'वापस नहीं होगी अग्निपथ स्कीम, प्रदर्शन करने वाले नहीं बनेंगे अग्निवीर', डिफेंस अधिकारी बोले
डिफेंस अधिकारियों ने कहा कि दूसरे देशों के मॉडल को स्टडी करने के बाद अग्निपथ स्कीम लाई गई है.

अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन के बीच आज, 19 जून को रक्षा मंत्रालय ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का मकसद था अग्निपथ स्कीम को लेकर ‘कन्फ्यूज़न’ दूर करना. तीनों सेनाओं के अधिकारियों ने स्कीम को लेकर कई तरह की जानकारी दी. हालांकि, हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने ये साफ कर दिया कि अग्निपथ स्कीम को वापस नहीं लिया जाएगा.
डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री के एडिशनल सेक्रेटरी लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने देश के अलग अलग हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे युवाओं से हिंसा नहीं करने की अपील की है. उन्होंने कहा,
स्कीम के खिलाफ हमें इस तरह के प्रदर्शन की उम्मीद नहीं थी. अनुशासन ही भारतीय सेना की नींव है. आगजनी, तोड़फोड़ के लिए कोई जगह नहीं. भर्ती से पहले पुलिस सत्यापन कराना होगा. उसके बिना कोई शामिल नहीं हो सकता. अगर किसी के खिलाफ FIR हो गई, तो वो सेना में भर्ती नहीं हो पाएगा. सभी को एक प्रमाण पत्र देना होगा कि वो आगजनी और विरोध प्रदर्शन का हिस्सा नहीं हैं.
लेफ्टिनेंट जनरल की तरफ से कहा गया कि सेना में जवानों की औसत उम्र फिलहाल 32 साल है. जिसे घटाकर 26 साल करने की कोशिश की जा रही है. इसलिए हमें सेना में युवाओं की ज्यादा जरूरत है. हम दूसरे देशों के मॉडल को स्टडी करने के बाद अग्निपथ स्कीम लाए हैं.
दिसंबर के पहले हफ्ते में 25 हजार अग्निवीरों की भर्तीअग्निपथ स्कीम में 46 हजार भर्तियों को लेकर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि ये सिर्फ शुरुआत है. आने वाले 4-5 सालों में ये संख्या 50 से 60 हजार होगी, जिसे 1.25 लाख तक ले जाया जाएगा. शुरुआत कम भर्ती से की जा रही है, ताकि चीज़ों को जांचा परखा जा सके. इसी पर लेफ्टिनेंट जनरल बंसी पोनप्पा ने कहा कि दिसंबर के पहले हफ्ते में 25 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी और अगले साल फरवरी तक 40 हजार भर्तियां कर ली जाएंगी.
वहीं पहली भर्ती को लेकर एयरमार्शल एस के झा ने बताया कि 24 जून से रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएंगे और 24 जुलाई से ऑनलाइन टेस्ट भी शुरू हो जाएंगे. वहीं नेवी के वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि इसी साल, 21 नवबंर से अग्निवीरों के पहले बैच की ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रक्षा मंत्रालय की तरफ से एक नया ऐलान किया गया. लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने बताया कि सेना में सर्विस के दौरान शहीद होने पर 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.
इधर प्रदर्शन के दौरान अलग अलग विभागों में अग्निवीरो के लिए निकाली जा रही वेकेंसी पर भी सरकार ने पक्ष रखा है. रक्षा मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि ये पहले से तय था. ऐसा नहीं है कि विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बाकी विभाग अग्निवीरों के लिए वेकेंसी निकाल रहे हैं. कहा गया कि जो भी घोषणाएं की गई हैं, चाहें वो पहली भर्ती के लिए उम्र में छूट देना हो या फिर अलग-अलग मंत्रालयों की नौकरी में आरक्षण, ये सब पहले से ही तय था.
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में डिफेंस अधिकारियों से सवाल पूछा गया कि उन अभ्यर्थियों का क्या होगा, जो कई सारे टेस्ट पास कर चुके हैं और कॉल लेटर का इंतजार कर रहे हैं. इससे जवाब में अधिकारियों ने कहा कि अब सारी भर्तियां अग्निपथ योजना के जरिए होंगी और सभी अभ्यर्थियों को इसकी प्रक्रिया से गुजरना होगा.