इस सरकारी टीचर ने अपनी क्लास के लिए जो किया, वो अद्भुत है
सारे सरकारी मास्साब एक-से नहीं होते. कुछ बहुत अच्छे होते हैं.
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फोटो - thelallantop
अन्नपूर्णा तमिलनाडु के विल्लुपुरम् में रहती हैं. यहां के पंचायत यूनियन प्राइमरी स्कूल में तीसरी जमात के बच्चों को अंग्रेज़ी पढ़ाती हैं. वो सवाल करती हैं कि सिर्फ शहरी स्कूल के बच्चों के पास ही सारी सुविधाएं क्यों हों? और जवाब के लिए किसी का मुंह नहीं ताकतीं. उन्होंने अपने खर्च पर अपनी क्लास में इंटरैक्टिव स्मार्ट बोर्ड, इंग्लिश की किताबें और आरामदायक फर्नीचर मंगवाया है- वो सब जो सरकारी स्कूल के बच्चों को विरले ही देखने मिलता है. और इसके लिए उन्होंने अपने गहने बेच दिए हैं.

अन्नपूर्णा को उनके काम के लिए इनाम भी मिले हैं. (फोटोः फेसबुक)
अन्नपूर्णा ने क्लास को हाई-टेक बना दिया है. वो इस बात का ख्याल रखतीं हैं कि उनकी क्लास में सब बच्चे इंग्लिश में ही बात करें. उनका मानना है कि उनके स्टूडेंट सिर्फ इस वजह से पढ़ाई में नहीं पिछड़ने चहिए क्योंकि वो पंचायत स्कूल में पढ़ते हैं. वो कहती हैं 'मैं अपनी क्लास में इंग्लिश का माहौल बनाने की पूरी कोशिश करती हूं. मैं शुरू से लेकर आखिर तक उनसे इंग्लिश में ही बात करती हूं. पहले कुछ स्टूडेंट को समझ नहीं आता था, फिर धीरे-धीरे उन्होंने जवाब देना शुरू कर दिया.'
अन्नपूर्णा पढ़ाते हुए काफी आसान शब्दों यूज़ करती हैं ताकि बच्चे बोर न हों. वो हर पाठ की छोटी-छोटी स्किट बना देती हैं जिसमें बच्चे हिस्सा लेते हैं. बच्चों की परफॉरमेंस को वो बाद में फेसबुक पर भी पोस्ट करती हैं.
सोशल मीडिया की मदद से उनका काम देश के बाहर तक भी पहुंचा है. कई देशों से उन्हें मदद मिलनी शुरू हो गई है. लेकिन उनकी क्लास में नज़र आने वाली रौनक उनके अकेले की मेहनत का नतीजा है. उनके इस कदम को हम अपना सलाम भेजते हैं.
ये आर्टिकल दी लल्लनटॉप के साथ इंटर्नशिप कर रहे भूपेंद्र ने लिखा है.
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