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क्या 'महाभारत' में काम करने वाले थे गोविंदा, चंकी पांडे और राम्या कृष्णन?

क्या इन एक्टर्स ने मेन रोल्स के लिए ऑडिशन भी दिए थे?

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'लव 86' फिल्म में गोविंदा, अर्जुन के रोल में अर्जुन फ़िरोज़ खान, शिवगामी के रोल में राम्या कृष्णन
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विजेता दहिया
8 मई 2020 (Updated: 8 मई 2020, 11:35 AM IST) कॉमेंट्स
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'डर' फिल्म में शाहरुख़ के बजाए अगर आमिर होते तो फिल्म कैसी होती? 'शोले' फिल्म में गब्बर सिंह का रोल अगर डैनी करते, तो कैसा करते? फ़िल्मी चर्चा में इस तरह के मज़ेदार सवाल उठते रहते हैं. लेकिन ऐसा होता भी है. जिन सीरियल्स और फिल्मों को जिन एक्टर्स की वजह से याद किया जाता है, उन्हीं के रोल में पहली चॉयस कोई और रहा होता है. कुछ ऐसी ही बातें महाभारत सीरियल को लेकर पता चलीं. एक ऑनलाइन इंटरव्यू के जरिए जो रेडियो जॉकी अनमोल इस सीरियल के एक्टर्स के साथ कर रहे थे. इस इंटरव्यू का हिस्सा थे अर्जुन का रोल करने वाले अर्जुन फ़िरोज़ खान, द्रौपदी का रोल करने वाली रूपा गांगुली, युधिष्ठिर का रोल करने वाले गजेंद्र चौहान, शकुनि का रोल करने वाले गूफी पेंटल, दुर्योधन बने हुए पुनीत इस्सर, और भीष्म पितामह यानि मुकेश खन्ना. इनकी बातचीत से इस एपिक सीरियल की कास्टिंग को लेकर कुछ बातें पता चलीं. आप भी जानिए. अर्जुन के रोल में किन फिल्म स्टार्स ने ऑडिशन दिया?  ऑडिशन के समय फ़िरोज़ को ज़्यादा कुछ पता नहीं था. उन्होंने बस 'महाभारत' का वो प्रतीक चिन्ह (पोस्टर) देखा था, जिसमें उन्हें दिखाई दिए एक बहुत ही खूबसूरत भगवान और उनके साथ में खड़ा हुआ एक हैंडसम व्यक्ति अर्जुन. इसके अलावा उन्हें कुछ मालूम नहीं था. उनको जब डायलॉग पढ़ने के लिए दिया गया तो उनके पास एक और शख्स बैठा था. उसका नाम था गोविंदा. वही जो बाद में 'राजा बाबू' वाला गोविंदा बना.
फ़िरोज़ ने हिंदी (देवनागरी) में लिखी हुई वो स्क्रिप्ट पढ़ी. उन्हें यह थोड़ा मुश्किल लगा. ऐसे में उन्होंने गोविंदा से एक बार पढ़कर बताने की गुज़ारिश की, ताकि फ़िरोज़ उसे अंग्रेज़ी में लिख सकें. गोविंदा भी वहां ऑडिशन देने आए थे. लिस्ट में फ़िरोज़ से ठीक पहले उनका नाम था. इस रोल के लिए ऑडिशन देने वालों में मुकेश खन्ना और पंकज धीर भी थे. 2016 में हिंदुस्तान टाइम्स को दिए गए एक इंटरव्यू में पंकज धीर ने बताया था कि अर्जुन के रोल के लिए उन्हें चुना गया था. उनको अपनी मूंछें साफ़ करवाने के लिए कहा गया. लेकिन उन्होंने कहा कि रोल जाए, लेकिन मूंछ ना जाए. इस वजह से उन्हें शो से निकाल दिया गया. चार महीने बाद बी.आर.चोपड़ा ने उन्हें कर्ण का रोल ऑफर किया. अप्रैल 2020 के एचटी के ही अन्य इंटरव्यू में फ़िरोज़ ने बताया कि अर्जुन के रोल के लिए जैकी श्रॉफ को भी चुना गया था. लेकिन इसे उनकी किस्मत ही कहिए गोविंदा, जैकी की जगह ये रोल उन्हें मिला. एक बार रिजेक्ट हो जाने पर भी रोल किस तरह मिला? दरअसल, गूफी ने उनकी मदद की. यहां यह जानना जरूरी है कि गूफी इस सीरियल के कास्टिंग डायरेक्टर और असोसिएट डायरेक्टर भी थे. उन्होंने फ़िरोज़ को एक दिन बुला लिया. वे वहां गए, तो उनको सफ़ेद वस्त्र पहनने के लिए कहा. उसके बाद गूफी ने मेक-अप आर्टिस्ट चमन को कहा कि इनको मूंछें लगा दो. इस तरह तैयार होकर फ़िरोज़ टीम के सामने पेश हुए. इस मीटिंग के बारे में फ़िरोज़ बताते हैं:
