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संसद में रोने की बात पर इंटरव्यू में क्या बोले योगी आदित्यनाथ?

लल्लनटॉप के इंटरव्यू में जब सीएम योगी से इस बारे में पूछा गया

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दी लल्लनटॉप के संपादक सौरभ द्विवेदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इंटरव्यू लिया है.
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अभय शर्मा
13 जनवरी 2022 (Updated: 13 जनवरी 2022, 02:24 PM IST) कॉमेंट्स
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यूपी विधानसभा चुनाव-2022 का बिगुल बज चुका है. चुनाव की तारीखों का ऐलान भी हो चुका है. सभी पार्टियों के नेता वोटरों को अपनी ओर खींचने के लिए तरह-तरह से प्रयास कर रहे हैं. कुछ नेताओं ने पाला भी बदला है, जिससे यूपी का सियासी पारा और चढ़ गया है. इस सियासी ताप के बीच दी लल्लनटॉप ने इंटरव्यू किया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का. संपादक सौरभ द्विवेदी ने उनसे सरकार के कामकाज और तमाम बड़े विवादों से लेकर जन सरोकार से जुड़े मुद्दों पर सीधे सवाल पूछे. इस दौरान योगी आदित्यनाथ से एक सवाल पूछा गया कि उन्होंने फरवरी में विधान परिषद में नाराज होकर विपक्ष के नेताओं से कहा था कि अभी पेट दर्द सही कर दूंगा तुम लोगों का. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा,
"उस दिन विपक्ष के कुछ सदस्य बहुत तेजी के साथ अपनी बाँह ऊपर कर रहे थे, तो मैंने कहा कि ज्यादा गर्मी दिखाने की जरूरत नहीं है. तो वे बोले दर्द हो रहा है इसलिए बांह ऊपर कर रहे हैं, तो मैंने कहा इस दर्द का उपचार करने के लिए ही तो हम यहां बैठे हैं. इसका उपचार तो हमारे पास है ही."
मुख्यमंत्री के इस जवाब पर सौरभ द्विवेदी ने उनसे कहा कि जब आपके इस तरह के बयान आते हैं, तो समाजवादी पार्टी के लोग सोशल मीडिया पर आपकी एक पुरानी क्लिप चलाते हैं, यह क्लिप उस भाषण की है जिसे देते हुए आप संसद में रोये थे और कहा था कि जैसे नक्सली सुनील महतो को मारा वैसे मुझे भी मार देंगे. क्या आपको वो प्रसंग याद है, तब क्या परस्थितियां थीं? इसपर योगी आदित्यनाथ कहते हैं,
"देखिए समाजवादी पार्टी की सरकार के समय सुनियोजित तरीके से गोरखपुर में दंगे करवाए गए. गोरखपुर में क्या पूरे राज्य में ही दंगे होते थे. लेकिन गोरखपुर में मोहर्रम के जलूस में जाने वाले उपद्रवी एक हिंदू बालिका को छेड़ते हैं, उसको ले जाने का प्रयास करते हैं, तब एक व्यापारी लड़का उस लड़की को बचाता है, वह लड़की को तो बचा लेता है, लेकिन उस लड़के के पीछे लोग भागते हैं, वह पुलिस की जीप में घुस जाता है. उन लोगों ने पुलिस की जीप से उसे खींचकर उसकी चाक़ू से गोदकर हत्या कर दी. उसके घरवालों को शव नहीं दिया, मिट्टी का तेल छिड़ककर उसमें आग लगा दी गई."
सीएम योगी सपा सरकार में अपने ऊपर हुए मुकदमों के बारे में बताते हुए कहते हैं,
"गोरखपुर में इस घटना के बाद व्यापारियों के कई प्रतिष्ठानों में आग लगाई गयी थी. और जिन व्यापारियों ने एप्लीकेशन दी उनके खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर दिया गया. कानून व्यवस्था की ऐसी बदहाली थी उस समय कि सपा सरकार में न तो राह चलती  बेटियां सुरक्षित थीं और न नौजवान और ना ही व्यापारी सुरक्षित थे. अगर कोई व्यक्ति सुरक्षा की मांग करता था तो उसे झूठे मुकदमों में फंसा दिया जाता...मैं उस दिन वहां था नहीं, मैं कुशीनगर से वापस आ रहा था. मुझे रोका गया और जेल भेज दिया गया, 101/16 में मुझ पर मुकदमे दर्ज किए गए, जिसपर कोर्ट  ने सवाल उठाए, फिर इन्होंने बैकडेट में मुझपर गंभीर मामलों में मुकदमे दर्ज किए. समाजवादी पार्टी की फितरत थी झूठे मुक़दमे लगाने की. आज जब अपराधियों पर कार्रवाई होती है, इनके कारनामे सामने आते हैं तो इनको पीड़ा होती है.''

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