राजनीतिक उठापटक के बीच महाराष्ट्र में आज और क्या हो सकता है?
दिल्ली में देवेंद्र फडणवीस और अमित शाह की बैठक चल रही है.

महाराष्ट्र की राजनीतिक उठापटक में अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है. शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि उनके पास पार्टी के 38 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. वहीं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के धड़े का कहना है कि गुवाहाटी में बैठे कई विधायक उनके संपर्क में हैं और जैसे ही वे महाराष्ट्र वापस आते है, तस्वीर पूरी साफ हो जाएगी. इसलिए मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनजर महाराष्ट्र की राजनीति कई महत्वपूर्ण चीजें होने वाली हैं.
इंडिया टुडे के किरन तारे की रिपोर्ट के मुताबिक उद्धव ठाकरे आज शिवसेना के जिला प्रमुखों के साथ बैठक करेंगे. यह मीटिंग महत्वपूर्ण है क्योंकि बागी विधायकों की बढ़ती संख्या का फायदा एकनाथ शिंदे को मिलेगा और वे पार्टी के चिह्न (धनुष और बाण) पर अपना दावा पेश कर सकते हैं.
बीती रात, 23 जून को उद्धव ने जोनल प्रमुखों को निर्देश दिया था कि वे पार्टी की हर इकाई से मुलाकात करें और कार्यकर्ताओं को ‘हिंदुत्व के लिए' लड़ने को कहें.
उपाध्यक्ष की भूमिका महत्वपूर्णइसके अलावा लोगों की नजरें विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल पर भी बनी रहेंगी. उद्धव ठाकरे समूह ने उन्हें एक पत्र लिखकर एकनाथ शिंदे कैंप के 12 विधायकों को बर्खास्त करने की मांग की है. इसमें शिंदे का भी नाम शामिल है.
इसके जवाब में बागी विधायकों ने एकनाथ शिंदे को अपना नेता चुन लिया है और भरत गोगावले को चीफ व्हिप नियुक्त किया है. इसे लेकर उन्होंने जिरवाल को एक पत्र लिखा है, जिसमें 37 विधायकों के हस्ताक्षर हैं.
फडणवीस और शाह की बैठकमहाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस समय दिल्ली में हैं और अमित शाह से उनकी बातचीत चल रही है. ऐसा माना जा रहा है कि दोनों मिलकर मौजूदा स्थिति में बीजेपी के लिए रणनीति बना रह हैं, जिसके बाद कोई बड़ा निर्णय हो सकता है.
इसके अलावा उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर भी लोगों की नजरें हैं. उन्होंने हाल ही में एक बयान दिया था कि एकनाथ शिंदे द्वारा उठाए गए कदमों के पीछे बीजेपी नहीं है. हालांकि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने इस बात को खारिज किया था, लेकिन फिर भी अजित पवार क्या कदम उठाते हैं, ये महत्वपूर्ण रहेगा.
मालूम हो कि महाराष्ट्र की विधानसभा में कुल 287 सीटें हैं. इसलिए विश्वासमत जीतने के लिए 144 वोटों की जरूरत है.
शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर 169 सीटों के साथ सरकार बनाई थी. ऐसे में अगर शिंदे कैंप के विधायक इस्तीफा देते हैं, तो महा विकास अघाडी सरकार अल्पमत में चली जाएगी और उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली सरकार गिर सकती है.