"चोपड़ा साब का कमरा ऊपर था. फर्स्ट फ्लोर पर. जैसे ही मैंने कॉस्ट्यूम पहने हुए दरवाज़ा खोला, वहां मैंने देखा कि पंडित नरेंद्र शर्मा जी, राही मासूम रज़ा, सतीश भटनागर साब, सब बैठे हुए थे. तो जैसे ही नरेंद्र शर्मा जी पलटे, उन्होंने मुझे प्रणाम किया और मुझको कहा कि आइए अर्जुन, आइए. तो मैंने पीछे पलटकर देखा कि भाई, कौन है अर्जुन. तब उन्होंने मुझे चुना. गूफी ने पूछा भी, कि पापा जी, आपने तो इसे रिजेक्ट कर दिया था. तो वे बोले कि नहीं नहीं, कुछ नहीं. बस यही, हमें हमारा अर्जुन मिल गया."
आपको बता दें कि बलदेव राज चोपड़ा ने महाभारत सीरियल को प्रोड्यूस किया था. उनके बेटे डायरेक्टर रवि चोपड़ा ने उनके साथ मिलकर इसे डायरेक्ट किया. डॉक्टर राही मासूम रज़ा एक जाने-माने लेखक और कवि थे, जिन्होंने महाभारत सीरियल का स्क्रीनप्ले लिखा. पंडित नरेंद्र शर्मा एक लेखक, कवि और गीतकार थे. सैकड़ों फिल्मों के लिए गाने लिखने के बाद उन्होंने 'महाभारत' के लिए गाने लिखे. सीरियल की कास्टिंग में भी मदद की. सीरियल के ऑन-एयर होने के चार महीने बाद ही 76 साल की उम्र में उनकी मृत्यु हो गई. कौन थे द्रौपदी और अभिमन्यु के रोल के लिए पहली पसंद? फ़िरोज़ आगे का किस्सा बताते हैं:
"मेरे बाईं ओर जब मैंने नज़र डाली. जो ओरिजिनल द्रौपदी थी, उसका फोटो सैशन चल रहा था. और जितना मुझे याद है, वह थी जूही चावला. उन्हीं के साथ मेरे फोटो सैशन वगैरह हुए थे. और वह दिन था, जिस दिन मैंने अर्जुन के रूप में जन्म लिया."
उस समय जूही चावला को 'क़यामत से क़यामत तक' फिल्म मिल गई. इसलिए उन्होंने द्रौपदी का रोल छोड़ दिया. एचटी के दिए इंटरव्यू में गूफी पेंटल ने इस बारे में बताया था. जूही के जाने के बाद फिर से तलाश शुरू हुई. आखिरकार दो एक्ट्रेस को शॉर्टलिस्ट किया गया. एक तो रूपा गांगुली, जिन्होंने आखिरकार यह रोल किया. और दूसरी एक्ट्रेस थीं राम्या कृष्णन. जो 'बाहुबली' फिल्म में राजमाता शिवगामी बनी थीं. वे तमिल, तेलुगु, मलयालम फिल्मों में अपने करियर की शुरुआत कर चुकी थीं. हालांकि उस समय राम्या की हिंदी बहुत अच्छी नहीं थीं. इस वजह से द्रौपदी वाला रोल उनके हाथ से निकल गया. लेकिन 1988 की फिल्म 'दयावान' से उन्हें हिंदी फिल्मों में पहला ब्रेक मिला. फिल्म में विनोद खन्ना और फ़िरोज़ खान के साथ उनका ये गाना भी था -
'चाहे मेरी जान तू ले ले, चाहे ईमान तू ले ले, प्यार एक बार तो दे दे, हैय्या हो हैय्या'
अभिमन्यु के रोल की कास्टिंग के बारे में गजेंद्र चौहान और गूफी पेंटल ने खुलासा किया. बताया कि गोविंदा को अभिमन्यु के रोल के लिए फाइनल कर दिया गया था. लेकिन उसी समय उन्हें 'लव 86' फिल्म मिल गई. इसलिए उन्होंने यह रोल छोड़ दिया. उसके बाद चंकी पांडे को इस रोल में लिया गया. लेकिन किसी फिल्म में रोल मिल जाने के कारण वे भी पीछे हट गए. आखिरकार, मास्टर मयूर राज वर्मा ने यह रोल निभाया. जो 1978 की फिल्म 'मुक़द्दर का सिकंदर' में अमिताभ के बचपन वाले रोल में दिखे थे.
वीडियो देखें: दूरदर्शन टीवी सीरियल महाभारत में युधिष्ठिर ने कैसे दिए यक्ष प्रश्नों के उत्तर? 

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