मराठा आरक्षण: जरांगे ने CM शिंदे के हाथ से जूस पीकर तोड़ा अनशन, क्या सारी मांगें मान ली गईं?
27 जनवरी को मनोज जरांगे पाटिल ने मराठा आरक्षण की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन भी खत्म कर दिया. बोले- मुख्यमंत्री ने अच्छा काम किया है.

मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) की मांग पर प्रदर्शन कर रहे मनोज जरांगे पाटिल (Jarange Patil) ने अब ये प्रदर्शन खत्म करने का ऐलान कर दिया है. खबर है कि महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने उनकी मांगें मान ली हैं. एक दिन पहले ही जरांगे ने सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि अगर 27 जनवरी की सुबह तक मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे मुंबई के आजाद मैदान पहुंचकर आंदोलन करेंगे. इसके बाद 26 जनवरी की रात आरक्षण से जुड़ी मांगों पर अध्यादेश का ड्राफ्ट तैयार कर जरांगे को भेजा गया. CM एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) से जरांगे की फोन पर बात भी कराई गई.
इसके बाद मनोज जरांगे पाटिल ने मीडिया से कहा-
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अच्छा काम किया है. हमारा विरोध अब खत्म हो गया है. हमारा अनुरोध स्वीकार कर लिया गया है. हम उनका पत्र स्वीकार करेंगे.
27 जनवरी की सुबह CM शिंदे ने जरांगे से मुलाकात भी की और जूस पिलाकर जरांगे का अनशन खत्म कराया. फिर दोनों ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर माला चढ़ाई.
महाराष्ट्र के मंत्री मंगल प्रभात ने कहा,
मनोज जरांगे पाटिल के नेतृत्व में मराठा आरक्षण के लिए महाराष्ट्र में जो आंदोलन चल रहा था वो समाधान पर पहुंच गया है. आज अध्यादेश पारित किया गया है उसमें सभी समस्याओं का समाधान है.
बता दें, ये विरोध मार्च 20 जनवरी को जालना से शुरू हुआ था. 26 जनवरी को जरांगे लाखों समर्थकों के साथ नवी मुंबई के वाशी पहुंचे. उनका आजाद मैदान में भूख हड़ताल करने का प्लान था.
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क्या मांगें पूरी हुई?अब तक जिन 54 लाख लोगों के कुनबी होने का प्रमाण मिला है, उन्हें कुनबी का कास्ट सर्टिफिकेट दिया जाएगा. इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है.
मराठा प्रदर्शनकारियों को उन 37 लाख लोगों का डेटा दिया जाएगा जिन्हें सर्टिफिकेट दिए जा चुके हैं.
आरक्षण मिलने तक मराठा लड़कियों को पोस्ट ग्रेजुएशन तक मुफ्त शिक्षा दी कराएगी.
जिन लोगों का रजिस्ट्रेशन हुआ है उनके करीबी रिश्तेदारों को भी कुनबी सर्टिफिकेट दिया जाएगा.
राज्य में अलग-अलग जगहों पर आंदोलन के दौरान जिन प्रदर्शनकारियों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं वो वापस लिए जाएंगे.
मराठाओं के कुनबी रिकॉर्ड की खोज करने के लिए बनी कमेटी का कार्यकाल दो महीने से बढ़ाकर एक साल कर दिया जाएगा.
वीडियो: सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को असंवैधानिक करार देते हुए क्या कहा?