलिटी के समझौते पर मंजूरी दी है. इसमे छात्र, शैक्षिक विद्वान, अध्यापक और स्किल्ड मैनपावर को दोनों देशों में सहज रूप से आने-जाने की सहूलियत मिलेगी. और काम करने का अवसर मिलेगा. हेल्थ के क्षेत्र में काम करने वाले मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ ममझौता हुआ है. सरकार को उम्मीद है कि इस समझौते के बाद शिशु मृत्युदर घटेगा, फैमिली प्लानिंग पर काम होगा. संक्रामक बीमारियों जैसे टीबी के इलाज के लिए सार्थक उपाय होंगे. इसके साथ ही एक और समझौता हुआ है. इंग्लैंड के साथ. इस समझौते से रेलवे की एनर्जी एफिशिएंसी बढ़ेगी साथ ही बिजली की खपत कम होगी.
ममता बनर्जी ने CAA को लेकर कहा कि उनके लाश पर से गुजरना होगा